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Manoj chainpura
उलझन इस बात की है कि इन बीस सालों में आम आदमी ने मशीनों का उपयोग करना शुरू किया है, और मैं कहता हूं आपसे जल्द ही आपको वापस लौटना होगा। । जीवन मे मशीनों से व्यवस्था लाई जा सकती हैं, मगर शांति लगभग खो जाएगी। । ©ManojbalbirCp मशीनों का हिस्सा #AdhureVakya
मशीनों का हिस्सा #AdhureVakya
read moreVedantika
अक़्स बनकर तैयार कर दिया उसने अपने कौशल से। बुर्ज खराद का विशेष योगदान है हमारे जीवन में आज का जीवन यांत्रिक ऊर्जा पर इतना निर्भर हो चुका है कि हम इसके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इस मशीनी जीवन मे हमारी दिनचर्या पर जिस
आज का जीवन यांत्रिक ऊर्जा पर इतना निर्भर हो चुका है कि हम इसके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इस मशीनी जीवन मे हमारी दिनचर्या पर जिस
read moreVandana
एक भारत ऐसा था कि जो भुखमरी से मरता था आजादी के बाद,, एक भारत अब ऐसा है जो बिना ऑक्सीजन के मर रहा है, विकास होने के बाद,, पहले रोटी जरूरी थी जल और वायु शुद्ध था,,, अब पेट भरने के लिए खाना है,, पर शुद्ध हवा नहीं शुद्ध पानी नहीं,,, आने वाली मासूम बच्चों का कल भी खतरे में है,,नई पीढ़ी भविष्य के विचारों से भी तिलमिला रही है,, उनके लिए विरासत में ना शुद्ध पानी है ना शुद्ध खाना है ना शुद्ध वायु है,,, चलो खुद से एक प्रक्रिया करते हैं पेड़ लगाने के उपदेश सोशल मीडिया में नहीं हकीकत में करते हैं,,,, "कार का इस्तेमाल कम साइकिल या पैदल जा सके
चलो खुद से एक प्रक्रिया करते हैं पेड़ लगाने के उपदेश सोशल मीडिया में नहीं हकीकत में करते हैं,,,, "कार का इस्तेमाल कम साइकिल या पैदल जा सके
read moreSaket Ranjan Shukla
हम व्यस्त लोग हैं साहब, जल्दबाजी हर काम में करते हैं, हम ख़ुद में ही मस्त लोग हैं साहब, सुरक्षा का भी कहां ख्याल करते हैं, सड़कों पर तेज वाहन चलाना है हमें, घबराएंगे अब दुर्घटना से, तो कैसे चलेगा, मशीनों का भी फुर्ती से प्रयोग करना है हमें, अब उसमें सावधानी बरतेंगे, तो कैसे चलेगा, 🙏पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें🙏 (Full piece in the caption) हम व्यस्त लोग हैं साहब, जल्दबाजी हर काम में करते हैं, हम ख़ुद में ही मस्त लोग हैं साहब, सुरक्षा का भी कहां ख्याल करते हैं, सड़कों पर तेज
हम व्यस्त लोग हैं साहब, जल्दबाजी हर काम में करते हैं, हम ख़ुद में ही मस्त लोग हैं साहब, सुरक्षा का भी कहां ख्याल करते हैं, सड़कों पर तेज
read morePankaj Singh Chawla
भूल गए लोग मिट्टी की ख़ुशबू को, पर मैं इसे कभी न भूला पाऊंगा, रिमझिम फुहारों के बाद सोंधी सी ख़ुशबू कभी न भूल पाऊंगा, बन गए अब पक्के मकान और पक्की सड़के, उन कच्ची मिट्टी की कीचड़ वाली गलियां न भूल पाऊंगा, भूल गए सब मिट्टी के बर्तन को, सेहत का जो खजाना थे, पानी भरकर रखते थे सुराही में फ्रिज सा ठंडा पाते थे, मटका वाला पानी आजकल का आर ओ हुआ करता था, पानी की अशुद्धियों को दूर किया करता था, मिट्टी का चूल्हा जलता था घर में, मच्छर का नाम नही हुआ करता था, कसोरे वाली चाय का स्वाद ही अलग होता था, जिस मिट्टी में बड़े हुए, उस मिट्टी को भूल गए, अपने बच्चों को मिट्टी की अहमियत सीखना भूल गए, भले कर गया जमाना तरक्की बहुत, आधुनिक मशीनों का युग आगया, जो मिट्टी नीवं है हमारी उस नींव को पक्का करना भूल गए।। मिट्टी भूल गए लोग मिट्टी की ख़ुशबू को, पर मैं इसे कभी न भूला पाऊंगा, रिमझिम फुहारों के बाद सोंधी सी ख़ुशबू कभी न भूल पाऊंगा, बन गए अब पक्के मक
मिट्टी भूल गए लोग मिट्टी की ख़ुशबू को, पर मैं इसे कभी न भूला पाऊंगा, रिमझिम फुहारों के बाद सोंधी सी ख़ुशबू कभी न भूल पाऊंगा, बन गए अब पक्के मक
read moreVedantika
विशेष हूँ तो विशेष ही काम करता हूँ। मैं खराद हूँ जो मशीन से प्यार करता हूँ। एक फैक्ट्री में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। उनके आसपास मशीन का शोर मचा हुआ था। शोर ऐसा कि इंसानी दिमाग भी अपना होश खों बैठे। जब मशीनों का यह शो
एक फैक्ट्री में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। उनके आसपास मशीन का शोर मचा हुआ था। शोर ऐसा कि इंसानी दिमाग भी अपना होश खों बैठे। जब मशीनों का यह शो
read moreVedantika
मशीन के लिए मशीन इंजन लेथ मानव जीवन के आरंभ से ही मनुष्य ने अपनी सुविधानुसार बहुत से अविष्कार किए जिनमें से एक सबसे बड़ा अविष्कार पहिए का हुआ। इसके साथ ही इजाद हुआ उस
मानव जीवन के आरंभ से ही मनुष्य ने अपनी सुविधानुसार बहुत से अविष्कार किए जिनमें से एक सबसे बड़ा अविष्कार पहिए का हुआ। इसके साथ ही इजाद हुआ उस
read moreInsprational Qoute
विषय:-महात्मा गांधी विधा :- निबंध सम्पूर्ण विधा कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा 🙏🙏🙏 विषय:-महात्मा गांधी निबंध **************
विषय:-महात्मा गांधी निबंध **************
read moreAprasil mishra
""""प्रकरण""" "वर्तमान समाज में सिमटते रिश्ते, परिवार में बढ़ता एकाकीवाद और आधुनिक यन्त्रों पर बढ़ती निर्भरता में पारिवारिक प्रेम की वंचनाओं की शिकार होती नयी पीढ़ियाँ।" #Note: सन्दर्भ में पटयन्त्र = Mobile, पटचित्र = Emoji, प्रतिचित्र =photo/selfee. अनुशीर्षक अवश्य देखिये - ********************** हम तो किस्से कहानी की इक पोटली, ढूढ़ते ही रहे अपने कल गाँव में। हमने जा करके देखी जो दहलीज सारी, तो नन्हा पथिक मिल
********************** हम तो किस्से कहानी की इक पोटली, ढूढ़ते ही रहे अपने कल गाँव में। हमने जा करके देखी जो दहलीज सारी, तो नन्हा पथिक मिल
read moreShaikh Imran
हमसे मत पूछ मेरी बरबादी का सबब उनमें नाम आते हैं कुछ पर्दा नशीनो के भी #पर्दा #मशीनों