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Divyanshu Bajpai
ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे।। ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे।।
ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे।।
read moreShiv pratap
कहीं धुप तो कहीं छाव मिलेगा कहीं संगमरमर तो कहीं पथराव मिलेगा किसी से डर कर मत छोड़ो मंजिल अपनी कहीं मरहम तो कहीं घाव मिलेगा कहीं धुप तो कहीं छाव मिलेगा कहीं संगमरमर तो कहीं पथराव मिलेगा किसी से डर कर मत छोड़ो मंजिल अपनी कहीं मरहम तो कहीं घाव मिलेगा
कहीं धुप तो कहीं छाव मिलेगा कहीं संगमरमर तो कहीं पथराव मिलेगा किसी से डर कर मत छोड़ो मंजिल अपनी कहीं मरहम तो कहीं घाव मिलेगा
read moreAnil Kumar
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे। ©Anil Kumar हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लह
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लह
read moreShivam Singh
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे। हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लह
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लह
read moreJaldheer Verma
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लह
read moreShiv pratap
*गजल* कहीं धुप तो कहीं छाव मिलेगा कहीं संगमरमर तो कहीं पथराव मिलेगा किसी से डर कर मत छोड़ो मंजिल अपनी कहीं मरहम तो कहीं घाव मिलेगा जिंदगी के हर पल एक जैसे नहीं होते कहीं सिथलन तो कहीं अलगाव मिलेगा हर रिश्ते मजबूत नहीं होते हैं कहीं फिसलन तो कहीं लगाव मिलेगा यह चलती फिरती दुनिया है जनाब कहीं खडहार तो कहीं बदलाव मिलेगा #$.P.✍️ *गजल* कहीं धुप तो कहीं छाव मिलेगा कहीं संगमरमर तो कहीं पथराव मिलेगा किसी से डर कर मत छोड़ो मंजिल अपनी कहीं मरहम तो कहीं घाव मिलेगा
*गजल* कहीं धुप तो कहीं छाव मिलेगा कहीं संगमरमर तो कहीं पथराव मिलेगा किसी से डर कर मत छोड़ो मंजिल अपनी कहीं मरहम तो कहीं घाव मिलेगा
read more#maxicandragon
कही थूकना कही पथराव नरपिशाची है बरताव पसार रहे है गंदे पाव नरपिशाची है बरताव मसजिदो मे भीड जमाओ नरपिशाची है बरताव गर कोई कहे कोरंटाईन कराओ भीड बुलाकर हडकंप कराओ नरपिशाची है बरताव आएगी पोलिस घर से भगजाओ दस्तावेज तुम न दिखाओ नरपिशाची है बरताव मोदी बोला सुनते जाओ जहॉ बैठे हो वही रुक जाओ पर नही बस अल्लाह की ही सुनते जाओ सडक पर नंगा नाच नचाओ नरपिशाची है बरताव कोरोना को सर्वत्र फैलाओ नया इस्लामिक देश बबनाओ अभी वक्त है सुधरजाओ,नरपिशाची.... #CoronaWarrior #CoronaFighters #Covid_19 #Markaz #Nizamuddin #TablighiJamat #Muslim #Agenda #Target #worldcup2011, #रामनवमी, #Thoughts #COVID19Pandemic कही थूकना कही पथराव नरपिशाची है बरताव पसार रहे है गंदे पाव नरपिशाची है बरताव मसजिदो मे भीड जमाओ नरपिशाची है बरताव गर कोई कहे कोरंटाईन कराओ भ
कही थूकना कही पथराव नरपिशाची है बरताव पसार रहे है गंदे पाव नरपिशाची है बरताव मसजिदो मे भीड जमाओ नरपिशाची है बरताव गर कोई कहे कोरंटाईन कराओ भ
read moreParul Sharma
