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Mrityunjay Verma
"कड़वी सच्चाई" सच्चे प्रेम कि पराकाष्ठा ही विरह वेदना का आनंद हैं। ©Mrityunjay Verma पार दैहिक
पार दैहिक
read moreहर्ष कुमार श्रीवस्तव "आज़ाद"
खड़ा हैं वीराने मे इसकी कोई मंजिल नही लौट आ वापस जा मकसद बना फिर कार्य शुरू करो मंजिल वही। ©हर्ष कुमार श्रीवास्तव*आजाद " विकार
विकार
read moreSneh Prem Chand
लोभ,मोह,मद,मत्सर और अहंकार काम,क्रोध,अज्ञान,छोटी सोच और कुविचार दस के दस विकारों का कर दिया मर्दन, श्री राम और रावण युद्ध का यही तो था सार।। ©Sneh Prem Chand विकार
विकार
read moreHP
साधारण व्यक्ति इस संसार के भौतिक पदार्थों में सुख ढूँढ़ते हैं, ज्ञान का उनकी दृष्टि में कोई महत्व नहीं होता, पर इससे मनुष्य जीवन में विकार पैदा होते हैं। विकार
विकार
read moreDev Rishi
सपनों की धूमिल तहखाना रखूं आधी अधुरी अपनी जन भाव रखूं आजाद न हो, कि दिवाना कहूं कुछ को छोड़ कर सब कुछ अपना कहूं एकांत मन की व्यथा सुनूं उसमें में ख़ुद की खोती ख्याति दिखू लो चल चल रे सुगना की क्रंदन सुनू सुबह - शाम अपने अंदर की विकार सुनूं... रसपान करू आंखों की उठती लालसा को जिनके भाव में बस दुत्कार की ज्वाला देखूं समझ उसकी चेतना का उगता सूरज की लाली देखूं सच कहूं या झूठ कहूं, बस देख आंखों की त्याग कहूं जिव्हा पर न रास आए उस अक्षर की नाम लिखूं पर दृष्टि उन शब्दों को देख अपने ही ख्यालों में खो जाऊं सब छोड़ ले चल.. चल रे सुगना की क्रंदन सुनू ... सुबह -शाम इस जीवन की विकार सुनूं... ©Dev Rishi #Hriday विकार....
#Hriday विकार....
read moreKabir
जिस व्यक्ति के भीतर क्रोध और अहंकार भरा होता है उस व्यक्ति को किसी और शत्रु की जरूरत नहीं होती क्योंकि वह व्यक्ति स्वयं अपना शत्रु होता है ©Kabir @nojoto #विकार।
@nojoto विकार।
read moreRajiv
आपका सदैव दुःखी रहना एक नशा की तरह है। आप दुःख को... एक नशा की तरह ढूंढते हैं। आप खुद को एक दुःख और.. अवशाद के एक नशीलेपन के, नरक में ढकेलते हैं। जिस चरम आनन्द व सुख को, आप दूसरों में ढूंढते हैं, वो आपके अन्दर है। क्योंकि बाहर के सुख में, अक्सर एक तरह का मानसिक, रसों भरा स्वाद होता है। जिससे आपको... कभी न कभी परेशानी होगी। उसकी रिक्तता व अवहेलना ही, आपको विचलित करेगी। आपके अन्दर ही, आपकी अथाह सम्पन्नता है, इसे जितना जल्द, हो सके आप समझ लें। क्योंकि ?आपकी स्व-सम्पन्नता ही, आपको अपने परम से जोड़ेगा। इसे आप अपने योग से, अथवा अपने ध्यान से जोड़ें। आपका कल्याण होगा।-राजीव. ©Rajiv #God मनो विकार
#God मनो विकार
read moreRashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"(sunshine)
बिना विचार के पाँच मिनट रुक कर देखों तो दुनिया में अपना कोई गम और खुशी नहीं है; और वहीं विचारों के विकार को पाँच मिनट आने दो तो ऐसा लगेगा कि सभी चीजें तो यहीं है। ©rashmi singh raghuvanshi #विचारों का विकार
#विचारों का विकार
read moreMohan Sardarshahari
नौ दिन , नवरूप सजे ऐसी देवी संसार भजे सच्चे मन से जो कोई ध्याये मन उसके सारे विकार तजे।। ©Mohan Sardarshahari मन सारे विकार तजे
मन सारे विकार तजे
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