Find the Latest Status about मणिपुर सटा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मणिपुर सटा.
कलम की दुनिया
तुमने निर्वस्त्र नही किया सिर्फ स्त्री को तुमने निर्वस्त्र किया भारत की मर्यादा को तुमने निर्वस्त्र किया भारत की सभ्यता को तुमने निर्वस्त्र किया भारत की अस्मीता को तुमने निर्वस्त्र कर दिया भारत माता को था तुम्हारा आक्रोश तुम कर राख घरों को बदला तो ले रहे थे थी तुम्हारी भीतर क्रोध की अग्नि तुम कर हत्या वहां के इंसान का बदला तो ले रहे थे देवों, ऋषियों की भूमि को तुमने हैवानियत के नाम कर दिया विश्व पटल पर तुमने मां भारती को शर्मशार कर दिया तुमने निर्वस्त्र नहीं किया सिर्फ स्त्री को तुमने निर्वस्त्र कर दिया भारत मां को ये कैसी मानसिकता तुम्हारी अपनी बहन की इज्जत तुम्हें प्यारी और दुसरो की बहन बस भोग की थारी तुमने निर्वस्त्र नहीं किया स्त्री को तुमने निर्वस्त्र कर दिया भारत मां को ©कलम की दुनिया #मणिपुर
Aditya Neerav
घटनाएं शर्मसार करती हैं मानवता को तार-तार करती हैं मर्यादा को लांघकर बर्बरता को पार करती हैं ©Aditya Neerav #मणिपुर
करन सिंह परिहार
सुन कर चीखें अबलाओं की, मैं व्याकुल होकर सिहर गया। फिर हृदय कंपनों की गति का, आवेग तीव्र हो बिखर गया। यह राज भोग का महा ज्वार। कंचन महलों का विष अपार। सत्ता की गलियों का सियार। बस नोच रहा तन का शृँगार। क्या मानवता का यही सार। जो हुई आबरू तार तार। नारी जो जीवन का अधार, कर रही धरा पर चीत्कार, लेकिन गूँगे, अंधे शासक , झूठे उद्गार सुनाते हैं। कुर्सी की लालच में बँधकर, हो मौन पलक झपकाते हैं। शकुनी के फेंके पासों से, मानवता में विष उतर गया। फिर द्वापर का दृश्य भयावह, मेरी आँखों में पसर गया। ©Karan #मणिपुर
खामोशी और दस्तक
ताज्जुब नहीं करना अब अगर इस पीढ़ी की बच्चियां भीड़ से डरने लगें जहां देखें वो कोई पुरुष हनुमान चालीसा या कलमा पढ़ने लगे सहमी सहमी सी रहे हर पल अपनों को भी खुद से दूर करने लगे ताज्जुब नहीं करना अब अगर इस पीढ़ी की बच्चियां उम्र से पहले 'कुछ'सवाल करने लगे परखने लगे आंखों से हवस ख़ुद के पर कतरने लगे बंद करने लगे खुद को चार दिवारी में अपने सपनों के पर कतरने लगे खोने लगे उनकी हंसी की खनक रुह उनकी सड़ने लगे। ©खामोशी और दस्तक #मणिपुर
Mohini Maurya
हजारों की भीड़ में सहमें उन कदमों का डर अपमान को सहते हुये आंखों से निकले उन आंसुओं का दर्द इंसानियत को शर्मसार करने वाली वो चीख बस अब यही कहती है "अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो" #मणिपुर ©Mohini Maurya #मणिपुर
Ravindra Singh
ऐसी भी क्या नफ़रत , महिलाओं को नग्न कर, भरे बाज़ार घुमाया गया । ये समाज दिन व दिन , न जाने किस नफ़रत की आग में जल रहा है । ये जाति व धर्म की लड़ाई एक दिन इसी के बच्चों के भविष्य को ना निगल जाये । ©Ravindra Singh मणिपुर
मणिपुर
read moreRashmi rati
नामर्दों की भीड़ है मुर्दा समाज है निष्ठुर हृदय संवेदना का मोहताज है हैवानियत को देख सुन हर नजर सवालिया है चुप है जो अब तक भी वो मानसिक दिवालिया है नोच रहे थे गिद्ध उन्हें गीदड़ों के सामने निकलकर आया नहीं जिस्म कोई ढांकने भारतीयों का सिर क्यूँ शर्म से झुका नहीं पूछो ये सिलसिला क्यूँ अंत तक रुका नहीं कैसे तुमको नींद आई और कैसे तुम रह पाए इतनी हिंसा इतनी जुल्मत आखिर कैसे सह पाए ये कहाँ का सुशासन है और कैसी सुरक्षा है अब तो यकीं हो चला कि नपुंसक व्यवस्था है इन आँखों में लहू है और जहन में उबाल है उस 56 इंची सीने से मेरा इक सवाल है घर जलता देखकर क्यूँ एक पल ठहरे नहीं तुम चुल्लू भर पानी में क्यूँ डूब के मरे नहीं ©Rashmi rati #मणिपुर
@YahanZazbaatBikteHai..
जात धर्म में बट गया इंसा सागर धरा बटा संसार कुंठित हृदय भ्रमित बुद्धि बदल गया राजनीति का सार न रहे धर्म योद्धा और कृष्ण टूटे तीर बेधार तलवार शस्त्र शास्त्र खुद ही उठालो न जाने कब हो अवतार समय समय पर चीरहरण होता रहता अनेको प्रकार अब स्त्री लाज़ तुम्हारे हाथो न सहन करो ये अत्याचार निंद्रा से जागो स्वयं को झांको याद करो तुम शपत भीम की महाभारत को हो तैयार #मणिपुर ©@YahanZazbaatBikteHai.. #मणिपुर
Aakanksha Sahu
ये कलियुग है कोई ना आएगा तेरी लाज बचाने को तुझे शस्त्र उठाने होंगे , अपने मान को पाने को खुद को इतना सशक्त बना, तू किसी समूह की मोहताज नही अब बन अपने में सक्षम! कोई और रक्षक बन आए इतनी अब दुनिया की औकात नहीं ©Aakanksha Sahu #mask #मणिपुर