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Gurpreet Singh प्रीत कि कलम
तैहरती थी मेरी कश्ती समुद्र के उस मुकाम पर जहा मंजिल मिलने वाली थी मेरी मेहनत के दाम पर दुश्मन ने पलटी है कश्ती समुद्र कि लहरो के मुकाम पर ऐ दुश्मन आने वाला हु मै लहरो के साथ मे तुझे और तेरी बस्ती ले जाऊगा साथ मे,, ©Gurpreet Singh प्रीत कि कलम किसी को नाकाम मत करो खुद को कामयाब करो,,
किसी को नाकाम मत करो खुद को कामयाब करो,,
read moreShashank मणि Yadava "सनम"
भले बड़े बन जाओ यारों, लेकिन माँ को याद रखो।। मंदिर जाने से बेहतर है, माँ को अपने पास रखो।। माँ के प्यार, दुआ से बढ़कर, न कोई भगवान है।। जिसने माँ को मान दिया, वो सबसे सुखी इंसान है।। प्रभु पूजा की ख्वाहिश यारों, जब भी मन में लाता हूँ।। सच कहता हूँ यारों तब, मंदिर मस्जिद न जाता हूँ।। अपनी माँ की ममता के, आँचल में मैं सो जाता हूँ।। ©Shashank मणि Yadava "सनम" #Mother's love,,,,, माँ को परिभाषित करती हुई पंक्तियाँ
#Mother's love,,,,, माँ को परिभाषित करती हुई पंक्तियाँ
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