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Neetesh kumar
White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar #Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता
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read moreRahul Raj Patel
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!! फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!! नहीं जरूरत, बूढ़ों की अब, हर बच्चा, बुद्धिमान बहुत है!! उजड़ गए, सब बाग बगीचे, दो गमलों में, शान बहुत है!! मट्ठा, दही, नहीं खाते हैं, कहते हैं, ज़ुकाम बहुत है!! पीते हैं, जब चाय, तब कहीं, कहते हैं, आराम बहुत है!! बंद हो गई, चिट्ठी, पत्री, व्हाट्सएप पर, पैगाम बहुत है!! झुके-झुके, स्कूली बच्चे,बस्तों में, सामान बहुत है!! नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!! सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!! ©Rahul Raj Patel "अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!! #rahul #kishan karn #nandkishor
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!! #Rahul #kishan karn #Nandkishor
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White असत्य पर सत्य की विजय की तैयारी है रावण पर राम भारी है करके वध रावण का माता सीता को लायेंगे लंका पर राम ध्वजा विजय दशमी पर लहराएंगे ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Ram_Navmi असत्य पर सत्य की विजय की तैयारी है रावण पर राम भारी है करके वध रावण का माता सीता को लायेंगे लंका पर राम ध्वजा विजय दशमी पर
#Ram_Navmi असत्य पर सत्य की विजय की तैयारी है रावण पर राम भारी है करके वध रावण का माता सीता को लायेंगे लंका पर राम ध्वजा विजय दशमी पर
read moreKapil Kumar
कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता प्यार पर कविता Islam Extraterrestrial life
read moreIG @kavi_neetesh
White वो कत्ल करता रहा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा जाने कितना लहू बहा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा ऊपरवाले के नाम पर अलग कर दिया उसने खो गया पता यहां वहां मेरा,मैं मुस्कुराता रहा अब फिर से चुनाव आ गए हैं,वो झूठा आ गया वो खुश है मजाक बना मेरा,मैं मुस्कुराता रहा चाहा बहुत उसे,दिन रात की खबर नही थी इश्क आखिर को मरा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा रोज़गार नही है,क्या करूं,मैं नौजवां इस मुल्क का वोटों के नाम रहा मुद्दा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा विद्यालय में पढ़ाई जा रही,धर्म की राजनीति हर बार राजनीतिकरण हुआ मेरा, मैं मुस्कुराता रहा अंधेर नगरी चौपट राजा,सुना था हमने कभी इससे था मन,मनमना मेरा, मैं मुस्कुराता रहा नीला,हरा,लाल,पीला,जाने कौन सा रंग है उसका उसने कोई एक रंग कहा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा विज्ञान के मुताबिक,छः बार प्रलय आई है यहां मेरा तर्क बस रहा ज़रा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा ©IG @kavi_neetesh #sad_quotes कविताएं कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता बारिश पर कविता हिंदी कविता
#sad_quotes कविताएं कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता बारिश पर कविता हिंदी कविता
read moreAnant Nag Chandan
रूह खोई हुई है बनारस की गलियों में, जिस्म भटक रहा रांची की सड़कों में। अनंत ©Anant Nag Chandan रूह खोई हुई है बनारस की गलियों में, जिस्म भटक रहा रांची की सड़कों में। अनंत
रूह खोई हुई है बनारस की गलियों में, जिस्म भटक रहा रांची की सड़कों में। अनंत
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