Find the Latest Status about बाद रिजल्ट २०१९ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बाद रिजल्ट २०१९.
s गोल्डी
झालर उतार दिए , लडिया लपेट रहे है ! दिवाली बीत गई , अब खुशियां समेट रहे हैं !! ©s गोल्डी दिवाली के बाद
दिवाली के बाद
read moreF M POETRY
White कहाँ जाएं तुम्हारे बाद अब हम.. भरी दुनियां में तन्हाँ रह गये हैँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #कहाँ जाए तुम्हारे बाद ल..
#कहाँ जाए तुम्हारे बाद ल..
read moreAnup Kumar Gopal
White माँ जन्म देती है और सबसे ज्यादा ख्याल रखने वाली माँ ही होती है। इसके बाद सबसे ज्यादा ख्याल रखने वाली जीवन संगिनी पत्नी होती है। ©Anup Kumar Gopal #GoodMorning माँ के बाद पत्नी
#GoodMorning माँ के बाद पत्नी
read moreSKgujjarchauhan
हरियाणा इलेक्शन रिजल्ट 2024 #हरियाणा #इलेक्शन #रिजल्ट 2024 #एसकेहरियाणा कोट्स लाइफ कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर लाइफ कोट्स success मो
read moreबाबा ब्राऊनबियर्ड
दीवारों में जब तक कान थे तब तक सब सही था । वो सुनती थी। जब से दरारे हुई है ... मसला भी तब से हुआ है। ✍️ ©बाबा ब्राऊनबियर्ड खैर एक वक्त के बाद अब दरार भी पुरलुत्फ है।
खैर एक वक्त के बाद अब दरार भी पुरलुत्फ है।
read moreInternet Jockey
White मेरी तलाश, मुझसे मिलने के बाद होती है ©Internet Jockey #Sad_Status मेरी तलाश, मुझसे मिलने के बाद होती है
#Sad_Status मेरी तलाश, मुझसे मिलने के बाद होती है
read moreseema patidar
White मेरे जाने के बाद ............ बोलती और सोचती बहुत ज्यादा थी पर बातो में गहराई थी उसके जिद्दी तो बहुत ज्यादा थी पर दिल की साफ थी किसी रिश्ते के लिए इतनी खास तो नही थी पर रिश्ते निभाना बखूबी से जानती थी उसकी उदासी तो नही देख पाया कोई पर दूसरो को उदास देख परेशान हो जाती थी मासूमियत और सादगी भरा जीवन था उसका पर समझदार उससे ज्यादा थी उसके लिए तोहफे तो दूर खास दिन भी नहीं याद रखे गए पर सबके लिए उपहारों और खास दिन को हमेशा याद रखती थी perfect तो नही समझा गया उसे कभी पर parfect बनकर चली जरूर गई सबके जैसी थी पर सबसे न्यारी थी सच में वह स्त्री बहुत प्यारी थी। ©seema patidar मेरे जाने के बाद......
मेरे जाने के बाद......
read moreranjit Kumar rathour
आज़ से पचीस साल पूर्व ढेर सारी नसीहतो के साथ पापा ने मुझे पटना तब भेजा था ज़ब गांव का सामान्य आदमी शायद हीं हिम्मत जुटा पाता था पापा ने बस स्टैंड तक छोड़ा था और भाई भागलपुर स्टेशन तक हम दो भाइयों को ट्रेन मे छोड़ने बोला नहीं था कुछ लेकिन नजरो से एक वादा ले लिया था जाओ आप पापा के सपने बनाना मंझला था बोला हमें नहीं पढ़ना तब हम नहीं समझ पाए थे लगा ये शैतानी कर रहा है अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है आज ज़ब समझा तो लगा की हम बड़े होकर भी कितने छोटे हप गए और मेरा छोटा कितना बड़ा हप गया ठीक 25साल बाद वही नजारा सामने था बस स्टेशन दूसरा था मुझे नहीं मै छोड़ने आया था अपने दोनों बेटों को लेकिन इस बार नसीहत मेरे थे और उम्मीदों को बोझ बेटों पर उदास ट्रेन मे सवार पटना जाने के लिए एक तपस्या के लिए घर से दूर हा बेटे यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर ©ranjit Kumar rathour पचीस साल बाद
पचीस साल बाद
read more