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Ravendra
पेश इमाम हाफिज शरीफ के जनाजे में हजारों लोग हुए शामिल बहराइच, जिले के नवाबगंज कस्बे के मरकजी हज्जिन मस्जिद के पेश इमाम हाफिज शरीफ अहमद अं
read moreMahtab Alam
जिन्दगी में अगर ये नही किया तो बहुत पछताओगे हाफिज महताब आलम इस्माईली #hafiz mahtab alam sultanpuri
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दस्तार बंदी जलसे में 10 बच्चों को हाफिज ए कुरान की उपाधि ग्रहण कराई गई। बहराइच के नवाबगंज के मदरसा जामिया अरबिया में दस्तारबंदी के दौरान 10
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मदरसा जामिया कासमिया अशरफ उल उलूम में मौलाना दिवंगत मौलाना हजरत बिलाली व मौलाना अबरार अहमद गजाली की याद में जलसा ,ए, मुज़ाहरा ,ए, किरात व दस
read moreRaj Dixit
तुम कहते हो तेरे जाने से दिल को चैन आएगा तो जाता हूं खुदा हाफिज मगर तुम झूठ कहते हो.... tr.soumya chaudhary (madhubala) Dr.UMESH ARSHAAN LoV
read moreVasant Goswami
#vasant_the_viral_goswami #sachcha_pyar ऐसे दौलतमंद लोग होते हैं जो खुदा के हाफिज होते है,पर प्यार को कुछ और तरीके से तोलने वाले दिल से अप
read moreNisheeth pandey
वो जो “खामोश” से हो जाती थी, तो मेरा दिल “वहम” में विचलित होने लगता था, कहीं वो “ख़फ़ा” तो नहीं है..?? सोच सोच मैं भी “उदास” हो जाता था… वो बकर बकर “बोलते” अच्छी लगती थी, मुझे उससे “लड़ते” रहना अच्छा लगता था, उसकी “शरारत” उसका “गुस्से” से डांटना मुझे रोचक लगता था, वो जब“हँसती” मुझे खूबसूरत "फूल" लगती थी, उसका "रूठना" मेरा "मनाना" अच्छा लगता था उसके "करीब" साथ रहना मेरे दिल का "सकून" था, सुनो अगर तुम मुझे "सुन" सको … मेरी बस इतनी "ख्वाईश" तुम “चुप” से ना रहा करना ....... #निशीथ ©Nisheeth pandey #UskeSaath वो जो “खामोश” से हो जाती थी, तो मेरा दिल “वहम” में विचलित होने लगता था, कहीं वो “ख़फ़ा” तो नहीं है..?? सोच सोच मैं भी “उदास” हो ज
#UskeSaath वो जो “खामोश” से हो जाती थी, तो मेरा दिल “वहम” में विचलित होने लगता था, कहीं वो “ख़फ़ा” तो नहीं है..?? सोच सोच मैं भी “उदास” हो ज
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वो जो “खामोश” से हो जाती थी, तो मेरा दिल “वहम” में विचलित होने लगता था, कहीं वो “ख़फ़ा” तो नहीं है..?? सोच सोच मैं भी “उदास” हो जाता था…?? वो बकर बकर “बोलते” अच्छी लगती थी, मुझे उससे “लड़ते” रहना अच्छा लगता था, उसकी “शरारत” , उसका “गुस्से” से डांटना मुझे रोचक लगता था, वो जब“हँसती” मुझे खूबसूरत "फूल" लगती थी, उसका "रूठना" मेरा "मनाना" अच्छा लगता था उसके "करीब" साथ रहना मेरे दिल का "सकून" था, सुनो अगर तुम मुझे "सुन" सको … मेरी बस इतनी "ख्वाईश" तुम “चुप” से ना रहा करना ....... #निशीथ ©Nisheeth pandey #woaurmain वो जो “खामोश” से हो जाती थी, तो मेरा दिल “वहम” में विचलित होने लगता था, कहीं वो “ख़फ़ा” तो नहीं है..?? सोच सोच मैं भी “उदास” हो ज
#woaurmain वो जो “खामोश” से हो जाती थी, तो मेरा दिल “वहम” में विचलित होने लगता था, कहीं वो “ख़फ़ा” तो नहीं है..?? सोच सोच मैं भी “उदास” हो ज
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नवाबगंज बहराइच आगामी बकरा ईद त्योहार के मद्देनजर थाना नवाबगंज प्रांगण में प्रभारी निरीक्षक मिथिलेश राय की अध्यक्षता में शान्ति कमेटी की बै
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