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Stories related to garib rath guwahati to kolkata seat availability

Navin Kumar

garib dheko

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no

ye garib

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Vivek

ye garib

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harsha mishra

Shahid Raza

kolkata doctor case #Murder #Kolkata #Rap #dr #viral

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bina singh

#sad_shayari #Kolkata doctor case#Kolkata doctor rape

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White नोच खसोट कर अस्मिता लूट लेना 
हर दिन किसी न किसी ने आज़ादी की क़ीमत ऐसे ही चुकाई है 
कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से में आई है 

डरा धमका कर तुम चुप करा देना 
हर बात पर हमने ऐसे ही चुप्पी दोहराई है  
कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से में आई है 

नोच कर उखाड़ फेंक देते हो हमारे फंख 
हर ख़्वाब को हमने ऐसे ही आग लगाई है 
कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से आई है 

बहुत बार हमने कभी हस कर कभी रो कर,
 कभी गुस्से में कभी दर्द में ना कहकर असहमति जताई है 
तुम सुनते कहा हो तुमने वही घिनौनी चाल आजमाई है 
कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से आई है 

नोच खसोट कर अस्मिता लूट लेना 
हर दिन किसी न किसी ने आज़ादी की क़ीमत ऐसे ही चुकाई है 
कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से में आई है 
....by Bina singh

©bina singh #sad_shayari #kolkata doctor case#Kolkata doctor rape

Meenu pant Tripathi Haldwani Nainital

बढ़ते कदम रुक से जाते हैं
चलती हुई सासें थमने लगती हैं 

हौंसले की उड़ान जो भरी थी खुद में 
वो लड़खड़ाने लगती 

जब एक लड़की की हंसती खेलती ज़िंदगी 
हैवानियत की आग में है तपती...

©Meenu pant Tripathi Haldwani Nainital #kolkata #balatkar

Ritu Raj

#Kolkata

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White                                              " बेटी थी वो " 

                          सौ सपने और - आंखों में ख्वाब लिए बैठी थी वो
                                               " बेटी थी वो "

                           ना कोई तर्क जिनका उन बातों को सेहती थी वो
                                              " बेटी थी वो "

                                           
 ये ज़ालिम समाज बेहरे भी और आंख के होते अंधे हैं ,
 खुद का ईमान भी बेच केहते अपने तो धंधे हैं |
    पर उन धंधों में बर्कत भी जो देती थी जो ,
                   " बेटी थी वो "

                 
                 डर है, पाबंदियों के डर से पैड़ों में - बेड़िया ना कोई पड़ जाये,
                       कब कहाॅं इंसान जैसा - पिछे भेड़िया ना कोई पड़ जाये |
                                             ऑंखों में अश्क लिये - लौटी घर को पर
                                               इक लफ़्ज़ भी ना केहती थी वो
                                                          " बेटी थी वो "

            " फिर आई रात कयामत इक दिन "

जीन ख़्वाब भरे ऑंखों को देख - सूबह बाप को था- सूकून मिला,
 हुई रात काली  उन ऑंखों से - बाप को बेहता खून मीला |
 राम-राम केहने वालों - सीता खून से लथपत - लेटी थी वो

                   " बेटी थी वो "      💔
  -Ritu Raj।

©Ritu Raj #Kolkata

प्रीति

#Kolkata..

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White फिर एक सफर बिन मंजिल पाएं बिखर गया......





#Kolkata...🤐

©प्रीति #Kolkata..

ANUSHREE ADHICARY

KOLKATA RAPE CASE #nojohindi #Kolkata

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