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Parasram Arora
White आख़री साँसे लेते हुए एकबझरते हुए व्योवृद्ध ने पुष्प ने अपने निकट खिलतीं हुई नवजात कली की तरफ देख कर कहा " आज मेरा रूप लावण्य और गंध सब खोने की कगार पर पहुंच चुका है अब आने वाला कल तुम्हारा होगा भोर की सुनहरी किरणपर भी अधिकार तुम्हारा होगा आने वाले नए कल का नया गीत भी तुम्हारे लिए होगा तुम्हारी महक से ये पूरा चमन महक उठेगा और तितलिया भृमर भी तुम्हे देख कर अनुग्रहित होंगे आज आँख बन्द करने से पहले मेरे ये सन्देश तुम्हारे लिए मेरा आशीष होगा ©Parasram Arora एक पुष्प का कली के लिए आशीष
एक पुष्प का कली के लिए आशीष
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} *`बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।`* एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है, तो सामने वाले को समझाना *`छोड़ दीजिए`* बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, *`छोड़ दीजिए।`* गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, *`छोड़ दीजिए।`* जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} *`बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।`* एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है, तो सामने वाले को
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} *`बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।`* एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है, तो सामने वाले को
read moreRajesh Arora
........ . ©Rajesh Arora जरा ध्यान दीजिए मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
जरा ध्यान दीजिए मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
read moreRAVI PRAKASH
White दोस्ती ज़िन्दगी का एक खुबसूरत लम्हा है, यह सब रिश्तों से अलबेला है, जिसे मिल जाये वो तन्हाई में भी खुश है, और जिसे न मिले वो भीड़ में भी अकेला है ।। ©RAVI PRAKASH #sad_qoute दोस्ती ज़िन्दगी का एक
#sad_qoute दोस्ती ज़िन्दगी का एक
read moreRAVI PRAKASH
White दोस्ती ज़िन्दगी का एक खुबसूरत लम्हा है यह सब रिश्तों से अलबेला है, जिसे मिल जाये वो तन्हाई में भी खुश है, और जिसे न मिले वो भीड़ में भी अकेला है ।। ©RAVI PRAKASH #good_night दोस्ती ज़िन्दगी का एक
#good_night दोस्ती ज़िन्दगी का एक
read moreShashi Bhushan Mishra
मन है एक हवा का झोंका, उड़ने से किसने है रोका, आसमान है ख़ुद के भीतर, दुनिया तो केवल है धोखा, होती है जब प्रिय कल्पना, बिना खर्च रंग हो चोखा, हुई आज हैरत अपनो पर, जबसे छुरी पीठ में भोंका, करते फिरते सब मनमानी, बोलो किसने किस्को टोका, बढ़ी आज रफ़्तार सड़क पे, दुर्घटना में ठोकम ठोंका, हुआ उजाला जब तो देखा, पाँव पड़ा है जख़्मी फोंका, शांति नहीं है मन में 'गुंजन', फिर समझो सारे हैं बोका, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra #मन है एक हवा का झोंका#
#मन है एक हवा का झोंका#
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए बाप का फर्ज जो भूल पाये नही मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ बात बेटों को इतनी बता दीजिए घर में आई बहू है हमारे नई आप नज़रे न उसको लगा दीजिए इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ । जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें बात इतनी तो जग को बता दीजिए हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की आप राहों में रोड़े लगा दीजिए महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्
ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्
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