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स्वाध्याय केवल पुस्तकें पढ़ने को ही नहीं कहते। उसका वास्तविक उद्देश्य आत्म-निरीक्षण के लिए प्रेरणा प्राप्त करना है। शास्त्र कहता है। शास्त्र
शास्त्र
read moreChoubey_Jii
नृत्य, गायन, अभिनय, वादन व रंगमंचन होता है !! ये नाट्य कला, संपूर्ण कलाओं का संगम होता है !! ये रंगमंच मंदिर होता है पर्दे हैं द्वार उस मंदिर के !! कलाकार कठपुतली निर्देशक के मन के अंदर के !! सहयोगी होते नींव नाट्य के नहीं कोई कम होता है !! ये नाट्य प्रदर्शन पूजन है दर्शक ईश्वर सम होता है !! कलाकार का श्रम मंच पर, मनोरंजन बन आता है !! चंद मिनट में महीनों की, मेहनत का रंग दिखाता है !! संपूर्ण सभा में दर्शक की जो ताली से गुंजन होता है !! वह गुंजन उपहार कलाकार जीवन पर्यंत संजोता है !! #चौबेजी !! #worldtheatreday #विश्वनाट्यदिवस #चौबेजी #नाट्य #कविता
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read morePt. Ashish Dubey
सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है. यह इसका प्रयोग करने वाले के हाथ से खून निकाल देता है. ©Pt. Ashish Dubey #तर्क शास्त्र
#तर्क शास्त्र
read moreSanjay Kumar Gupta
कोई ऐसी करवट, जो गीला न करे तकिये को, क्या पता है तुम्हे? मुझे मालूम हुआ है, आप वास्तु शास्त्र के बड़े जानकर है। #वास्तु शास्त्र
#वास्तु शास्त्र
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
शास्त्रे प्रतिष्ठा सहजश्च बोधः प्रागल्भ्यमभ्यस्तगुणा च वाणी। कालानुरोधः प्रतिमानवत्वम् एते गुणाः कामदुधाः क्रियासु।। शास्त्र में निष्ठा, स्वाभाविक ज्ञान, प्रगल्भता, गुणों के अभ्यास से सम्पन्न वाणी, कार्य के उचित समय का अनुसरण और प्रतिभा की नवीनता - ये सभी गुण मनोरथों को पूर्ण करनेवाले होते हैं। (मालतीमाधव - ३/११ ©मनोज कुमार झा "मनु" #Sunhera शास्त्र वचन
#Sunhera शास्त्र वचन
read moreHP
शास्त्र कहता है ‘सत्यं सुखं संजयति’ सत् से सुख उपजता है। यदि आप अपने को सुखी बनाना चाहते हैं तो अपने अन्दर दृष्टि डालिये, अपनी बुराइयों का सुधार कीजिए, अपने में सद्गुण उत्पन्न कीजिये। ‘स्व’ को सँभालते ही ‘पर’ सँभल जाता है। दुनिया दर्पण है, इसमें अपनी ही शकल दिखाई पड़ती है। पक्के मकान में आवाज गूँजकर प्रतिध्वनि उत्पन्न होती है इसी प्रकार अपने गुण कर्म, स्वभावों के अनुरूप प्रत्युत्तर संसार से मिलता है। हम जिधर चलेंगे छाया भी पीछे-पीछे उधर ही चलेगी। इसलिए उचित है कि सुख प्राप्त करने का अपने को अधिकारी बनावें अपने आचरण और विचारों में समुचित संशोधन करें यही सफलता का मार्ग है। शास्त्र कहता है।
शास्त्र कहता है।
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