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Sonal Panwar
पानी की बूंदें बादलों पर होकर सवार धरा पर उतरी बन रिमझिम फुहार, आसमां पर इंद्रधनुषी रंगों की चादर लगे सतरंगी सपनों की बाल मनुहार। ©Sonal Panwar इंद्रधनुषी रंग🌈🌧️☔ #indradhanush #बारिश #barish #barish_ki_bundein #hindi_poetry #Hindi #hindi_shayari #hindi_quotes #Nojoto
इंद्रधनुषी रंग🌈🌧️☔ #indradhanush #बारिश #barish #barish_ki_bundein #hindi_poetry #Hindi #hindi_shayari #hindi_quotes
read moreAshraf Fani
इंद्रधनुष के सात हैं रंग आठवा तेरा प्यार प्यार वो भी ऐसा वाला जो मेरा संसार जीवन जिससे बहार ख़ुशबू से गुलज़ार ©Ashraf Fani【असर】 इंद्रधनुष के सात हैं रंग आठवा तेरा प्यार प्यार वो भी ऐसा वाला जो मेरा संसार जीवन जिससे बहार ख़ुशबू से गुलज़ार #ashraffani
इंद्रधनुष के सात हैं रंग आठवा तेरा प्यार प्यार वो भी ऐसा वाला जो मेरा संसार जीवन जिससे बहार ख़ुशबू से गुलज़ार #ashraffani
read moreParastish
लगाना रंग कुछ ऐसे मिरे दिल-दार होली पर करे दो चार को घायल सर-ए-बाजार होली पर हवा में हो उठे हल-चल, बहारें रश्क कर बैठें यूँ सर से पा लगूँ मैं प्यार में गुल-बार होली पर निगाहों से छिड़क देना यूँ चश्म-ए-शोख़ का जादू लगें मय का कोई प्याला मिरे अबसार होली पर लबों की सुर्ख़ रंगत को, यूँ मलना तुम मिरे आरिज़ कि तितली गुल समझ के चूम ले रुख़्सार होली पर अबीरों ओ गुलालों से, हो फ़नकारी मुसव्विर सी धनक आ के गिरे दामन में अब के बार होली पर ©Parastish चश्म-ए-शोख़ - lovely eyes अब्सार - आँखें आरिज़ - रुख़्सार/गाल फ़नकारी - कलाकारी/ artistry मुसव्विर - चित्रकार/painter धनक - इंद्रधनुष/rai
चश्म-ए-शोख़ - lovely eyes अब्सार - आँखें आरिज़ - रुख़्सार/गाल फ़नकारी - कलाकारी/ artistry मुसव्विर - चित्रकार/painter धनक - इंद्रधनुष/rai
read moreSwatantra Yadav
एक सलोना झोंका भीनी-सी खुशबू का, रोज़ मेरी नींदों को दस्तक दे जाता है। एक स्वप्न-इंद्रधनुष धरती से उठता है आसमान को समेट बाहों में लाता है,
read moreRavi Sharma
जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है जब सूखी धरती पे घन प्रेम राग बरसाता है चपला करती हैं नृत्य अमिट, और अंतस हर्षाता है इंद्रधनुष के आलिंगन से फिर धरा का मन मुसकाता है।। जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है.... ।। रवि ।। ©Ravi Sharma जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है जब सूखी धरती पे घन प्रेम राग बरसाता है चपला करती हैं नृत्य अमिट, और अंतस हर्षाता है इंद्रधनुष के आलिं
जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है जब सूखी धरती पे घन प्रेम राग बरसाता है चपला करती हैं नृत्य अमिट, और अंतस हर्षाता है इंद्रधनुष के आलिं
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