अनुच्छेद 370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव होता है देश भक्तों पर और जवानों के तन पे जख्म पलते है। दुश्मन की कायरता का मनोबल बढ़ता है जब कानूनी शिकंजे ढीले पड़ते हैं। मुस्तैद सैन्यबल भी टूट जायेगा जब देश में दोहरे नियम चलते है। माँ-बाप*समान परवरिश करते हैं सभी लालों की तो कश्मीर में पृथक नियम क्यों रहते है।*(भारत और भारत के नियम कानून) शाहदत पे और कितने सैन्यबल बली चढ़ाओगे देखो कितने लाल अनुच्छेद 370 की वेदी चढते हैं । अनुच्छेद 370 हटाओ या इसे संशोधित करो जख्म यूँ ही नहीं नासूर बनते हैं। असल में शहादत और वीरता से जुड़ेगे हम तभी जब अपने नियम को हम स्वस्थ व पक्का कर लेते हैं। पारुल शर्मा जय हिन्द। जय भारत। वंदे मातरम् अनुच्छेद 370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव होता है देश भक्तों पर और जवानों के तन पे जख
अनुच्छेद 370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव होता है देश भक्तों पर और जवानों के तन पे जख
read moreHarshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मेरी छोटी सी ज़िन्दगी किस्से कहुंगी मेरे अरमान किस्से कहूंगी मैं अपना सम्मान किस्से लड़ूंगी मै जीवन का संग्राम किस्से सहुंगी में जीवन का पथराव किसके साये में कहूंगी सुरक्षित हूं मैं किसको वादे में कहुगीं कुल का दीपक हूं मैं कौन सहेगा मेरी ज़िन्दगी की उड़ानों को कौन कसेगा मेरे नखरें पर लगाम को कौन दिलाएगा मुझे सही गलत का मुकाम वो मेरी ज़िन्दगी एक बार तूं आ जा बचपन तूं फिर से आ जा वो कही अनकही सुना जा वो कागज़ की नाव की फिर से दौड़ लगा जा वो साथ बाक़ी है साथ निभा जा ये ज़िन्दगी लंबी पड़ी एक बार वापिस आ जा एक बार फिर से खुल के जीना सीखा जा ये ज़िन्दगी वो बचपन वाली हसी लौटा जा मेरी गुड़िया की शादी, वो बचपन के झूले में आ जा ए बचपन मेरी ज़िन्दगी में वापिस आ जा पल भर हिंसा एक झलक ही दिखा जा मेरी आंखों से मोती को फिर छलका जा मेरी ज़िन्दगी को फिर से जीना सीखा जा #bachpan #respect #relationship #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मेरी छोटी सी ज़िन्दगी किस्से कहुंगी मेरे अरमान
Parul Sharma
अनुच्छेद-370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव होता है देश भक्तों पर और जवानों के तन पे जख्म पलते है। दुश्मन की कायरता का मनोबल बढ़ता है जब कानूनी शिकंजे ढीले पड़ते हैं। मुस्तैद सैन्यबल भी टूट जायेगा जब देश में दोहरे नियम चलते है। माँ-बाप*समान परवरिश करते हैं सभी लालों की *(भारत और भारत के नियम) तो कश्मीर के पृथक नियम क्यों रहते है। शाहदत पे और कितने सैन्यबल बली चढ़ाओगे देखो कितने लाल अनुच्छेद-370 की वेदी चढते हैं । अनुच्छेद-370 हटाओ या इसे संशोधित करो जख्म यूँ ही नहीं नासूर बनते हैं। असल में शहादत और वीरता से जुड़ेगे हम तभी जब अपने नियम को हम स्वस्थ व पक्का कर लेते हैं। पारुल शर्मा भारत माता की जय । जय हिन्द। वंदे मातरम् । इंकलाब जिंदाबाद मेरी ये रचना अब सफल हुई मोदी सरकार का बहुत बहुत आभार अनुच्छेद-370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव ह
मेरी ये रचना अब सफल हुई मोदी सरकार का बहुत बहुत आभार अनुच्छेद-370 का ही परिणाम हैं जो कश्मीर में अब भी तिरंगे जलते हैं। पथराव ह
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