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Ritika Vijay Shrivastava
कच्चे माटी से मन को जिसने, एक सकल साॅंचे में ढाला है। चंचल बालक के मन को तुम्हीं ने, अज्ञान स्याह से निकाला है। जीवन में हमारे नि:संदेह यही तो, एक उम्मीद का दीप जलाते है। यक़ीनन,..ये शिक्षक कहां भुलाए जाते है? ©Ritika Vijay Shrivastava #Teachersday in hindi love in hindi poetry in hindi hindi poetry love poetry in hindi hindi poetry on life
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read moreNeha Kumari
White देखो ना कितना प्यारा नजारा है, न जाने करती यह प्रकृति क्या इशारा है। इनका सम्मोहन कोई तोड़ ना पाए, न जाने दिल क्यों इसमें ही खोता जाए! ©Neha Kumari # Nature lover neha bhadani shayari in hindi
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read moreVijay Vidrohi
#एक जल यात्री# ले साईकिल दो जोड़ी कपड़े और कंधे पर लोई एक पथिक भारत भ्रमण पर नाम सुभाष बिश्नोई कर संकल्प मुसाफिर निकला होगा जल्द सवेरा चितवन के जंगल से गुजरा परिवेश का एक चितेरा। 27 जनवरी सन 21 को जल योद्धा हुए रवाना पर्यावरण बचाने खातिर निकल पड़ा ये परवाना उम्र ना होती बाधक जब हो मकसद मंजिल पाना कालीरावण के सुभाष तुझे रखेगा याद जमाना वय साठ होते ही जाॅब से हुआ रिटायर, अन्तःकरण जल रही थी प्राकृतिक फायर, निकल पड़ा वसुधा का नायक चढ़ साईकिल के टायर जटिल था निर्णय पर क्या? ऐसा कर सकता कायर। जज्बा और जूनूनी राही चल पड़ा था उठा के साईकिल गीता और कुरान पढ़ी है,ग्रंथ पढ़ा है पढी है बाईबिल द्वँद्व हमेशा उसी ने जीता खौफ़ को जिसने किया है kill प्रकृति सेवा में जिसका बचपन से ही लगता दिल। मुंबई की पुलिस ने पकड़ा राजस्थान की खुड़ी में अटका रत्नागिरी के पहाड़ ने पटका नेपाली प्रहरी ने भी रोका पर जल का ये भरा था मटका किस की हिम्मत शिद्दत रोके जब दीप जला हो इष्ट लक्ष्य का बुझा सके क्या हवा के झोंके जो सूरज की तरह हो चमका चौरासी में मिली नौकरी और बीस में हुई विदाई पेड़ ही जीवन की शिक्षा माता अमृता ने सिखलाई। गुरु जम्भेश्वर और गुरु नानक दोनों जगत के महान शिक्षक पानी पिता है धरती माता यही हमारे जीवन रक्षक आज समय की एक जरुरत नहीं बचेगा प्रकृति नाशक पेड़ धरा के काट रहा जो वायु मंडल का है भक्षक। 25000 km की लम्बी यात्रा चला-चलम काठमंडू से अरिचलम और जम्मू और रामेश्वरम. पूर्व की खाड़ी नापी पश्चिम का नापा सागर भारत के उसे आखिरी तट पर लहराता हिन्द महासागर। लहरें उठी जब लहराती, वाह रे नीर समर्पित योद्धा तेरे इस मिशन मुहिम पर, हम सब वाऱी तोय पुरोधा। सूरत से भावनगर तक, रो रो की करी सवारी जल जमीं व पेड़ प्रकृति, लगती इनको प्यारी। जन्माष्टमी अगस्त 26 गोरखधाम रेल में मुलाकात हुई सफर में जब चर्चा और जल जीवन पर बात, " विद्रोही" ने लिख डाली ये कविता उस रात सच कहूं इस उड़ान से मिली "विजय" को जज्बे की सौगात। ©Vijay Vidrohi ||एक जल यात्री|| #motivate #my #new #poem #Poetry #viral #love #nature #savetree #savewater motivational thoughts in hi
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
White बहुत हौसलों से तेरी राहों पर चला ज़िन्दगी पर अब कदम जवाब दे रहे हैं, हो सके तो कुछ सुकून के पल दे दे नहीं तो तुझसे सीखे सबक मुझमे धुआँ हो रहे हैं... ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #poem hindi poetry on life
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read moreSagar Borkar
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read moreNATURE LOVE
White GARV KARO KE TUM BHARAT JAYSA DESH MA RETHA HO AAPNE AAP KO YAHA KE INVAASI KAHATE HO KOI PUCHE TO BATA DENA BHAHAT NE AAJ TAK KYA KIYA HAI JO OR KOI NA KAR SAKA VO KAM BHARAT NE KIYA HAI ©NATURE LOVE #happy_independence_day nature love shayari in hindi
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