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Abeer Saifi
वक़्त से पहले हुए हम जवां मगर, कुछ साहिब-ए-दर्द रहे रवां मगर اا वो इक शक्स था चोर था दिल का, लूट कर चल दिया ये कारवां मगर اا हमने चाहा बहोत उसे न याद करें, जी किस तरह लगे फ़िर यहां मगर اا के चुप हो जायें रातों में रोते-रोते , मुश्किल तो नहीं 'अबीर' हाँ मगर اا रवां - ज़िंदगी, साहिब-ए-दर्द- दर्द मंद, कारवां - यात्रियों का समूह अफ़सोस है उसका बहुत जो वक़्त से पहले हुआ... #वक़्तसेपहले #collab #yqdidi
रवां - ज़िंदगी, साहिब-ए-दर्द- दर्द मंद, कारवां - यात्रियों का समूह अफ़सोस है उसका बहुत जो वक़्त से पहले हुआ... #वक़्तसेपहले #Collab #yqdidi
read moreAbeer Saifi
वक़्त से पहले हुए हम जवां मगर, कुछ साहिब-ए-दर्द रहे रवां मगर اا वो इक शक्स था चोर था दिल का, लूट कर चल दिया ये कारवां मगर اا हमने चाहा बहोत उसे न याद करें, जी किस तरह लगे फ़िर यहां मगर اا के चुप हो जायें रातों में रोते-रोते , मुश्किल तो नहीं 'अबीर' हाँ मगर اا रवां - ज़िंदगी, साहिब-ए-दर्द- दर्द मंद, कारवां - यात्रियों का समूह अफ़सोस है उसका बहुत जो वक़्त से पहले हुआ... #वक़्तसेपहले #collab #yqdidi
रवां - ज़िंदगी, साहिब-ए-दर्द- दर्द मंद, कारवां - यात्रियों का समूह अफ़सोस है उसका बहुत जो वक़्त से पहले हुआ... #वक़्तसेपहले #Collab #yqdidi
read moreVandana
शब्दों का समूह बन जाता है एक सुरीला गीत,,,, पंछियों के स्वरों में भर देता है संगीत,,,, भावनाओं की बांसुरी बन,,, हो जाता मन का मीत,,, किसी कवि के शब्द बन,,, रचना में भर देता प्राण,,,, चित्रकार के रंगों में भिगोयी तस्वीर,,, बन जाता प्रशंसा का स्वर,,, कलाकार की रंगमंच में फूंक देता जान,,, दो प्रेमियों के प्रेम का माध्यम बन जाता,,, ममतामयी शब्दों का आंचल बन जाता,,, शब्दों का समूह जीने की वजह बन जाता,,, भाषा का गूढ़ विज्ञान कहलाता,,,, आदि मानव से सुसंस्कृत मानव बन जाता, "शब्दों का समूह,,, #शब्दों का समूह #शब्दों_की_माला
"शब्दों का समूह,,, #शब्दों का समूह #शब्दों_की_माला
read moretanuja mishra
रिश्तों में मिठास हो फिर उनमे विश्वास हो होली तो फिर मन का पर्व है जब ऐसे रिश्ते पास हो होली की हार्दिक शुभकामनाएं ©tanuja mishra होली _ कई रंगों का समूह #colours
होली _ कई रंगों का समूह #colours
read moreVishal Vaid
तेरे कूचे में जो बीमार नज़र आते है मुझ को सारे ही ये फनकार नज़र आते हैं मैं तेरी सोच में निकलूं जो कभी सहरा में साथ में चलते सौ अश्ज़ार नज़र आते हैं तूने जो चूमा है इन आंखो के कशकोलों को खोटे सिक्के मुझे दीनार नज़र आते हैं वो फलक जिसमे सितारें ही जड़े रहते थे हिज्र में देखूं तो बस खार नज़र आते हैं नींद से जगने का दिल करता नही है मेरा ख्वाब तेरे जो लगातार नज़र आते हैं जब ये जिंदा थे,दर-ओ-बाम न थे हासिल, पर दफ़न कब्रो में जमींदार नजर आते हैं इश्क से पहले सुख़न-वर लगे, सब को नीरस फिर यही लोग मज़ेदार नजर आते हैं अशजार ***पेड़ो का समूह कश्कोल***भिक्षा पात्र सुखनवर*** शायर, कवि
अशजार ***पेड़ो का समूह कश्कोल***भिक्षा पात्र सुखनवर*** शायर, कवि
read moreVishal Vaid
तेरे कूचे में जो बीमार नज़र आते है मुझ को सारे ही ये फनकार नज़र आते हैं मैं तेरी सोच में निकलूं जो कभी सहरा में साथ में चलते सौ अश्ज़ार नज़र आते हैं तूने जो चूमा है इन आंखो के कशकोलों को खोटे सिक्के मुझे दीनार नज़र आते हैं वो फलक जिसमे सितारें ही जड़े रहते थे हिज्र में देखूं तो बस खार नज़र आते हैं नींद से जगने का दिल करता नही है मेरा ख्वाब तेरे जो लगातार नज़र आते हैं जब ये जिंदा थे,दर-ओ-बाम न थे हासिल, पर दफ़न कब्रो में जमींदार नजर आते हैं इश्क से पहले सुख़न-वर लगे, सब को नीरस फिर यही लोग मज़ेदार नजर आते हैं अशजार ***पेड़ो का समूह कश्कोल***भिक्षा पात्र सुखनवर*** शायर, कवि
अशजार ***पेड़ो का समूह कश्कोल***भिक्षा पात्र सुखनवर*** शायर, कवि
read moreHemant Rai
.............. ©Hemant Rai अमूमन प्रेमी उन यात्रियों की तरह होते हैं, जिनके सफ़र को मंज़िल नहीं मिलती, लेकिन कुछ यात्रियों का, सफ़र शुरू होने से पहले ही, इच्छा-विपरित
