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Vikas Sharma Shivaaya'
🙏सुंदरकांड 🙏 दोहा – 24 राक्षस हनुमानजी की पूंछ में आग लगाने का सुझाव देते है सब लोगो ने सोच कर रावणसे कहा कि वानर का ममत्व पूंछ पर बहुत होता है इसलिए इसकी पूंछ में तेल से भीगे हुए कपडे लपेट कर आग लगा दो ॥24॥ श्री राम, जय राम, जय जय राम हनुमानजी की पूँछ में राक्षसों द्वारा आग लगाने का प्रसंग रावण हनुमान जी की पूँछ में आग लगाने का हुक्म देता है पूँछहीन बानर तहँ जाइहि। तब सठ निज नाथहि लइ आइहि॥ जिन्ह कै कीन्हसि बहुत बड़ाई। देखेउँ मैं तिन्ह कै प्रभुताई॥1॥ जब यह वानर पूंछ हीन होकर (बिना पूँछ का होकर) अपने मालिक के पास जायेगा,तब अपने स्वामी को यह ले आएगा॥इस वानर ने जिसकी अतुलित बढाई की है,भला उसकी प्रभुता को मैं देखूं तो सही कि वह कैसा है?॥ राक्षस हनुमानजी की पूँछ में आग लगाने की तैयारी करते है बचन सुनत कपि मन मुसुकाना। भइ सहाय सारद मैं जाना॥ जातुधान सुनि रावन बचना। लागे रचैं मूढ़ सोइ रचना॥2॥ रावन के ये वचन सुनकर हनुमानजी मन में मुस्कुराए और मन में सोचने लगे कि मैंने जान लिया है कि इस समय सरस्वती सहाय हुई है क्योंकि इसके मुंह से रामचन्द्रजी के आने का समाचार स्वयं निकल गया॥तुलसीदास जी कहते है कि वे राक्षस लोग रावण के वचन सुनकर वही तैयारी करने लगे अर्थात तेल से भिगो भिगोकर कपडे उनकी पूंछ में लपेटने लगे॥ हनुमानजी पूँछ लम्बी बढ़ा देते है रहा न नगर बसन घृत तेला। बाढ़ी पूँछ कीन्ह कपि खेला॥ कौतुक कहँ आए पुरबासी। मारहिं चरन करहिं बहु हाँसी॥3॥ उस समय हनुमान जी ने ऐसा खेल किया कि अपनी पूंछ इतनी लंबी बढ़ा दी कि जिसको लपेटने के लिये नगरी में कपडा, घी व तेल कुछ भी बाकी न रहा॥नगर के जो लोग तमाशा देखने को वहां आये थे,वे सब बहुत हँसते हैं॥ राक्षस हनुमानजी की पूँछ में आग लगा देते है बाजहिं ढोल देहिं सब तारी। नगर फेरि पुनि पूँछ प्रजारी॥ पावक जरत देखि हनुमंता। भयउ परम लघु रुप तुरंता॥4॥ अनेक ढोल बज रहे हे, सब लोग ताली दे रहे हैं,इस तरह हनुमानजी को नगरी में सर्वत्र फिरा कर फिर उनकी पूंछमें आग लगा दी॥हनुमानजी ने जब पूंछ में आग जलती देखी तब उन्होने तुरंत बहुत छोटा स्वरूप धारण कर लिया॥ हनुमानजी छोटा रूप धरकर बंधन से छूट जाते है निबुकि चढ़ेउ कपि कनक अटारीं। भई सभीत निसाचर नारीं॥5॥ और बंधन से निकल कर पीछे सोने की अटारियों पर चढ़ गए,जिसको देखते ही तमाम राक्षसों की स्त्रीयां भयभीत हो गयी॥ आगे शनिवार को ...., विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 933 से 944 नाम 933 अनन्तश्रीः जिनकी श्री अपरिमित है 934 जितमन्युः जिन्होंने मन्यु अर्थात क्रोध को जीता है 935 भयापहः पुरुषों का संस्कारजन्य भय नष्ट करने वाले हैं 936 चतुरश्रः न्याययुक्त 937 गभीरात्मा जिनका मन गंभीर है 938 विदिशः जो विविध प्रकार के फल देते हैं 939 व्यादिशः इन्द्रादि को विविध प्रकार की आज्ञा देने वाले हैं 940 दिशः सबको उनके कर्मों का फल देने वाले हैं 941 अनादिः जिनका कोई आदि नहीं है 942 भूर्भूवः भूमि के भी आधार है 943 लक्ष्मीः पृथ्वी की लक्ष्मी अर्थात शोभा हैं 944 सुवीरः जो विविध प्रकार से सुन्दर स्फुरण करते हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुंदरकांड 🙏 दोहा – 24 राक्षस हनुमानजी की पूंछ में आग लगाने का सुझाव देते है सब लोगो ने सोच कर रावणसे कहा कि वानर का ममत्व पूंछ पर बहुत होता
🙏सुंदरकांड 🙏 दोहा – 24 राक्षस हनुमानजी की पूंछ में आग लगाने का सुझाव देते है सब लोगो ने सोच कर रावणसे कहा कि वानर का ममत्व पूंछ पर बहुत होता
read moreRupa Rani Ekka
लोग नाच देख वाह वाह करते हैं, वाह वाह में क्या रखा है जब तक जोर ताली ना हो। #NojotoQuote ताली
ताली
read moreVijay Kumar उपनाम-"साखी"
लो बजा दी सबने ताली व थाली कोरोना की खत्म होगी अब दादी ज़रा वक्त तो गुजरने दो मेरे साथी कोरोना की हो जायेगी अब बर्बादी दिल से विजय ताली,थाली
ताली,थाली
read moreEkta Gour
एक हात से ताली नही बजती गलती हम दोनों से हुई है मैं ये समझती꫰ #ताली #गलती #yqhindi
Kesardev
हिन्द के बड़े शायर की जुबानी है तालिबानी नही है, ये अफगानी है भागने की कहते मगर भागते नही थूक चाटने में इनका कौन सानी है शरिया के सरिया क्यों डाल रखा है बाबा से तो इनको यही परेशानी है ताली नही बजाते जेहादी बानी पर इनकी नजर में तो वो तालिबानी है ©Kesardev Marwari ताली बाण #MereKhayaal
ताली बाण #MereKhayaal
read moreBharat Bhushan pathak
ताली की महिमा लगे कभी नहीं पैसा, नहीं सोचें ऐसा-वैसा, काम नहीं फालतू ये, ताली तो बजाइए।१ समंदर में, कभी कम सीप ना होता। बुलंदी है, अगर हममें,कभी सपना ,नहीं खोता। तराशें जो,यहाँ बुत हैं,छिपी उसमें,प्रशंसा है। नहीं कुछ वो यहाँ चाहें,सुनें ताली,अनुशंसा है।२ करतल कर ध्वनि, कर सके वही धनी, शेष सभी निर्धन हैं, ताली तो बजाइए।३ ताली की महिमा बढ़ी ,ताली दे आनंद। रगड़ें जब भी हाथ को,दे हमें चिदानंद।।४ ताली जब-जब भी है बजती,ये मन कितने हैं हर्षाते। थके हुए जो भी हैं होते ,वो सुन ऊर्जा से भर जाते।।५राधेश्यामी छंद भाए मन को हरदम ताली। ताली बिन सब लगती खाली।। कोई जब-जब श्रम है करता। उसमें ताली ऊर्जा भरता।।६ ©Bharat Bhushan pathak #ताली#clap#nojotoapp#motivationalquotes
Kishan Goyal
मोदी जी याद हैं 1000 और 500के नोट जौ रातो रात बनद कि ऐ थे हैं दम तो रातो रात पोलोथीन और पिलासटिक बनद करके दिखाओ ठोको ताली ओर दो गाली
ठोको ताली ओर दो गाली
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