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Rakesh frnds4ever
White जीते जी अमानवीय व्यवहार कर दूसरों कि नरकीय जिंदगी बनाने वाले,, झूठे पिंड दान की प्रक्रिया अपना कर पितृ दोष से तर्पण होने कि चाह रखने वाले राक्षसीय लोगों को पिशाच बनकर ही मिलना चाहिए,,, ©Rakesh frnds4ever #जीते_जी #अमानवीय व्यवहार कर दूसरों कि #नरकीय #जिंदगी बनाने वाले,, झूठे #पिंडदान की प्रक्रिया अपना कर #पितृदोष से तर्पण होने कि चा
Indian Kanoon In Hindi
पत्नी द्वारा पति पर मानसिक क्रूरता में कौन-कौन से कृत्य आते हैं | mental Cruelty on husband #Shorts
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पत्नी द्वारा पति पर मानसिक क्रूरता में कौन-कौन से कृत्य आते हैं | mental Cruelty on husband
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गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती। भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए. ©person गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि
गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
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White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य ही करता , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू न कर शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
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White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेंगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य करेंगा , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू कर न शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
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