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Neel
एक सात्विक प्रेम जो भले दुनिया की नज़रों में अधूरा रहा, पर वो फलता रहा हृदय में मेरे और मेरी नज़रों में पूरा रहा। 🍁🍁🍁 ©Neel सात्विक प्रेम 🍁
सात्विक प्रेम 🍁
read moreMotivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 सात्विक वेशभूषा विचारों को भी सात्विक बनाती है !.i. j ©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 सात्विक वेशभूषा विचारों को भी सात्विक बनाती है !.i. j
#जीवन दर्शन 🌹 सात्विक वेशभूषा विचारों को भी सात्विक बनाती है !.i. j
read moreR K Mishra " सूर्य "
किसी के सात्विक भावों को सताया न करो जल जाओगे आत्मिक चाहत ठुकराया न करो बड़े भाग्य से जुड़ती है संबंधों की डोर किसी से दरवाजा अगर खुला हो तो अगराया न करो किसी के सात्विक..... संबंधों को तुम परमात्मा का उपहार समझना इनकी कद्र करो व्यर्थ इनको रूलाया न करो जो बोओगे उसे तुम्हें ही तो काटना पड़ेगा किसी गफलत में पड़कर वक्त गवाया न करो किसी के सात्विक..... वक्त गुजर गया तो चिंतन कर पाओगे क्या अपने परिवार को छोड़ खुशियां लुटाया न करो जो तुम्हारा है बस वही तुम्हारे काम आयेगा "सूर्य" बुजुर्गो की बात यूं ही झुठलाया न करो किसी के सात्विक..... ©R K Mishra " सूर्य " #सात्विकता Sethi Ji Rama Goswami Ashutosh Mishra Suresh Gulia Puja Udeshi
#सात्विकता Sethi Ji Rama Goswami Ashutosh Mishra Suresh Gulia Puja Udeshi
read moreYugendra Raj
परमात्मा की भक्ति करने से मन सात्विक हो जाता है _ Shree Krishna _ Geeta Updesh
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आज समस्त पृथ्वी का कैसा ज्ञान है ? =सच/तुच्छ ******************************************* हे समस्त पृथ्वी वासियों जो आपको ज्ञान मिला है? यह ज्ञान समस्त पृथ्वी पर, वहम व अहम् को उत्पन्न करने वाला है? केवल वर्तमान में भी और भविष्य में भी। वास्तविक ज्ञान से तो बहुत दूर हैं गये । हे समस्त पृथ्वी वासी आप । यह इस आत्मा का एक सात्विक भाव से किया गया। एक सात्विक मत हैं आपके लिए हे परमत्तव अंश। आपको वास्तविक ज्ञान सच्चाई को समझना है । तो आइए इस आत्मा के पहले नोजोटो शो पर । * ** 25 मई 2023 ***के दिन। 25 मई 2015 की याद में है ये शो । आइए समस्त पृथ्वी वासियों इस दिन से शुरुआत करें । समस्त पृथ्वी पर एक अहिंसा के आधार पर । द्वितीय महाभारत युद्ध की शुरूआत करै। समस्त पृथ्वी के समस्त धर्मों में सात्विक ज्ञान के लिए? समस्त तुच्छ /वहम के वर्तमान का ज्ञान के आक्रमण पर? समस्त निस्वार्थ भाव से और लोकहितार्थ ही ज्ञान होगा ? समस्त पृथ्वी का मुलमंत्र आधार वास्तविक ज्ञान होगा? पाखण्ड मुक्त होगा वास्तविकता दर्शाने का ज्ञान होगा? शीघ्र ही भगवान की प्राप्ति का ज्ञान भी होगा ? ( आइए )अभी बुक करें 25 मई 2023 नोजोटो शो निःशुल्क है जो। पहला ही शो और आगे के शो निःशुल्क ही रहेंगे। इस एक ही आत्मा के सभी शो। **** एक धर्म युद्ध इस पृथ्वी पर **** ****अहिंसा पर यह भी एक बाकी था **** शब्दों के बाणो की शक्ति की पहचान मिलेगी। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #sattingbaba #sanjana #treanding #Real #treanding #viral
GRHC~TECH~TRICKS
एक मुल आधार तत्व राज़ ************************** सवाल- आपके ह्रदय में भगवान स्थित है ? ( ज्ञाता , ज्ञान, ज्ञेय ) = शब्दो से जानिए कैसे? हे परमत्तव अंश इन तीनों शब्दों में ऊपर के सवाल का , इन्हीं तीनों शब्दो में ही सम्पूर्ण सार तत्व राज़ उपलब्ध है। । जानिए कैसे है? - (1) यही एक अर्थ सात्विक ज्ञाता की पहचान से तो - भगवान ही आपके और हमारे , समस्त प्राणियों के ह्रदय में स्थित होता है। इसकी खोज क्रिया ही आपकी एक विशेष पहचान है। संसार में व यही मुल तत्वों का ब्रम्ह ज्ञानवर्धक इतिहास, एक मेरी भी दिव्य अनुभूति शिक्षा का गहन राज भी है। (2) इसी का अर्थ आपकी एक राजसी ज्ञाता से - भगवान नाम तो केवल बाहरी पृवति बीता हुआ पलों का राज़ इतिहास ही है। इसको ना जानने की इच्छा ही ज्ञाता ही आपके शरीर का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ( 3) इसी का अर्थ आपकी तामसिक ज्ञाता से - कोई धरती पर भगवान नाम की अस्तित्व/वस्तु होती ही नहीं है कहीं पर भी अर्थात भगवान देखा ही नहीं है, अभी तक किसी ने भी इतिहास में एक अन्तिम यही क्रिया, एक महानतम तमोगुणी विचार भी होता है समस्त धरती पर। ज्ञाता ,ज्ञान , ज्ञेय के ऊपर ही इन तीनों प्रारूपों को सरलता से, इसमें उल्लेख किया गया है अर्थात कर्ता,करण और कर्म के साथ न्यारी -न्यारी चेष्टा भी शामिल है। इसी सार अंश में समस्त ब्रम्ह का मुल संग्रह गुप्त योग भी होता है, केवल इन्ही तीनों शब्दों में -ज्ञाता, ज्ञान और ज्ञेय में ही । ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #ज्ञाता #ज्ञान #ज्ञेय #तत्व #तामसिक #सात्विक #आस्तिकता
Neelam Modanwal ..
🙏 मेंरी छंद की अवधारणा 🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा.. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. फूल से फल तक मधुर मकरंद की अवधारणा.. जीव ईश्वर का अनाविल नित्य चेतन अंश है. द्वन्द से होती प्रगट निर्द्वन्द की अवधारणा.. एक रचनाकार तो स्थितप्रज्ञ होता है उसे आँसुओं में भी मिली आनंद की अवधारणा.. प्यार से ही स्पष्ट होती है, अघोषित अनलिखे और अनहस्ताक्षरित अनुबंध की अवधारणा.. प्रेम में सात्विक समर्पण के सहज सुख से पृथक. अन्य कुछ होती न ब्रम्हानंद की अवधारणा.. मुक्तिका मेरी पढ़ी हो तो निवेदन है लिखें क्या बनी सामान्य पाठक वृन्द की अवधारणा.........✍️ प्लीज़....... 🙏🙏 ©Neelam Modanwal 🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
read moreRakesh Ranjan Nirala
#NonVegetarians_Are_Killers #Karma #eat #veg 🔘🔘🔘🍛🍛🍛🔘🔘🔘🔘 ❗🍚❗अन्न/भोजन का मन पर क्या असर होता है* इस उद्धाहरण से हम समझ सकते है -👇👇👇👇
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