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Kamlesh Kandpal
ये सोचता हूँ मै अक्सर जो आता है मुझे नजर ये धरती, या ये आकाश सूर्य का अदभुत प्रकाश चंदा गोल,टीमटिमाते तारे बनाये ये सब,किसने सारे ठंडी, गर्मी औऱ ये बरसात लू के दिन,अमावस की रात पाने की खुशी, खोने का डर ये सोचता हूँ मै अक्सर जो आता है मुझे नजर ©Kamlesh Kandpal #प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता
#प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता
read moreSatish Kumar Meena
White प्रकृति का सौंदर्य स्वर्णिम स्वप्न की तरह होता है जिसे हम सोच और महसूस कर सकते हैं परंतु इसमें वास्तविकता का आनंद भी भरपूर होता है। ©Satish Kumar Meena प्रकृति का सौंदर्य
प्रकृति का सौंदर्य
read moreDr. Mann
प्रकृति के सौंदर्य को देखने के लिए आपकी आंखों का सुंदर होना भी जरूरी है। ©Dr. Mann प्रकृति का सौंदर्य
प्रकृति का सौंदर्य
read moreKhushboo Rani
savera hote hi ambar me faila kiran mithi mushkan de, prakriti ka ye alam alankar se khil utha sara jag jivan.. ✍️ khushboo rani ##प्रकृति का सौंदर्य
##प्रकृति का सौंदर्य
read moreGeetkar Niraj
प्रकृति पर कविता/Poem on nature in hindi जलमग्न हुई कहीं धरा,कहीं बूंद-बूंद को तरसे धरती। किसने छेड़ा है इसको, क्यों गुस्से में है प्रकृति।। किसने घोला विष हवा में,किसने वृक्षों को काटा ? क्यों बढ़ा है ताप धरा का,क्यों ये धरती जल रही ? जिम्मेवार है इसका कौन,क्यों ग्लेशियर पिघल रही ? किसने इसका अपमान किया, कौन मिटा रहा इसकी कलाकृति ? किसने छेड़ा है इसको,क्यों गुस्से में..........? धरती माँ का छलनी कर सीना,प्यास बुझाकर नीर बहाया। जल स्तर और नैतिकता को भूतल के नीचे पहुँचाया। विलुप्त हुये जो जीव धरा से,जिम्मेवार है उसका कौन ? जुल्म सह-सहकर तेरा, अब नहीं रहेगी प्रकृति मौन। आनेवाले कल की जलवायु परिवर्तन झाकी है। टेलर है भूकंप, सुनामी, पिक्चर अभी बाकी है। फिर नहीं कहना कि क्यों कुदरत हो गई बेदर्दी ? किसने छेड़ा है इसको ,क्यों गुस्से में............3। ©Geetkar Niraj प्रकृति पर कविता। #natre #poemonnature #geetkarniraj
प्रकृति पर कविता। #natre #Poemonnature #geetkarniraj
read moreCalmKrishna
रात्रि सौंदर्य... #कविता #रात्रि #सौंदर्य #poem #nojotohindi
रात्रि सौंदर्य... कविता रात्रि सौंदर्य poem nojotohindi
read morePushpa Rai...
प्रकृति सौंदर्य फूलों की महक चिड़ियों की चहक भवरों की गुंजन नदियों की कल-कल हवा की सरसराहट उमड़-घुमड़ बादलों का यहां-वहां विचरण करना मन को मेरे बहुत लुभाये ये अनुपम प्रकृति सौंदर्य ©Pushpa Rai... #कविता #प्रकृति_प्रेम #सौंदर्य #नोजोटो #नोजोटोहिंदी #हिंदी_कविता
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