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Stories related to abkoncore ramesses 780

tuntun yadav 780

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tuntun yadav 780

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Swapan Chowdhury

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Stardust 🍂

These are our muslim golden age invention..! ★Ibn al-haytham /965-1040/ (The inventor of first camera) ★Fatima al-fihri /800-880/ (The inv

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Muslim golden age invention
/CAPTION/ These are our muslim golden age invention..!

★Ibn al-haytham /965-1040/
(The inventor of first camera)

★Fatima al-fihri /800-880/
(The inv

अभिलाष सोनी

♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अ

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मन बंजारा हुआ बांवरा, कहाँ किसी की सुनता है।
रहता है अपनी ही धुन में, ख़्वाब ख़ुशी के बुनता है।

हरपल गिरता, हरपल संभलता, अल्हड़ सी चाल है।
मतबाला, मस्ताना आशिक़, क्या कहूँ क्या हाल है।

समझ नहीं इसको ज़रा सी, अपनी ख़ुशियाँ चुनता है। 
रहता है अपनी ही धुन में, ख़्वाब ख़ुशी के बुनता है।

गैरों की परवाह ना इसको, ना अपनों से कोई वास्ता।
अपनी मर्जी का मालिक है, चुनता है ख़ुद ही रास्ता।

रहता है बेफ़िक्र ये हरदम, कहाँ किसी की सुनता है।
रहता है अपनी ही धुन में, ख़्वाब ख़ुशी के बुनता है।

थोड़ा पागल, थोड़ा चंचल, बस अपनी ही करता है।
जाने किसकी चाहत में ये, बस आँहें भरता रहता है।

नटखट है ये शैतान बड़ा, कहाँ किसी की सुनता है।
रहता है अपनी ही धुन में, ख़्वाब ख़ुशी के बुनता है। ♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Insprational Qoute

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कोरी स्लेट थी आखिर क्यों  उसमें  रंग भर दिया?
रंगने का मन किया तो रंगो को  फ़िर  छीन लिया,

कर्कश ध्वनियों में संगीत के सुरों से संगीन किया,
सुर भरने लगी तो सुरों के साज़ को न बजने दिया,

मन बंजारा आवारा था क्यों फ़िर इसे सँवार दिया?
सजने लगी तो फ़िर सोलह श्रृंगार को  मिटा दिया,

नमक सी नमकीन थी मिठास से क्यो मीठा किया?
चाशनी बनी तो मन को बेस्वाद सा फिर कर दिया। ♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Nitesh Prajapati

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मन बंजारा,
ना जाने भटके रे किसकी राह में,
मन है तो हमारा ही,
लेकिन आजकल खुद पर काबू नहीं,
हमेशा मेरी सोच के परे चले जाता है उसके ख़्याल में। 

पता नहीं क्यों सवेरे उठकर तेरी ही झलक दिखे,
एक महकती चाय में भी तेरी खुशबू मिले,
दिनभर की दिनचर्या में भी तेरा ही एहसास मिले,
रात की हसीन चांदनी में तेरे ख़्याल से ही सुकून मिले। 

ना जाने क्यों कशमकश सी, 
हो रही है दिल में बस तेरे ही लिए, 
लगता है जैसे तुझ में ही, 
सिमट जाऊं एक प्यार बनके। 

मन है मेरा बंजारा, 
भटक भटक के अंत में, 
तो चला जाता है उसके ख़्याल में। 
-Nitesh Prajapati 
 ♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Divyanshu Pathak

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मन बंजारा बन घूम रहा।
अपनी मस्ती में झूम रहा।
💐💐💐💐💐💐💐
अभिलाषाओं के अम्बर में
मन बंजारा बन घूम रहा
तन रहता है मद् में डूबा
अपनी मस्ती में झूम रहा।
💐💐💐💐💐💐💐
कुछ भाव लिए कोई घाव लिए
पिछली अबकी कुछ याद लिए
अपनेपन का एहसास लिए
नित नूतनता को चूम रहा। ♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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Vedantika

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बे-फ़िक्र हवाओं सा मेरा मन बंजारा
न जाने ये किस और बह चला है
रही न इसे अब मंज़िल की तमन्ना
ख़ुशियों से मिट रहा उसका फासला है

बेमानी हो चली है ज़माने की बंदिश
चंचल मन की न जाने क्या रज़ा है
मुड़ गए क़दम हमारे उसी दिशा में
जिस ओर हमकों ये लेकर चला है

इसकी फ़ितरत में है बस चलते जाना
इन हवाओं का न कोई ठौर न ठिकाना
अपनी ही धुन में मग्न बावरा ये
ठहरना तो इसने कभी नहीं जाना

सफ़र ज़िंदगी का सहल हो जाता है
जब किसी का मन बंजारा हो जाता है
इस बंजारे को भी प्यार हो जाता है
जब विसाल खुदा से इसका हो जाता है ♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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