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sûmìt upãdhyåy(løvë flūtê)
मर्द भी कितना अजीब है ना जो लड़की के जिस्म से प्यार करता है और उससे ज्यादा अजीब तो लड़की है जो अपना जिस्म दिखाकर मर्द से अपनी ijaat की उम्मीद रखती है मानसिकता बदली🙏🙏🙏 ©sumit upadhyay मर्द vs औरत #मर्द #औरत
POONAM SHARMA
मर्द क्यूँ रोए नही जब दर्द एक है तो क्यू आंखे बिगोये नही बचपन से सिखाया बेटा तू मर्द है रोना नही सीना मर्द का क्या जुदा भगवान ने बनाया है आखिर क्यूं ना रोए जब दर्द जुदा ना बनाया मर्द क्यू रोए नही हालातों पर रोना मर्द को भी आया खुद के फर्ज के पीछे हर दर्द छिपाया मजबुर हो कर भी हर फर्ज निभाया तू मर्द है तुझे रोना नही तू कमजोर नही तू फोलद है औरत जैसा आंखे बिगोना नही क्यू मर्द नही रोए जब दर्द है एक क्यू आंखे नही बिगोये जज्वात है तो जाहिर क्यू ना करे दिखावे भरी इस दुनिया मै पल पल मरे क्यूँ मर्द नही रोए चुप रहे ओर सब सहन करे पल पल घुटे फिर भी खुद मै खोये क्यूँ मर्द नही रोए नही ©POONAM SHARMA #मर्द
Rita Kanwar
बहुत सी बातें हैं जो मुझे सोचने पर मजबूर कर देती हैं, मर्द को पैदा औरत करती है वो मर्द हैं या नही उसे साबित भी एक औरत करती है फिर ये मर्द क्यू उसी औरत पर चिल्लाकर बोलता है के मैं मर्द हूं। ©Rita Kanwar मर्द
मर्द
read moreSG
कृष्ण जैसा समर्पण, ना जाने कहा गया, भोलेनाथ जितना प्रेम ना जाने कहा खो गया, आज का मर्द औरत को ताडना मर्दांनंगी समझता है औरत को जलील करने वाले मर्दो का जमी़र सो गया, ब्रहा, विष्णु ,महेश, जैसा समर्पण ना जाने कहा खो गया ,, ©❤SG❤ #मर्द
पूर्वार्थ
"मर्द" ये आंसुओ से...अपनी पलकें भिगोते नहीं, ये घुटते तो हैं, पर खुलकर कभी रोते नहीं। इनके आंसू बस अदृश्य होकर ही बहते हैं, इसीलिए तो दुनियावाले इन्हें मर्द कहते हैं। किस मिट्टी से बने हैं?क्या इन्हें दर्द होता है! ऐसा नहीं कि...मर्द को कभी दर्द नहीं होता, जी हाँ...होता है, मगर...ये चुपचाप सहते हैं, इसीलिए तो...दुनियावाले इन्हें मर्द कहते हैं। औरत तो....नाज़ुक है, कोमल है, निर्मल है, कभी कभी कठोर, तो कभी सहज रहती है। ये मर्द हमेशा शक्तिशाली और निडर रहते हैं, इसीलिए तो.. दुनियावाले इन्हें मर्द कहते हैं। इन्हें पता है, इनके पास कोई विकल्प नहीं, इन्हें तो हर वक़्त, बस बहादुर ही दिखना है, आखिर मर्द है, सबका का खयाल रखना है। हौसला बनकर, परिवार के साथ में रहते हैं, इसीलिए तो...दुनियावाले इन्हें मर्द कहते हैं। अंदर से चाहे जैसे भी हों, सिमटे या बिखरे, मगर इन्हें बाहर से सख्त ही रहना पड़ता है, परिस्थिति चाहे....जैसी भी हो....जो भी हो, हां मैं ठीक हूँ, हर बार यही कहना पड़ता है। अपने अंदर न जाने क्या क्या छुपाए रहते हैं, इसीलिए तो...दुनियावाले इन्हें मर्द कहते हैं। अपने अंदर के इंसान को ये भूलकर रहते हैं, बीवी, माँ, बच्चे, रिश्तेदार....संजोय रखते हैं, सबके बीच.... ये बस मर्द बनकर ही रहते हैं, इसीलिए तो....दुनियावाले इन्हें मर्द कहते हैं। ©पूर्वार्थ #मर्द
SHASHI KANT SHARMA
लोग कहते है मर्द को दर्द नही होता पर दर्द तो बहुत होता है पर वो कुछ कह नहीं पाते है किसी से है तो मर्द न कोई उनका दर्द जानने की कोशिश ही नहीं करता अगर वो कभी रो भी दे तो कहते है मर्द होकर रोता है ©SHASHI KANT SHARMA मर्द%%%%%
मर्द%%%%%
read moreManmohan Dheer
रोटियां तोड़ना शौक है उसका बिस्तर भी उसको गरम चाहिए गुनाह उसके माफ़ थे सब गिना जाता है वो मर्दों में . धीर मर्द
मर्द
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