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Suresh Kumar Prajpat
जय गुरुदेव रवीन्द्रनाथ जी बाबा जी आदेश आदेश आदेश
जय गुरुदेव रवीन्द्रनाथ जी बाबा जी आदेश आदेश आदेश
read moreAnupama Jha
जन्म से आपके कितनी ही कविताओं, कहानियों का जन्म हुआ शब्द से आपके एक नए संगीत का अभ्युदय हुआ यथा नाम ,तथा गुण रविन्द्र भारत का 'रविन्द्र' हुआ.... #जन्म#YQbaba#YQdidi#नमन रवीन्द्रनाथ टैगोर को#prompt is Birth
ƒяεε ƒ¡яε łσvεя
“ जन-गण-मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता! पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा, द्राविड़-उत्कल-बंग विंध्य हिमाचल यमुना गंगा, उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभाशीष मागे गाहे तव जय गाथा। जन-गण-मंगलदायक जय हे, भारत भाग्य विधाता! जय हे! जय हे! जय हे! जय जय जय जय हे! ” वाक्य-दर-वाक्य अर्थसंपादित करें जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता! जनगणमन:जनगण के मन/सारे लोगों के मन; अधिनायक:शासक; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य-विधाता(भाग्य निर्धारक) अर्थात् भगवान जन गण के मनों के उस अधिनायक की जय हो, जो भारत के भाग्यविधाता हैं! पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग पंजाब:पंजाब/पंजाब के लोग; सिन्धु:सिन्ध/सिन्धु नदी/सिन्धु के किनारे बसे लोग; गुजरात:गुजरात व उसके लोग; मराठा:महाराष्ट्र/मराठी लोग; द्राविड़:दक्षिण भारत/द्राविड़ी लोग; उत्कल:उडीशा/उड़िया लोग; बंग:बंगाल/बंगाली लोग विन्ध्य:विन्ध्यांचल पर्वत; हिमाचल:हिमालय/हिमाचल पर्वत श्रिंखला; यमुना गंगा:दोनों नदियाँ व गंगा-यमुना दोआब; उच्छल-जलधि-तरंग:मनमोहक/हृदयजाग्रुतकारी-समुद्री-तरंग या मनजागृतकारी तरंगें उनका नाम सुनते ही पंजाब सिन्ध गुजरात और मराठा, द्राविड़ उत्कल व बंगाल एवं विन्ध्या हिमाचल व यमुना और गंगा पे बसे लोगों के हृदयों में मनजागृतकारी तरंगें भर उठती हैं तव शुभ नामे जागे, तव शुभाशीष मागे गाहे तव जय गाथा तव:आपके/तुम्हारे; शुभ:पवित्र; नामे:नाम पे(भारतवर्ष); जागे:जागते हैं; आशिष:आशीर्वाद; मागे:मांगते हैं गाहे:गाते हैं; तव:आपकी ही/तेरी ही; जयगाथा:वजयगाथा(विजयों की कहानियां) सब तेरे पवित्र नाम पर जाग उठने हैं, सब तेरी पवित्र आशीर्वाद पाने की अभिलाशा रखते हैं और सब तेरे ही जयगाथाओं का गान करते हैं जन गण मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता! जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।। जनगणमंगलदायक:जनगण के मंगल-दाता/जनगण को सौभाग्य दालाने वाले; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य विधाता जय हे जय हे:विजय हो, विजय हो; जय जय जय जय हे:सदा सर्वदा विजय हो जनगण के मंगल दायक की जय हो, हे भारत के भाग्यविधाता विजय हो विजय हो विजय हो, तेरी सदा सर्वदा विजय हो संक्षिप्त संस्करणसंपादित करें उपरोक्त राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण है और इसकी कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है। राष्ट्र गान की पहली और अंतिम पंक्तियों के साथ एक संक्षिप्त संस्करण भी कुछ विशिष्ट अवसरों पर बजाया जाता है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है: “ जन-गण-मन अधिनायक जय हे भारत-भाग्य-विधाता। जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे। ” संक्षिप्त संस्करण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है। जिन अवसरों पर इसका पूर्ण संस्करण या संक्षिप्त संस्करण चलाया जाए, उनकी जानकारी इन अनुदेशों में उपयुक्त स्थानों पर दी गई है। ©shashank rai जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् है। #
जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् है। #
read moreVivek Singh
हमारे देश का राष्ट्रगीत देशभक्तिपूर्ण संगीतबद्ध रचना है, जो हमारे इतिहास, संस्कृति, परम्परा एवं संघर्षों का वर्णन करती है। जिसके लेखक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर जी है, आज उनकी जयंती पर उन्हें 🙏🏻 शत शत नमन 🙏🏻 ©Vivek Singh #RABINDRANATHTAGORE हमारे देश का #राष्ट्रगीत #देशभक्ति संगीतबद्ध #रचना है, जो हमारे #इतिहास , #संस्कृति , #परम्परा एवं संघर्षों का वर्णन
#RABINDRANATHTAGORE हमारे देश का #राष्ट्रगीत #देशभक्ति संगीतबद्ध #रचना है, जो हमारे #इतिहास , #संस्कृति , #परम्परा एवं संघर्षों का वर्णन
read morepooja d
ज्यांनी कुठलंही हत्यार न उचलता पिटाळून लावलं इंग्रजांना, असे आमचे राष्ट्रपिता, त्यांच्या लोकांना घालायला कपडे नव्हते , म्हणून स्वतः ही फक्त धोतर नसणारे आमचे राष्ट्रपिता, स्वावलंबी जीवन जगायला शिकवणारे आमचे राष्ट्रपिता, अश्या राष्ट्रपित्याला माझा त्रिवार वंदन....... सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आणि लाल बहादुर शास्त्री यांची जयंती आहे. आजचा विषय आहे राष्ट्रपिता.. #राष्ट्रपित
सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आणि लाल बहादुर शास्त्री यांची जयंती आहे. आजचा विषय आहे राष्ट्रपिता.. राष्ट्रपित
read moreSimran
भारत क्या हैं???? (Plzzzz read caption) मंदिर कि प्रार्थना हैं वो मस्जिद कि अजान हैं वो चर्च कि प्रेअर हैं वो गुरुद्वारे कि सेवा हैं वो विविधता में एकता निभानेवाला भारत हैं वो गंग
मंदिर कि प्रार्थना हैं वो मस्जिद कि अजान हैं वो चर्च कि प्रेअर हैं वो गुरुद्वारे कि सेवा हैं वो विविधता में एकता निभानेवाला भारत हैं वो गंग
read moresandy
#ठरवा_कोण_व्हायचय, #गाढव, #रेसचा_घोडा_की . . . . .? खरोखरच हि माहिती लहान मुलांना दाखवा आणि तुम्ही सुद्धा वाचा.. एक पिढी शिक्षण घेऊन गाढव
#ठरवा_कोण_व्हायचय, #गाढव, #रेसचा_घोडा_की . . . . .? खरोखरच हि माहिती लहान मुलांना दाखवा आणि तुम्ही सुद्धा वाचा.. एक पिढी शिक्षण घेऊन गाढव
read moreVaibhav Raj Singh
जीवन में आती हैं परेशानियाँ हजार फिर भी कहानी चलती रहती है हर कोई नहीं होता यूं तो दिलदार फिर भी कहानी चलती रहती है हम सोंचते हैं अपने चाहने वालों से घिरे हुए हैं हम मगर सच में चाहने वाले होते हैं सिर्फ दो-चार फिर भी कहानी चलती रहती है जीवन एक अटूट धारा है। मानव जीवन की कहानी भी एक अटूट धारे के समान है। हर तरह की रुकावटों के बावजूद यह कहानी सतत चलती रहती है। Collab करें Y
जीवन एक अटूट धारा है। मानव जीवन की कहानी भी एक अटूट धारे के समान है। हर तरह की रुकावटों के बावजूद यह कहानी सतत चलती रहती है। Collab करें Y
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