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Rajesh rajak
पत्नी बहुत समय बाद चिंतातुर हो कर बोली ,कम्पन सा महसूस हुआ मुझको, अंतरात्मा उसकी भी डगमग डोली, पड़ोसी पूछते हैं आपके बारे में,भैया सुबह जाते हैं, मुंह बांध कर,शरीर ढांककर, देर रात आते हैं सुनकर मुझे होती है बहुत पीड़ा, मैंने कहा,, कह दिया करो,मेरे पति जाते हैं, ,,,करने,मौत के मुंह में प्रेम क्रीड़ा,,, क्रीड़ा_खेल प्रेम क्रीड़ा,
प्रेम क्रीड़ा,
read moreShashi Bhushan Mishra
जल में क्रीड़ा करते लोग, मन की पीड़ा हरते लोग, सकल शहर जलमग्न हुआ, झाल मंजीरा धरते लोग, देख भयावहता मौसम की, हृदय अधीरा डरते लोग, सभी ज़रूरत मंद यहाँ पर, मनसुख हीरा लड़ते लोग, लूटे सुख वाचाल चपल जन, मूक-बधीरा सड़ते लोग, बाबू जन बेहाल हैं 'गुंजन', मटर पनीरा करते लोग, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #जल में क्रीड़ा करते लोग#
#जल में क्रीड़ा करते लोग#
read moreDinesh Yadav
आज महाभारत खुद को दोहरा रहा है, भिष्म पितामह कल की तरह आज भी मौन हैं। क्योंकि दुशासन पक्ष का है। ©Dinesh Yadav महाभारत
महाभारत
read moresandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
मुझको ये लोग गुनाह तलक लाएंगे ‘ख़ब्तुल’... कान्हा से भी महाभारत करवाया गया था..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 महाभारत
महाभारत
read moreParasram Arora
#FourLinePoetry महाभारत क़े लीए कोई कुरुक्षेत्र नही चाहिए महाभारत हमारे मन मे है क्यों कि हमारा अंधकार गहन है और हमारा अहंकार सघन पूरा जीवन एक कुरुक्षेत्र है कलह का क्रोध का ईर्षा का अहम का ©Parasram Arora महाभारत ....
महाभारत ....
read moreParasram Arora
है मधुसूदन... इस महाभारत मे तुम रणभेरी बजा दो गांडीव मुझे थमा दो.. भले रथ तुम हाँक लो दुर्योधन की अक्षुण्णि सेना मेरे सामने है और पूरी सेना मेरे निशाने पर है मै पलायनवादी नहीं कर्मठ योद्धा हूँ इन सब को मार कर ही मै मरू यही मेरी कामना है और मेरे कर्मो की फलाकांक्षा भी यही है गीता का ज्ञान अर्जुन क़े लिए जरूरी था. पर मै उस ज्ञान को पहले से ही आत्मसात कर चुका हूँ और अब तुम मुझे बहलाने . या फुसलाने की चेष्टा भी मत करना लेकिन रणभूमि की इस रक्त वाहिनी नदी किनारे तुम.. अपनी बंसी बजाना मत भूलना महाभारत.....
महाभारत.....
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