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Stories related to प्रकृति पर कविता sumitranandan pant

Alfaz-E-Dheeraj

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White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर,
वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती।

©Alfaz-E-Dheeraj #love_shayari  कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता

नवनीत ठाकुर

#प्रकृति का विलाप कविता

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जमीन पर आधिपत्य इंसान का,
पशुओं को आसपास से दूर भगाए।
हर जीव पर उसने डाला है बंधन,
ये कैसी है जिद्द, ये किसका  अधिकार है।।

जहां पेड़ों की छांव थी कभी,
अब ऊँची इमारतें वहाँ बसी।
मिट्टी की जड़ों में जीवन दबा दिया,
ये कैसी रचना का निर्माण है।।

नदियों की धाराएं मोड़ दीं उसने,
पर्वतों को काटा, जला कर जंगलों को कर दिया साफ है।
प्रकृति रह गई अब दोहन की वस्तु मात्र,
बस खुद की चाहत का संसार है।
क्या सच में यही मानव का आविष्कार है?

फैक्ट्रियों से उठता धुएं का गुबार है,
सांसें घुटती दूसरे की, इसकी अब किसे परवाह है।
बस खुद की उन्नति में सब कुर्बान है,
उर्वरक और कीटनाशक से किया धरती पर कैसा अत्याचार है।
 हरियाली से दूर अब सबका घर-आँगन परिवार है,
किसी से नहीं अब रह गया कोई सरोकार है,
इंसान के मन पर छाया ये कैसा अंधकार है।।

हरियाली छूटी, जीवन रूठा,
सुख की खोज में सब कुछ छूटा।
जो संतुलन से भरी थी कभी,
बेजान सी प्रकृति पर किया कैसा पलटवार है।।
बारूद के ढेर पर खड़ी है दुनिया, 
विकसित हथियारों का लगा बहुत बड़ा अंबार है।
हो रहा ताकत का विस्तार है,खरीदने में लगी है होड़ यहां, 
ये कैसा सपना, कैसा ये कारोबार है?
ये किसका विचार है, ये कैसा विचार है?
क्या यही मानवता का सच्चा आकार है?

©नवनीत ठाकुर #प्रकृति का विलाप कविता

Writer Mamta Ambedkar

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मां की ममता और पिता की मेहनत

ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना,
हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना।
रातों को जागकर लोरी सुनाती है,
खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है।
हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है,
ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है।

और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना,
हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना।
पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना,
अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना।
खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता,
वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता।

ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती,
मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती।
दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए,
माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए

©Writer Mamta Ambedkar #maaPapa  प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता

official Sahabu

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Singer Er Jk nigam

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Rohit Saroj

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White हां जिंदगी बिकनी अजीब है जीना है तो काम करना है वरना भूखा मरना है

©Rohit Saroj #love_shayari  बारिश पर कविता कविता कोश हिंदी दिवस पर कविता

tanvi(^_^)

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Kamlesh Kandpal

#प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता

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ये सोचता हूँ मै अक्सर
जो आता है मुझे नजर
ये धरती, या ये आकाश
सूर्य का अदभुत प्रकाश
चंदा गोल,टीमटिमाते तारे
बनाये ये सब,किसने सारे
ठंडी, गर्मी औऱ ये बरसात
लू के दिन,अमावस की रात
पाने की खुशी, खोने का डर 
ये सोचता हूँ मै अक्सर
जो आता है मुझे नजर

©Kamlesh Kandpal #प्रकृति का सौंदर्य  हिंदी कविता

Ankit Singh

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Ritika Vijay Shrivastava

#Barsaat हिंदी कविता प्रेम कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

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बादल जो काले छाते है, और बूँदे राग सुनाती है,
जाने वो कैसा समंदर है, जो मन को मेरे डुबाती है। 
बरसता है जो प्यार मेरा, और दुनिया मेघ बतलाती है,
अकेली कहाॅं ? ये बारिश तुम्हे भी तो साथ लाती है।

©Ritika Vijay Shrivastava #Barsaat  हिंदी कविता प्रेम कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश
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