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सौरभ बेखबर शायरी
बेफिजूल मत बहाया करो आंसुओं को, जब जरूरत होगी तब कहां से लाओगे । खाली आँखों से जब दर्द बयां नहीं होगा, तो जला कर दीया जनाजे से,वापस लौट आओगे ।। सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
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किसी को क्या मालूम मौत के हसीन चेहरे को भी,बेनकाब देखा है हमनें । काफिरों के संग दुनिया बसाने का,जब से ख्वाब देखा है हमनें ।। सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
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मत हो उदास अपनी किस्मत से, किसी को हार मिली तो, किसी को जीत मिली । अरे जीतने वाले की किस्मत में सरपंच लिखा था , हारने वाले की किस्मत में दुनिया पाने की तहक़ीकात लिखी ।। सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
read moreS K Sachin उर्फ sachit
पसीने से तन मेरा ,तर ब तर है शितल हवा क्या...तू बेखबर है ! मैं तुमको कब से देखे जा रहा हूँ और हमसे ही जुदा तेरी नज़र है !! ©S K Sachin #MereKhayaal #बेखबर #शायरी
MereKhayaal बेखबर शायरी
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खुदा कर रहम वरना, तेरी कयामत को बेनूर समझेंगे । गर हुआ कुछ हमें तो, तुझे दिलों से दूर समझेंगे ।। फितरत के आशियाने में, रहमतों का कसूर क्या ,, तेरी रहमतों को किसी क्षण के लिए मजबूर समझेंगे । कुछ हुई खताह हमसे तो माफ करना मेरे खुदा, गर जिंदा रहे तो, खुद को बेकसूर समझेंगे ।। ........ SOURABH KEWAT सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
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Alone गुनाह किसी की हरकतों ने किया । सजा किन हसरतों को मिली ।। ऐ खुदा मौत का खौफ नहीं, यह तो सादगी है जिंदगी जीने की । वरना किसकी मजाल, जो इस दिल में डर पैदा कर सके।। ....SOURABH KEWAT सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
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मैं कुर्फ के उन घरों को अपनी हैसियत के मिजाज से दूर रखता हूं , जिन घरों में रहने वाले मिट्टी के पुतलो को चंद पैसों का गुमान हो ।। सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
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मेहनतों का मंजर खड़ा करना पड़ता है जानिब, छोटी सी जीत के लिए । किसी को शर्म तक नहीं आती किसी की हार की दुआ करते हुए ।। सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
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दिसंबर का महीना कोई पलकें बिछाए बैठा था हमसें मिलने को, किसी को फुरसत तक नहीं थी हमसें मिलने की । अब शायद ही यह दिल गुस्ताखी करेगा, उनके झुठे वादो से पिघलने की ।। सौरभ बेखबर शायरी
सौरभ बेखबर शायरी
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