Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बगदाद करार केव्हा झाला Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बगदाद करार केव्हा झाला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बगदाद करार केव्हा झाला.

Stories related to बगदाद करार केव्हा झाला

Rakesh frnds4ever

#आ #चल के ,,,,,,,,,,,,,,,,,हम चलें कहीं जहां नौरंगी #गुलजार र हो #मौसम नजम ,,गजल गाता हो नदी नाले प्यार की बातें करते हो ये पर्वत पहाड़

read more

Poet Maddy

न जाने क्यों इस दिल को करार आया नहीं, उसके जाने के बाद उस पर प्यार आया नहीं....... #Don'tKnowHeartReliefLoveLeftNewsHappyLeaveSmile.

read more
न जाने क्यों इस दिल को करार आया नहीं,
उसके जाने के बाद उस पर प्यार आया नहीं.......
मुझे मिली खबर कि वो खुश है मुझे छोड़कर,
एक मैं हूं उसके जाने के बाद मुस्कुराया नहीं.......

©Poet Maddy न जाने क्यों इस दिल को करार आया नहीं,
उसके जाने के बाद उस पर प्यार आया नहीं.......
#Don'tKnow#Heart#Relief#Love#Left#News#Happy#Leave#Smile.

Rakesh frnds4ever

#क्यों_ये_दुनिया_रोने_नहीं_देती #क्यों_ये_दुनिया_सोने_नहीं_देती जब #अपना यहां कोई नहीं तो क्यों ये किसी को अपना होने नहीं देती जूठे अपनों

read more

Poet Maddy

उस शख़्स के नज़दीक रहने से, हमारे इस दिल बेहद करार रहता है........ #close#Person#Heart#crowd#fans#Care#Night#day#Meet#Restless...........

read more
उस शख़्स के नज़दीक रहने से,
हमारे इस दिल बेहद करार रहता है........
हमारे चाहने वालों की भीड़ से,
आज-कल वो शख़्स फ़रार रहता है........
उसको हमारी ज़रा सी परवाह नहीं,
फ़िर भी न जाने क्यों अब रात-दिन.........
महज़ उस इक शख़्स से मिलने को,
दिल न जाने क्यों बेकरार रहता है...........

©Poet Maddy उस शख़्स के नज़दीक रहने से,
हमारे इस दिल बेहद करार रहता है........
#Close#Person#Heart#Crowd#Fans#Care#Night#Day#Meet#Restless...........

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- बीता मौसम हज़ार सावन का आप बिन क्या शुमार सावन का तुझको धानी चुनर में जब देखा मैं हुआ हूँ शिकार सावन का बात बनती नज़र नही आती है अधूरा

read more
ग़ज़ल :-
बीता मौसम हज़ार सावन का
आप बिन क्या शुमार सावन का
तुझको धानी चुनर में जब देखा
मैं हुआ हूँ शिकार सावन का
बात बनती नज़र नही आती
है अधूरा जो प्यार सावन का
इक नज़र देख लूँ अगर तुमको ।
तब ही आये करार सावन का
वो न आयेगा पास में मेरे
क्यों करूँ इंतज़ार सावन का 
दिल में जबसे बसे हो तुम दिलबर
रोज़ होता दीदार सावन का
आप आये हो मेरी महफ़िल में
चढ़ रहा है खुमार सावन का 
आस ये आखिरी मेरे दिल की
करके आओ शृंगार सावन का
आप क्यों अब चले नही आते 
कुछ तो होगा उधार सावन का
बिन सजन मान लो प्रखर तुम भी 
खो ही जाता करार सावन का 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
बीता मौसम हज़ार सावन का
आप बिन क्या शुमार सावन का
तुझको धानी चुनर में जब देखा
मैं हुआ हूँ शिकार सावन का
बात बनती नज़र नही आती
है अधूरा
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile