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PANKAJ D RAPPER
Arz kiya hai Tum meri post dekh kar agge na bad jana tum meri post dekh kar agge na bad jana chlo thik h chle jana pr jate jate like follow kr jana 😅😣😣 follow me for morw fun कुछ अलग मिलगा यहाँ तो जाओगे कहा #pankajdrapper #Nojoto #Life #followme #Trending #shayri #Funny #Comedy #poem #Lik
Parul Sharma
प्रेम वो झांसा है जिसमें आपको प्रेम के बदले प्रेम मिलगा इस बात पर आश्वास्त किया जाता है ©Parul Sharma प्रेम वो झांसा है जिसमें आपको प्रेम के बदले प्रेम मिलगा इस बात पर आश्वास्त किया जाता है पारुल शर्मा #NojotoHindi#Noj
प्रेम वो झांसा है जिसमें आपको प्रेम के बदले प्रेम मिलगा इस बात पर आश्वास्त किया जाता है पारुल शर्मा HindiNoj
read moreSanjay Sharma Saras
लुळ-लुळ करै जुहार, साजण सामी गोरड़ी, कद निरखै ! भरतार , दोयूं नैंण उडीकता। ©Sanjay Sharma Saras #राजस्थानी_सोरठा लुळ-लुळ करै जुहार, साजण सामी गोरड़ी, कद निरखै ! भरतार , दोयूं नैंण उडीकता। ©® संजय शर्मा 'सरस' अर्थ - अपने साजन के सामने ब
#राजस्थानी_सोरठा लुळ-लुळ करै जुहार, साजण सामी गोरड़ी, कद निरखै ! भरतार , दोयूं नैंण उडीकता। ©® संजय शर्मा 'सरस' अर्थ - अपने साजन के सामने ब
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गुपाल /भुजंगिनी छन्द हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। तव लिए रखूँ , मैं उपवास । बनी रहूँगी , पद की दास ।। देखो आया , बालक द्वार । करो नही तुम , आज प्रहार ।। आया अब है , ऊँट पहाड़ । छूते नभ को , बनकर ताड़ ।। ०३/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गुपाल /भुजंगिनी छन्द हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। तव लिए रखूँ , मैं उपवास । बनी रहूँगी , पद की दास ।। देखो आया ,
गुपाल /भुजंगिनी छन्द हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। तव लिए रखूँ , मैं उपवास । बनी रहूँगी , पद की दास ।। देखो आया ,
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गुपाल /भुजंगिनी छन्द आठ सात पर यति चरणांत एक दो एक । हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। करता तेरा , हूँ उपवास । पथ दिखलाओ , करूँ विकास ।। देखो आया , बालक द्वार । करो नही तुम , आज प्रहार ।। आया अब है , ऊँट पहाड़ । छूते नभ को , बनकर ताड़ ।। ०३/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गुपाल /भुजंगिनी छन्द आठ सात पर यति चरणांत एक दो एक । हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। करता तेरा , हूँ उपवास । पथ दिखलाओ
गुपाल /भुजंगिनी छन्द आठ सात पर यति चरणांत एक दो एक । हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। करता तेरा , हूँ उपवास । पथ दिखलाओ
read moreAnita Saini
जान बणार जीवण म राखज्यो मानै माण बणार आँख्याँ म राखज्यो मानै लाज बणार माथा प राखज्यो मानै ताज बणार छाती प राखज्यो मानै मोत्यां रो हार बणार म थारी गौरड़ी जी थानै राखस्यूं भरतार माथे रो बोरलो सो सजार हिवड़े म राखज्यो मानै जान बणार जीवण म राखज्यो मानै माण बणार आँख्याँ म राखज्यो मानै लाज बणार माथा प राखज्यो मानै ताज बणार
हिवड़े म राखज्यो मानै जान बणार जीवण म राखज्यो मानै माण बणार आँख्याँ म राखज्यो मानै लाज बणार माथा प राखज्यो मानै ताज बणार
read moreAashutosh Aman.
#hindisahitya#hindikavita#tulsi janma bhoomi sukar kshetra soron ji district kasganj u p 🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्य के स्वामी हो तुम और योग पर अधिकार भी । सत्य गामी भी हो तुम और ईश् के अवतार भी। । श्रद्धा और विश्वास से करते हो तुम व्यवहार भी। अन्याई हैं हम भी तुम्हारे इसलिए भरतार भी।। हम नमन करते हैं तुमको मानकर करतार भी फिर असत्य का साथ क्यों करते न क्यों प्रतिकार जी।।। करबद्ध विनती आपसे करते हम हर बार जी। आप जन नायक, हृदय आदर्श हो सरकार जी।। आशुतोष अमन🙏🙏🙏🙏🙏 ___________&&&&--&&&&&&& ©Aashutosh Aman. #hindisahitya#hindikavita#tulsi janma bhoomi sukar kshetra soron ji district kasganj u p 🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्य के स्वामी हो तुम और योग पर अधिकार भी ।
#hindisahitya#hindikavita#tulsi janma bhoomi sukar kshetra soron ji district kasganj u p 🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्य के स्वामी हो तुम और योग पर अधिकार भी ।
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
बोल रहा मुंडेर पर , निशिदिन मेरे काग । कहता जीवन भर मिले , तुझे सजन अनुराग ।। १ सावन से पहले सजन , आ जाना इस बार । कब तक करती मैं रहूँ , यह विरहन शृंगार ।। २ पिया यही अनुराग तो , है मेरा शृंगार । बिन तेरे झूठा लगे , मुझको यह संसार ।। ३ मिले पिता अनुराग जो , बच्चे हो सम्पन्न । घर आँगन खुशियां खिलें , देखो सभी प्रसन्न ।। ४ सावन के झूले पड़े , पूर्वा चले बयार । नैना प्यासे दीद को , आ जाओ भरतार ।। ५ आज उसी अनुराग से , भर दो मेरी माँग । खिल जाऊँ बनके कली , दूँ कोयल सी बाँग ।। ६ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR बोल रहा मुंडेर पर , निशिदिन मेरे काग । कहता जीवन भर मिले , तुझे सजन अनुराग ।। १ सावन से पहले सजन , आ जाना इस बार । कब तक करती म
बोल रहा मुंडेर पर , निशिदिन मेरे काग । कहता जीवन भर मिले , तुझे सजन अनुराग ।। १ सावन से पहले सजन , आ जाना इस बार । कब तक करती म
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