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pravahini
मैं खुश हूँ क्योकि मै रहना चाहती हूँ खुश रहो आबाद रहो यहा रहो या मलिहाबाद रहो
खुश रहो आबाद रहो यहा रहो या मलिहाबाद रहो
read moreVasundhara Chaudhary
#हमकदम#नर्सरी बदल रही है#गौर से देखो#शर्तें#मोहर#लमहे
Mohit Kumar Goyal
बार बार गलती ? तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पढ़ती हो !! ©Mohit Kumar Goyal बार बार गलती ? तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पढ़ती हो !! #Affection
बार बार गलती ? तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पढ़ती हो !! #Affection
read moreनादान❤️दिल
बार बार मुझे भूलने की गलती कर रहे हो तुम इश्क कर रहे हो, या नर्सरी मे पढ रहे हो #NojotoQuote बार बार मुझे भूलने की गलती कर रहे हो तुम इश्क कर रहे हो, या नर्सरी मे पढ रहे हो #दिल #love #dil
Nasib Khan
सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चों को पहाड़े याद करवाएं जा रहे है गांव राजली में मास्टर नसीब राजली
read morevipin vishwakarma
खुलते हैं मुझपे राज कई इस जहान के, उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं। मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयी, खंज़र से भी तेज़ लगती हैं आँखें जनाब की। क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो, मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये। जीना मुहाल कर रखा है मेरी इन आँखों ने, खुली हो तो तलाश तेरी बंद हो तो ख्वाब तेरे। मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से, कि लूट लें न किसी रोज़ कुछ पिला के मुझे। अदा निगाहों से होता है फर्जे-गोयाई, जुबां की हद से जब शौके-बयां गुजरता है। - via bkb.ai/shayari ©vipin vishwakarma #DarkWinters संता और बंता आठवीं में आठवीं बार फ़ैल हो ग संता: चल खुदखुशी कर लेते है बंता: साले, पागल हो गया है? अगले जनम में फिर नर्सरी से
#DarkWinters संता और बंता आठवीं में आठवीं बार फ़ैल हो ग संता: चल खुदखुशी कर लेते है बंता: साले, पागल हो गया है? अगले जनम में फिर नर्सरी से
read moreRakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि