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Stories related to कथयति अत्र का धातु

Vijay Shankar

पतली धातु में बड़े अंतराल को वेल्ड करने का आसान तरीका

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SURAJ आफताबी

अत्र-सुगंध इश्रत-आनंद love #surajaaftabi #Zindagi #lovequotes life #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan

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खुली जुल्फों में गूँजा ये शोर
अत्र आफताबी मिलकियत का
इश्रत में डूबा पुरजोर !

हाथों की मेहंदी महकी इस ओर
नजारे आफताबी सल्तनत के
कयामत ढाते चहुँ ओर !

काजल लहका छोड़ पलकों की कोर
काफ़िया आफताबी गजल का
भूल गया देख आँखों के मिलन का तौर ! अत्र-सुगंध
इश्रत-आनंद
#love #surajaaftabi #zindagi  #lovequotes #life #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan

Pratibha Sharma

#जयभोलेनाथ...gujraat ke badodra me स्वर्ण धातु ke shiv ji#

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Vijay Shankar

पतली धातु को वेल्ड करना, स्टील प्लेटों को वेल्ड करने से अधिक कठिन होता है।

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Mohan raj

#Life Lessons न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।

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न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।
मोह नहीं यहां किसी वस्तु या व्यक्ति का सब यहां कुछ समय के लिए आज है कल नहीं
There is no attachment to any thing or person, everything is here for some time, today and not tomorrow
धन्यवाद हर हर महादेव

©Mohan raj #Life Lessons न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।

यशवंत कुमार

वो चेहरा "तुम्हारा " है। मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का मेरी तन्हाईयों का मेरी परछाईयों का

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वो चेहरा 'तुम्हारा' है

मेरी बातों का
मेरे जज्बातों का
मेरे ख्यालों का
मेरे सवालों का

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 वो चेहरा "तुम्हारा " है।

मेरी बातों का
मेरे जज्बातों का
मेरे ख्यालों का
मेरे सवालों का
मेरी तन्हाईयों का
मेरी परछाईयों का

Rohit Potdar

का बरं का ?

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का बरं
   का ?


"Koni Pratyaksha pyeksha Gelyavarach jasta prem jaanavte."

Haa difference vedich sarkavta aala nahi.
Tar aayushya aani tyatli loko, fakt aathvan mahnun rahun jhatil aani tasecha jagave lagtil. का बरं का ?

Atul Sharma

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“10/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 *#“कठोर धातु”* *#“लोहा”*

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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“10/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

“संसार” के सबसे “कठोर धातु” में से एक है “लोहा”,
“लोहे” से हम “अस्त्र-शस्त्र” प्राप्त कर सकते है,
“अनेक वस्तुएं” प्राप्त कर सकते है,
अब इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए,
इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए 
किसका उपयोग किया जाता है ?
“लोहे” का ही...ये बात हम सभी जानते है 
कि “लोहे” से ही “लोहे को काटा” जाता है,
इसके आगे एक बहुत बड़ा “प्रश्न” आ जाता है,
जो बहुत बड़ी “सीख” दे जाता है,ऐसा क्यों होता है ?
 कि हम “लोहे” से ही “प्रहार” कर रहे है “लोहे” पर 
किन्तु जिस “लोहे से प्रहार” कर रहे है 
उस “लोहे का आकार” नहीं बदल रहा,
जिस पर “प्रहार” कर रहे है 
उस “लोहे का आकार” बदल रहा है, 
इसमें “अंतर” क्या है...इसमें अंतर है “तापमान” का,जिस “लोहे” को हमें बढ़ाना है और “काटना” है उस “लोहे को गर्म” किया जाता है और जिस “लोहे” से हमें “प्रहार” करना है 
उस “लोहे को ठंडा” रखा जाता है,
अर्थात “ठंडा” लोहा “गर्म” लोहे को काटता है,अब देखिए हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” भी आती है हमें इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि हमें हमारे मन को “शांत” रखना है यदि हम “क्रोध” और “ईष्र्या” की “अग्नि” में जलते रहें,“द्वेष की अग्नि” में जलते है तो हम भी उस “लोहे की भांति” हो जाएंगे जिसका “तापमान” कई अधिक है,तब कोई भी आके हमें “क्षति” पहुंचा सकता है,याद रखिए जिसकी सबसे अधिक “स्थिर बुद्धि” है,जो सबसे “शांत व्यक्ति” है वो सबसे अधिक “बलशाली” है...
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“10/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

*#“कठोर धातु”*

*#“लोहा”*

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

अधूरापन भावों का...सोच का....विचारों का...

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"अधूरापन ही खींचता है अपनी ओर
पूर्ण हो जाने के लिए..." अधूरापन भावों का...सोच का....विचारों का...

Mayank Pandit

आज का का इश्क़

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आज कल  लोग सच्चे प्यार की नही,
 बस कुछ दिन साथ दे ऐसे यार की खोज करते है, 
आज कल तो सकल भी नही देखते लोग,
10 मिनट की चॅटिंग मे डिरेक् पुरपोज करते है, 
और कहते है की बेबी हम भी मशूर हो लैला
मजनू की तरह इस जमाने मे, मगर उनको क्या पता
जिंदगी से अल्बिदा कहना पड़ता  है इश्क़ का इतिहास बनाने मे. . 
                                        poet - mayank pandit आज का का इश्क़
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