Find the Latest Status about संबित पात्रा के माता पिता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, संबित पात्रा के माता पिता.
Ravi Kumar
माता के बिना तो पूरी घर बिखर जाता है पापा के बिना तो पूरी दुनिया हि बिखर जाता है ©Ravi Kumar माता पिता के शायरी #AkelaMann
माता पिता के शायरी #AkelaMann
read moreGhanshyam Ratre
White मां बाप की लाड प्यार अपने हाथों से झुला झुलाते थे । छोटे बच्चे थे रात में नहीं सोते तो लोरी गा कर सुलाते थे।। मां बाप कि लार-दुलार प्यार इस दुनिया कि अनमोल दौलत है। कभी अपने मां-बाप का दिल न तोड़ें इससे बड़ा कोई पाप नहीं है।। ©Ghanshyam Ratre माता -पिता के प्रति अनमोल वचन
माता -पिता के प्रति अनमोल वचन
read moreharendra
दोस्त सौ बात की एक बात चार दिन के प्यार के लिए अपने माता पिता की बेज्जती मत करना कभी ©harendra माता पिता के लिए कुछ लाइनें
माता पिता के लिए कुछ लाइनें
read moreEk villain
यह वही संतान है जिसकी पढ़ाई कारण छुपाते छुपाते हम अनेक सुविधाओं से वंचित रहे अब उसके पास हमें महीनों फोन करने का समय नहीं मित्र का कारोबार जमाने के लिए मैंने क्या नहीं किया अब मुझे पहचान ना उस से भारी पड़ता है इस संस्था को खड़ा करने में जान लगा देना मेरे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी ऐसी व्यवस्थाएं उनकी है जिन्होंने भला करने के दौरान अनेक अनुचित अपेक्षाएं संजू ली थी इस सोच से कोई कार्य किया जाए कि पुण्य मिलेगा या अपनी आवश्यकता पर किया कराया बहु गुनीता होकर वापस मिलेगा जीवन से उल्लास और सुख जाता रहेगा लोक लाज की दृष्टि से यह पिंड छुड़ाने की आशा से संपन्न करने का भी यही हरशु होता है संतान को लाड़ दुलार देने तथा उसकी परवरिश और शिक्षा पर निवेश करने के बदले में वृद्धावस्था में सेवा की लालसा भी सौदेबाजी हुई है निस्वार्थ कर्म नहीं सत्कर्म के पीछे अपेक्षाएं जितनी अधिक होगी उसी अनुरूप भविष्य कष्ट कार हो जाएगा ©Ek villain #अपेक्षा भाव माता पिता के प्रति
#अपेक्षा भाव माता पिता के प्रति
read moreGanesh Din Pal
#FourlinePoetry 👨👩👧🌹🙏माता-पिता🙏🌹👨👩👧 मात-पिता सेवा जो करहीं, भवसागर से वो सब तरहीं। आदर करहुं सदा पितरौ की, गोद भरहुं खुशियों से उनकी। बहु सम्मान करहुं तुम उनकौ, काटहुं नहि बातहुं को तिनकौ। हाजिर तुरत बात पै होवौ, उर से सुनहु बात जौ बोलौ। आज्ञा सुनहुं पिता की भैया, जीवन मुक्त होउ मोरे सैयां। उच्च नाद नहि करहूं बाता, सदा खुशी रहहूं पितु- माता। करहुं विचार संग पितु- माता, पूरन काम होय दिन-राता। खुशी रहैं घर जब पितु -माता, सब सुख आपहि घर को आता । जेहिं पर कृपा उनहि की होई फूलहिं फलैं सदा सब कोई। उनकी कोखी जब मैं आवा, धन्यभाग मानुष तन पावा। जौ जन छुवै मातु- पितु चरना, कृपा दृष्टि कोउ जाइ ना बरना। माता सब गुण की है आगर, पिता मोर त्रैलोक के नागर। पूरन करैं सकल अभिलाषा, मन अनुरूप पिलावैं रासा। पिज्जा, नूडल्स, मैगी खाई, उर हरसि वो बहुत खिलाई। धरा रूप जनमी जौ माता, रूप अकाश पिता सब गाता। शिशु दुख होइ मातु अकुलाई। बैद्य बुलाइ पिता तब लाई। ऐसी करनी कौन है करता, मात-पिता हैं शिशु के भरता। भगवत रूप अशंका नाहीं, बहु गुण लिखत जात नहि जाहीं। रहैं गदेला खुश जब घरहीं। उनकै हृदय फूल गरगजहीं। करहुं दंडवत मातु-पितु , मैं आपहि का लाल। आशीर्वाद बनाए रहिए ,कहता जीडी पाल। - 🌹🙏🌹गनेश दीन पाल🌹 ( हिंदी शिक्षक)🌹 ©Ganesh Din Pal माता पिता के चरणों में #fourlinepoetry
माता पिता के चरणों में #fourlinepoetry
read more