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AloneBoy
White kal tak sirf ek insan ke peeche bhagte the, aaj usse hi dur ho gye hum, Ab sath nhi h wo to kya hua, Uski yaado ko hi apna bana liye hai ham. 😞😞 ©AloneBoy #Sad_Status #Break
D̊E̊V̊E̊N̊D̊R̊Å G̊ŮP̊T̊Å O̊F̊F̊I̊C̊I̊ÅL̊....
White जिनसे उमीदें खत्म हो जाती है उनसे शिकायते नहीं रहती🌟 😒🙏 ©D̊E̊V̊E̊N̊D̊R̊Å G̊ŮP̊T̊Å O̊F̊F̊I̊C̊I̊ÅL̊.... #Life #Break
Life #Break
read moreSup_holster
White If the doors broke down Of your suffocating house Will you still put up the façade Of having a home sweet home? If the doors broke down Of all your smouldering dreams Will you still be very adamant That dreams are a child's play? If the doors broke down Of the crimes against you Will you still remain nonchalant And say forgive and forget? If the doors broke down Of the tensed situational life span Will you not step out and Start a dopamine serotonin dance? If the doors broke down Of those fake "goody two shoes" Will you blame yourself And impose self exile till death? If the doors broke down Of all the unhappy memories Will you not rejoice And start afresh once again? ©Sup_holster break #GoodNight
break #GoodNight
read morePagal shayer
White मुझको मेरी मोहब्बत से ऐसा इनाम मिला!! इतना चाहने के बाद भी धोखेबाज नाम मिला!! ©Pagal shayer #Free
Tarique Usmani
White घर क्यों नेमत है? उन से पूछें जिन्हें ज़िंदगी के तवील सफ़र में कोई महफूज़ ठिकाना न मिला घर क्यों आबाद हैं? उन से पूछें जिन का किसी को इंतज़ार नहीं जिन्हें किसी का इंतज़ार नहीं घर क्यों ज़रूरत हैं ? उन से पूछें जिनकी आंख में कोई ख़्वाब नहीं। जिन के लब पे कोई सवाल नहीं घर क्यों जन्नत हैं? बस वहीं जानें जिन्हें इक छत और चार दीवारी का सुकूँ कभी मयस्सर न हुआ। ©Tarique Usmani #Free
Ballu jail se farar Ballu jai se farar
White hamare liye sab chod gaye bas akele hai ©Ballu jail se farar Ballu jai se farar break up
break up
read moreJairam Dhongade
White पाहतो पिरपिरी तर कधी ढगफुटी पाहतो... चिंब ओली उभी मी कुटी पाहतो! राजकारण तशी रोज धोकाधडी... माणसांचीच फाटाफुटी पाहतो! संकटाला कुणी सोबतीला नसे... नेहमी माणसे पळपुटी पाहतो! ना करत जो भले कोणते काम तो.. त्यास मी मारतांना खुटी पाहतो! रोग फैलावला कोणता हा नवा... एक बटव्यात नामी बुटी पाहतो! जयराम धोंगडे, नांदेड ©Jairam Dhongade #Free
Pankaj Pahwa
White लिखे थे नाम कागज पे, वो सब मैंने मिटा डाले, की ये फेहरिस्त थी उनकी, जो बनते थे सगे वाले, कभी मिल जाओ भर इनसे, और देखो सामने से तुम, चमकते चेहरे रखते हैं, सुरख गहरे हैं दिल काले, ये सारे वो ही रिश्ते हैं, ये सारे वो ही नाते हैं, जरा भर काम करने के, ये बदले कुछ तो चाहते हैं, अगर चाहोगे कुछ ऐसा, इन्हें महफूज रखोगे, ये अपने आप का ही तुम, कदम मनहूस रखोगे, सलाह मानो अभी है वक्त, बना लो इनसे तुम दूरी, बुरे जो वक्त ना थे साथ, थी इनकी क्या वो मजबूरी, लिखे थे नाम कागज पे, वो सब मैंने मिटा डाले, की ये फेहरिस्त थी उनकी, जो बनते थे सगे वाले, ©Pankaj Pahwa #Free