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Stories related to शत्रु विनाशक आदित्य हृदय स्तोत्र

Shivkumar barman

*दीपावली पर्व की शुभकामना* दीपावली का पर्व करता मुझसे यही प्रस्तवाना आत्मिक संप्रभुता की हृदय में करूं संस्थापना सादगीयुक्त नवीन सुन्दरता

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दीपावली का पर्व करता मुझसे यही प्रस्तवाना
आत्मिक संप्रभुता की हृदय में करूं संस्थापना

सादगीयुक्त नवीन सुन्दरता जीवन में अपनाऊं
मन को सुकून देने वाला संदेश सबको सुनाऊं

अपने घर की तरह मन बुद्धि भी स्वच्छ बनाऊं
दिव्य गुणों सुगन्ध से अपना हृदयतल महकाऊं

मन का अंधेरा मिटाने वाला दीपक मैं जलाऊं
हर आत्मा का मुख मण्डल देदीप्यमान बनाऊं

सम्मानयुक्त मीठे बोल वाणी से सबको सुनाऊं
सुख शांति भरी शुभकामना सबको देता जाऊं

©Shivkumar barman *दीपावली पर्व की शुभकामना*

दीपावली का पर्व करता मुझसे यही प्रस्तवाना
आत्मिक संप्रभुता की हृदय में करूं संस्थापना

सादगीयुक्त नवीन सुन्दरता

IG @kavi_neetesh

#GoodMorning प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ कविताएं कविता कोश हिंदी कविता “ निशीथ का दिया “ तुम जलो , जलना तुम्हें है तुम चलो , चलना तुम्ह

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बेजुबान शायर shivkumar

तुम मुझे मिलोगी जब ये #बनारस की #घाट पर उस दिन मां #गंगा की शांत #लहरों में समंदर सा उफ़ान आयेगा ! तुम्हारे #नेत्रों में दिखेंगे जब

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तुम मुझे मिलोगी जब
ये बनारस की घाट पर
उस दिन मां गंगा की शांत लहरों में
समंदर सा उफ़ान आयेगा !

तुम्हारे नेत्रों में दिखेंगे जब 
गंगा में चमकते दिए !
उस दिन उन लहरों को अभिमान होगा
तुम्हारे नेत्रों में चमकने का !

उस दिन संभवतः मेरा हृदय 
तुमपे पार पाएगा !
संभवतः कुछ ना भी दिख इस संसार में
फिर भी तुम्हारी आस में ये हर धाम जाएगा ! 

तुम स्वीकार लो जो मेरा प्रेम तोविजयी है यह ,
अन्यथा, मेरा हृदय संसार से हार जाएगा ।

©बेजुबान शायर shivkumar तुम मुझे मिलोगी जब
ये #बनारस  की #घाट  पर
उस दिन मां #गंगा  की शांत #लहरों  में
समंदर सा उफ़ान आयेगा !

तुम्हारे #नेत्रों   में दिखेंगे जब

बादल सिंह 'कलमगार'

तुम हृदय मन की देवी... #badalsinghkalamgar Poetry Love Shayari gudiya VED PRAKASH 73 Beena Kumari Shiv Narayan Saxena Arshad

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Anjali Singhal

"मेरे हृदय की बंजर भूमि पर, तेरे प्यार का अंकुर फूटा है। एहसासों से जन्मा पौधा, रोम-रोम में महका है।।" #AnjaliSinghal #Shayari nojoto

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Heer

जय जय श्री राधे 🙌🥰🌸 तेरी ममता और करुणा की है आस मेरी श्रीजी, गोदी उठा ले ना मां, हृदय से तेरे लग के आज भर लूं आखिरी सांस आज। 🙏🙇🏻‍♀️🥺 तेरे चर

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Anuradha T Gautam 6280

हृदय की #पीड़ा ईश्वर को #ज्ञात है लोगों के लिए तो वैसे भी सब #मजाक हैं सब झूठ है एक तेरा प्यार #सच्चा है..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻

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MiMi Flix

"रहस्यमयी मेहमान: एलियंस की अद्भुत यात्रा" - एक रात, शहर नियोरा के बाहरी इलाके में एक रहस्यमय अंतरिक्षयान गिरता है, और इसके साथ तीन अजीब एलि

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Ravendra

अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन महोदय द्वारा जनपद में भेड़ियों के आतंक की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों तथा घटनास्थल का

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्

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गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान ।
भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।।
धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान ।
देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान ।
जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।।
इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान ।
नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम ।
रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।।
अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान ।
ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब.....

नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव ।
गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।।
झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव ।
धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्
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