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Shaikh Akhib Faimoddin
व्याख्या जीवन की क्या व्याख्या करुँ मै इस जीवन की जिसकी कोई व्याख्या ही नही हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता क्या यही विषमता तो जीवन नही| कोई सब कुछ होकर भी रोता है तो कोई कुछ ना होके भी हसता है किसीका जीवन मधुबन तो किसीका रेगिस्तान भी नही क्या यही विषमता तो जीवन नही| जिसने सत्य को ही जीवन माना उसके किसीने छुए चरण नही जिसने किया समाज को खोकला उसके खिलाफ कोई आवाज नही क्या यही विषमता तो जीवन नही| माना जीवन सुख दुख का संघर्ष ही सही पर इसके परिणामों में समानता क्यों नही किसीको जलाया जाता है चंदन की चीता पर तो किसीको मिलता कफन भी नही क्या यही विषमता तो जीवन नही| अंत में क्या सही और क्या गलत इसका मिलता कोई जवाब नही क्योंकि हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता क्या यही विषमता तो जीवन नही| फिर भी करना चाहता हुँ व्याख्या जीवन की जीस जीवन की कोई व्याख्या ही नही| व्याख्या जीवन की..
व्याख्या जीवन की..
read moresahil Raza'sharin'
तुम जन जन घूमते हो ले प्रिय उपहार अब क्लेस भी है दिखाओ अतिसार स्नेह मात्र से नहीं है यह जग सुधरा समय की झंकार पर स्वयं मानव है कष्ट में उत्तरा तभी हुआ है इस जग का विस्तार ©sahil हृदय परिवर्तन कविता #stay_home_stay_safe
हृदय परिवर्तन कविता #stay_home_stay_safe
read moreDharmraj lohar
गीता में दिए कर्म के सिद्धांत की व्याख्या। कर्म का सिद्धांत दो शक्तियों के माध्यम से कार्य करता है ज्ञान और अज्ञान ज्ञानयोग से किए कर्मो का फल अच्छा और अज्ञान योग से किए कर्मो का फल बुरा होता है ज्ञान से धर्म और कर्तव्य जुड़ा होता है अज्ञान से अधर्म और अकर्तव्य जुड़ा होता ©Dharmraj lohar गीता की व्याख्या
गीता की व्याख्या
read moreSachin Sharma
जब जिस्म योवन की परीकाष्ठा को प्राप्त कर ले। तब निश्चित ही प्रकृति अपने, नव संचार का मार्ग प्रशस्त करती है @sachinsharma , परिवर्तन ओर परिवर्तन की दिशा।
, परिवर्तन ओर परिवर्तन की दिशा।
read moreAshkar
दुनिया को बदलने से पहले ख़ुद को बदले फिर अपने परिवार को फिर आस-पड़ोस को और फिर दुनिया को बदलने निकले। ©The heart thoughts #दुनिया #परिवर्तन #कविता #विचार #शायरी
दुनिया परिवर्तन कविता विचार शायरी
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