Find the Latest Status about vishal shrivastava from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, vishal shrivastava.
निर्भय चौहान
White लूट गई गुड़िया की सांसे वासना के खेल में, आज भोगी जी रहा है अब मजे से जेल में। न्याय का ये दंभ देखो,हो रहा मलखंभ देखो। फौज पूरी है लगी पड़ी है आज उसके बेल में।। आज भोगी जी रहा है अब मजे से जेल में। धर्म जाति और पार्टी बांट कर बहला रही। स्वार्थ में पोषित कर रावण इठला रही । डर रही है लड़किया स्कूल कॉलेज रेल में। कृष्ण की दरकार क्या जो दूर से ही चीर दे भीम लाओ जो लड़े फिर दुःसाशन चीर दे लिंग काटो पापियों के तल के रख दो तेल में। दी कलम अब बेटियों के हाथ में तलवार दो ये सिखाओ जो भी छेड़े तत्क्षण उसे तुम मार दो न्याय अंधा ,लोकतंत्र गूंगा , बहरी ये सरकार है दंभी पुरषार्थ का ये आत्ममुग्ध व्यवहार है। डर से हो तो डर बनाओ,सर से हो तो सर को काटो। जुल्म के ऐसे समय में बेटियों का घर न बांटो बेटियां अपने यहां तो होती सब समाज की। मिल के रक्षा करनी हो बेटियों के लाज की। हो जमीं का कोई टुकड़ा,कोई भाषा भाषी हो। बस आवाज यही आवाज आए पापियों को फांसी हो। पापी वो जो सोचते हैं बेटियां है सेल में। ©निर्भय चौहान #women_equality_day वरुण तिवारी Vishalkumar "Vishal" Shiv Narayan Saxena नीर Madhusudan Shrivastava कविता कोश हिंदी कविता
#women_equality_day वरुण तिवारी Vishalkumar "Vishal" Shiv Narayan Saxena नीर Madhusudan Shrivastava कविता कोश हिंदी कविता
read moreनिर्भय चौहान
White दिल को भी करार आ जाए तो फिर तू जाए बहार आ जाए तो फिर तू मुझे छोड़े देख पैदल चलता मेरे पास कार आ जाए तो फिर तेरा होके मैं हकीम हो जाऊं कोई बीमार आ जाए तो फिर आशिकी में नाम तेरा छप जाए घर पे अखबार आ जाए तो फिर यह परचम रख कर करार कर लें अपनी सरकार आ जाए तो फिर यह वस्ल में खेलने वाले लड़के किस्मत में छिनाल आ जाए तो फिर मेरे मरने की दुआ ना कर निर्भय मुझसे कोई दरकार आ जाए तो फिर ©निर्भय चौहान #sad_shayari Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Yogenddra Nath Yogi करम गोरखपुरिया
#sad_shayari Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Yogenddra Nath Yogi करम गोरखपुरिया
read moreनिर्भय चौहान
White दर्द से आशना जिंदगी ये रही। ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है। जिंदगी के बहुत से अलग घाव हैं। ये मोहब्बत वोहब्ब्त ये क्या होता है। जंगलों में शहर सारे उग आए हैं, और शहर में लगाए है गार्डन कोई। मां की ममता और बाप की बापता, ऐसे लगता है जैसे हो वार्डन कोई। सफलता की नाहक सी इस दौर में, ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है।। ठंडे ऑफिस में गर्मागर्म चाय पर, तितलियों को निहारे हैं भंवरे कई। गांव में घर भले बन न पाया कभी, पर शहर में है किराए पे कमरे कई। भोग को योग संयोग कहते है सब, ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है।। बच्चे ले के जमीं को शहर आ गए, सपने बचपन और गांव घर खा गए। चार पहियों पर दौड़ती भागती, तेज रफ्तार से ये सफ़र खा गए। रिश्ते विस्ते पुराने ख्यालात हैं। ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है। भूख आंगन में जब लोटने लगती है। सावनो का ये पानी उतर जाता है। खाट पर खांसता बाप छाती पकड़, बिन दवाई के ही यार मर जाता है। लड़कियां दौलतों से बियाहने लगी ये मोहब्बत वोहब्बत ये क्या होता है। निर्भय चौहान (निरपुरिया ) ©निर्भय चौहान #love_shayari Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava करम गोरखपुरिया Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se
#love_shayari Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava करम गोरखपुरिया Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se
read more