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अज्ञात
दिल कहता है रुठों को मनाना होगा वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू हम गये तो फिर जाने कब आना होगा ©अज्ञात #राह-ए-ज़िंदगी
#राह-ए-ज़िंदगी
read moreAnuj Ray
White दर्द ए दिल, कोई शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है। खुशी से जी रहे , यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है। ©Anuj Ray # दर्द ए दिल #
# दर्द ए दिल #
read moreSanjeev Khandal
White अधिकार खो कर बैठ रहना, यह महा दुष्कर्म है; न्यायार्थ अपने बन्धु को भी दण्ड देना धर्म है। इस तत्व पर ही कौरवों से पाण्डवों का रण हुआ, जो भव्य भारतवर्ष के कल्पान्त का कारण हुआ।। ©Sanjeev Khandal #Mahabharat
हिमांशु Kulshreshtha
White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha ए दिल..
ए दिल..
read moreAmit Bharti Shrivastav
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read morePRAKASH GOURH ~> Azamgarh <~
माँगी थी दुआ एक आशियाने की, आँधियाँ चल पड़ी जमाने की! मेरे दर्द को कोई समझ ना सका, क्योंकि आदत थी मुझे मुस्कुराने की!! ©PRAKASH GOURH ~> Azamgarh तासीर ए जहर
तासीर ए जहर
read moreDeepak "New Fly of Life"
White बचपन से तैयारी कर लो, लक्ष्मी, सरस्वती संग, दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो। लाचारी, कोमलता, सहारा, सब छोड़ो, मन, हृदय, देह को अब, वज्र कर लो। भूलो मत, तुम नारी हो, जन्म है तुम में समाया, वक़्त है, अब मृत्यु को भी धारण कर लो। कब तक सहोगे हिंसा, बलात्कार, बन के वीरांगना सर को धड़ से, अलग करने की कला सीख लो। बचपन से तैयारी कर लो, लक्ष्मी, सरस्वती संग, दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो। ©Deepak "New Fly of Life" #तैयारी ए हिफाज़त
#तैयारी ए हिफाज़त
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