Find the Latest Status about उफनती गंगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उफनती गंगा.
Parasram Arora
संध्या की बीमार सी मद्दिम रौशनी मे सांस लेती हुईं इस बस्ती की झुग्गियो कि चिमनियों से धुए के बादल बन कर उड़ रहे थे झुग्गी के भीतर दोनों आँखों से पानी पोंछति हुईं गृहणी बंसी कीफूंक से चूल्हे की गीली लकड़ियों को सुलगा कर मिट्टी के तवे पर रोटीया सेक रही थी अपने उन्मादी बच्चो की उफनती भूख का समाधान उसे ही तो करना था उफनती भूख......
उफनती भूख......
read moreJ P Lodhi.
सागर की लहरों की तरह मच रही ज़िंदगी में उथल पुथल। ज्वार भाटे की तरह आते रहें ,अनवरत रूप से उतार चढ़ाव। डगमगा रही ज़िन्दगी की कश्ती,डूबाने को बेताब है उफान। ठहरा नहीं जाता किनारों पर भी, उड़ा रहा वहां भी तूफान। स्वर गूंज रहा उफनती लहरों के,मच रहा किनारों पर सोर। चारो तरफ छाएं गमों के बादल, होती नही खुशियों की भौंर। फंस रही कश्ती ज़िंदगी के भंवर में,किनारे बन रहे बेखबर। झेल रही कश्ती मुश्किलें, तूफानों में टूटी पतवारों के सहारे। #Nojoto उफनती लहरें
उफनती लहरें
read moreSanjeev Jha
देखा, गंगा को तकलीफ सह कर बहना जैसे कोई कराह हो या हो प्रसव-वेदना कचरे कई नालों से उतरते हुए देखा शौचालयों के मुंह का न है कोई लेखा मां बचपन में धोती थी अब कब तक धुलाना देखा, गंगा को तकलीफ सह कर बहना ©संजीव #गंगा
ranjit winner
सनुो मझुे तुम फिर याद आयी ., शाम ढले इक चिट्ठी आयी .… पता तुम्हे मालमू न था,. फिर मझु तक कैसे पहुँचायी ,,, सनुो मझुे तुम फिर याद आयी .. खत में मेरा नाम लिखा है., साथ में ये पगैाम लिखा है… तमु भी मझुे भलू न पायी ,. याद तुम्हे भी मेरीआयी ., आगे तमु कुछ यूँ लिखती हो., तुम्हे पता है कब कब आयी ??? जब जब तमुने चाँद को देखा ., जब भी तमुने शमा जलायी ,.. जब जब तमु बारिश में भीगी,. और तब भी जब भीग न पायी .,, याद तुम्हे भी मेरी आयी ,. जब जब तमु को माँ ने डाँटा,. और तब भी जब आखँ भर आयी ., जब जब तमु उलझन में थी., और जब भी तमुको नींद न आयी ., सबुह भी आयी,. शाम भी आयी,. जब जब तमु ने चाय बनायी,. याद तुम्हे भी मेरी आयी , सारे जग से बात छुपायी,, पर खदु को फुसला न पायी तमु भी मझे भलू न पायी,,.. पता तुम्हे उस खत से मिला, जो गंगा में तुम बहा न पायी और फिर ये चिट्ठी भिजवाई ..जीत #गंगा