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SK Poetic
“मेरे लिए तो शिक्षा का सार तथ्यों का संग्रहण नहीं बल्कि मस्तिष्क की एकाग्रता है। अगर मुझे मेरी शिक्षा की फिर से शुरुआत करनी पड़े और इस मसले पर अगर मेरी राय ली गई तो मैं तथ्यों-ब्योरों का अध्ययन एकदम नहीं करूंगा। इसके बजाय, मैं एकाग्रता और निर्लिप्तता की शक्ति विकसित करूंगा और फिर उपयुक्त उपकरणों के साथ अपनी इच्छा से तथ्यों को जमा कर सकता हूं।” ©S Talks with Shubham Kumar एकाग्रता : स्वामी विवेकानंद के शिक्षा के विचार में एक महत्त्वपूर्ण घटक #Light
एकाग्रता : स्वामी विवेकानंद के शिक्षा के विचार में एक महत्त्वपूर्ण घटक #Light
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही उज्ज्वल-अदूषित जो सदा बहता रहा। ©HINDI SAHITYA SAGAR सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही उज्ज्वल-
सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही उज्ज्वल-
read moreअशेष_शून्य
~©Anjali Rai प्रेम विलुप्त हो जाने पर ये संसार मरुभूमि में पड़े उस "पत्थर" के समान होगा; जिसमें ईश्वर वास नहीं करता....!
प्रेम विलुप्त हो जाने पर ये संसार मरुभूमि में पड़े उस "पत्थर" के समान होगा; जिसमें ईश्वर वास नहीं करता....!
read moreRavi Shankar Kumar Akela
अन्य शब्दों में पर्यावरण उस परिवेश को दर्शाता है जो कि सजीवों को सभी तरफ से घेरे रहता है व उनके जीवन को प्रभावित करता है | यह वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल और जीवमंडल से बना होता है। इसके प्रमुख घटक मिट्टी, पानी, हवा, जीव और सौर ऊर्जा हैं। पर्यावरण ने एक आरामदायक जीवन जीने के लिए हमें सभी संसाधन प्रदान किए हैं । ©Ravi Shankar Kumar Akela #DiyaSalaai अन्य शब्दों में पर्यावरण उस परिवेश को दर्शाता है जो कि सजीवों को सभी तरफ से घेरे रहता है व उनके जीवन को प्रभावित करता है | यह वा
#DiyaSalaai अन्य शब्दों में पर्यावरण उस परिवेश को दर्शाता है जो कि सजीवों को सभी तरफ से घेरे रहता है व उनके जीवन को प्रभावित करता है | यह वा
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही उज्ज्वल-अदूषित जो सदा बहता रहा। ©HINDI SAHITYA SAGAR #alone सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही
#alone सारे जैविक औ अजैविक होते हैं नश्वर यहाँ? नर्क या फ़िर स्वर्ग से जाओगे परे, पर कहाँ? सड़ता वह जल ही है देखो जो वहीं ठहरा रहा। रहता वही
read moreमुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
Maa MY FIRST poetry on MOM HOPE YOU LIKE माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ दूर है,पास है,एहसास है। माँ अस्ल है,नस्ल है,वस्ल है। माँ प्यार है,व्यवहार है,संसार है। माँ सागर है,साहिल है,सैलाब है। माँ मंजिल है,रास्ता है,वास्ता है। माँ दौलत है,हसरत है,इनायत है। माँ चाहत है,आदत है,मोहब्बत है। माँ इबादत है,इज्ज़त है,इजाजत है। माँ सजदा है,मेहताब है,आफताब है। माँ अभेद्य है,अखंड है,प्रचंड है। माँ शब्द का अंत नही, माँ तो अनंत है। ~अंकुर (Dear Comrade) माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ द
माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ द
read moreAdv.Pramod@Basti
SawanYadav0209
तुमने सिर्फ इश्क सुना है, पढा है देखा है हमने किया है जिया है हारा है सहा है ©SawanYadav0209 तुमने सिर्फ इश्क सुना है, पढा है देखा है हमने किया है जिया है हारा है सहा है
तुमने सिर्फ इश्क सुना है, पढा है देखा है हमने किया है जिया है हारा है सहा है
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