अमूमन प्रेमी उन यात्रियों की तरह होते हैं, जिनके सफ़र को मंज़िल नहीं मिलती, लेकिन कुछ यात्रियों का, सफ़र शुरू होने से पहले ही, इच्छा-विपरित
read moreShailendra Anand
Men walking on dark street रचना दिनांक 6,,,4,,,2024,, वार शनिवार समयकाल,,,,सात बजे ्््््््शीर्षक ््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती चली गई तस्वीर है,, सुर्य की प्रचण्ड अग्नि तत्व तेज रश्मि प्रभा से झुलसते हुए जनजीवन पर खासा असर पड़ता है ्््््् ्््््निजविचार है ्््् सिन्दूरी रक्त लालिमा से अच्छादित है प्राकृतिक सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रही है,, प्रेम से ही इस रचना में मनोभाव और स्थापत्य कला संस्कृति साहित्य दर्शनीय है।। प्रेम गगन नारंग मण्डल में एक दर्शनीय स्थल सा कोणार्क सूर्य मंदिर कोणार्क मंदिर वास्तुकला और चरित्र चित्रण किया गया ईश्वर ने इतना सुंदर और चमकदार आकर्षक है ,, और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन सैलानीयो से यह दर्शनीय स्थल रेस्त्रां और व्यवसाय में नगर और आसपास के लघु उद्योग हस्तकला खानपान पर ध्यान केंद्रित कर पर्यटन विभाग द्वारा संचालित मिशन नेशन विचार कामयाब हो सकते है ।। प्रदेश सरकार द्वारा और केन्द्रीय पर्यटन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश से निर्मित निरन्तर प्रयास ही अच्छे परिणाम प्राप्त होते है ,, श्रद्धा में भावना से मन प्रसन्न हो ऐसे चले जाते है।। असंख्य यात्रियों का काफिला अपने सपने बुनते हुए,, जीवन के सपने लेकर चलते रहो जमाने में क्या रखा है।। नदी किनारे से हरियाली से आच्छादित वन जंगल परिक्षेत्र और रमणीय दृश्य दृषयावलोकन सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रहे है,, वन्य जीव अभयारण्य में प्रवासी दुनिया के आनंद मौज मस्ती में एक अलग ही सुन्दर छबि मनोमय मनोरम दृश्य में अपनी दिशा लेकर चलते रहें ।। जस्बात पर जिंदगी के उतार चढ़ाव में ,, सच बोल का संवाद संदेश पर आपबीती चर्चा कर मन को शांति मिलती है।। यही सही समय पर जिंदगी की फिलासफी प्रेम शब्द की शिक्षा दीक्षा संस्कार परिवार से जुड़े हुए रहते है,, मन को शांति प्रदान करे मनोरंजन त्वमं नमामि देवेभ्यौ नमः आपका छायाचित्र ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी छायाचित्र कृति है।। और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन में एक जीवंत कलाकृति होती है,, यही भाव से जन्मा विचार की मां शब्द से जन्मा मातृभूमि भारत में सबसे विश्वसनीय कर्मस्थली मापदण्ड सब धर्मों में समरुपता है।। ्््््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््््् 6,,, अप्रैल,,,,2024,, ©Shailendra Anand #Emotional छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर जिंदगी में यात्रियों का और पर्यटन स्थल आयना नजरिया आनंद ही आनंद है यही सुखद अह
#Emotional छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर जिंदगी में यात्रियों का और पर्यटन स्थल आयना नजरिया आनंद ही आनंद है यही सुखद अह
read moreshubh Mohan suman
"नवजवां समूह में एक अधेड़, जैसे घर आंगन में नीम का पेड़" - शुभ मोहन सुमन. ©shubh Mohan suman "नवजवां समूह में एक अधेड़, जैसे घर आंगन में नीम का पेड़" - शुभ मोहन सुमन.
"नवजवां समूह में एक अधेड़, जैसे घर आंगन में नीम का पेड़" - शुभ मोहन सुमन.
read moreAlok Vishwakarma "आर्ष"
गाँव की बातें प्यार की, कच्चे घट के मोल । सुन ले वासी शहर के, पैसों से मत तोल ।। लाभ हानि सब छोड़ कर, मेहनत की रोटी खायें । नदी घाट जल पीवते, सब हरि के गुण गायें ।। सुख है प्रकृति गोद में, शहर में गाँव बसाओ । प्रेम करो मिल सब जने, मन के भेद मिटाओ ।। "गाँव की बातें" दोहों का एक लघु समूह #alokstates #गाँवकीबातें #गाँवशहर #yqbaba #yqdidi #hindipoetry #villagelife #love
"गाँव की बातें" दोहों का एक लघु समूह #alokstates #गाँवकीबातें #गाँवशहर #yqbaba #yqdidi #hindipoetry #villagelife love
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