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Khushi Kandu
सभी को ख़ुद में समेटे सभी को साथ लिए चलता है जनाब ये पिता है जो साए की तरह साथ फिरता है ©Khushi Kandu #पिता #father
Bittu comedy
माता पिता का आशीर्वाद ©Bittu brind माता पिता का आशीर्वाद हिंदी शायरी शायरी हिंदी में
माता पिता का आशीर्वाद हिंदी शायरी शायरी हिंदी में
read moreSatish Kumar Meena
जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है, वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है। आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,, बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है। पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है, उसी बोझ तले पिता दब जाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को, अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है। और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,, अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है। पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है, संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। ©Satish Kumar Meena पिता
पिता
read moreRinkesh
White दोस्ती दिल से करो। वरना मतलब के लिए तो सब दोस्त बन जाते हैं। ©Rinkesh #Sad_Status दोस्ती के लिए शायरी
#Sad_Status दोस्ती के लिए शायरी
read moreSarkaR
White पिता वो शख्स है जो अपने बच्चो के भविष्य के लिए खुद बच्चो के नजरो में सक्त इंसान बन जाता है। ©SarkaR #पिता
Akriti Tiwari
White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreDeepali Singh
पिता ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये संकट संतान के वो खुद पर ले आये, जैसे पास कोई उनके रामबाण हो समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? पिता की उन पावन चरणों की हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! जो मोती बनाया हम धूल कणों को । ©Deepali Singh पिता
पिता
read moreSatish Kumar Meena
जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है, वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है। आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,, बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है। पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है, उसी बोझ तले पिता दब जाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को, अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है। और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,, अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है। पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है, संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। ©Satish Kumar Meena पिता
पिता
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