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Anupama Jha
"काश" इच्छाओं का उपसर्ग है और "आस" प्रत्यय । #काश #आस #उपसर्ग #प्रत्यय #yqdidi #hindiquote #हिंदीकोट्स
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read morevishnu prabhakar singh
गुम हो जाता है परस्पर अपेक्षा में काबिज़ चलन में उपसत्य जो है गुम हो जाता है धन अर्जन में रीती के टेक में उपवंश जो है गुम हो जाता है विकास के दौर में संयत के तौर में उपयोग जो है गुम हो जाता है पुत्र के मोह में मित्र के जोह में उपहार जो है गुम हो जाता है सेवा के भाव में मेवा के चाव में उपचित्त जो है जिस तरह समाजवाद का उपसर्ग परिवारवाद,उसी तरह नैतिकता का उपसर्ग बदलाव। #गुमहोजाताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Y
जिस तरह समाजवाद का उपसर्ग परिवारवाद,उसी तरह नैतिकता का उपसर्ग बदलाव। #गुमहोजाताहै #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Y
read moreVedantika
अति काम मद लोभ में देखो मनुष्य गया हार देव के भेष में राक्षसों की हो रही जय-जयकार मानवता का हुआ हनन सब देख रहे है निःशब्द खुद पर संकट आएगा तो चिल्लाएंगे सब गैरजिम्मेदार सब हुए एक दूसरे को रहे ताक कौन सुधारे खुद को घूम रहे सब बेबाक मान मनोव्वल चाहिए झूठे हो जज्बात दिल खोल बता रहे एक दूसरे की बात विशेष बन कर रह रहे दुनिया मे धनवान गरीब की पीड़ा से रहे हरदम ये अंजान चलते रहे जो मखमली कालीन पर सदा कैसे सहे पथरीली जमीन के निशान निसन्देह इस संसार मे सब नहीं एक जैसे जीवन की कठिन डगर पार होगी कैसे प्रश्न बड़ा ही है कठिन उत्तर ना जाने कोई ईश्वर की शक्ति के आगे राह आसान बन जाई उपसर्ग का प्रयोग: अति- बहुत ज्यादा गैरजिम्मेदार- लापरवाह विशेष- खास निसन्देह- बिना किसी शक के
उपसर्ग का प्रयोग: अति- बहुत ज्यादा गैरजिम्मेदार- लापरवाह विशेष- खास निसन्देह- बिना किसी शक के
read moreKaleem Ansari
और कितना लिखू तेरी याद में कोई दम नहीं मेरी फरयाद में मेरी रूह भी छीन के ले गई मुझ से में में ना रहा तेरे बाद में में में न रह तेरे बाद में
में में न रह तेरे बाद में
read moreडॉ वीणा कपूर "वेणु"...
सागर की लहरों में, मेरे गांव की नहरों में सीमाओं के पहरों में, उथले और गहरों में, सब ओर तुम्हें खोजती, मेरी मौन तलाश। एक दिन तो तुम मिल ही जाओगे पूर्ण है विश्वास। जल सम पारदर्शी गगन सम समदर्शी मेरी भोली आस सागर के किनारे भी अतृप्त है प्यास।। ©Veena Kapoor लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare
लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare
read more( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
रात मे नींद मे खुद से बात करता हु लोग कहते है पागल हु मै ऊन्हे कैसे बाताऊ मै पागल नहि मोहब्बत मे घायल हु मै ©سید انوار حسین रात में नींद में
रात में नींद में
read more( prahlad Singh )( feeling writer)
( मैं, मैं हूं मैं, तुम तो नहीं मैं, खुद का आइना हूं में, ओरो में कहीं गुम तो नहीं ) ©( cop prahlad Singh )( feeling writer) #में, में हूं #Sunrise