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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को तोड़ने की साज़िश रची गई, सादी विवाह के लिए हम सब ने अपने आप बाट लिया, जो काम करता था, वही जाती मानली, यह सरासर गलत है, धर्म व शास्त्र विरुद्ध हैं, यह व्यवस्था है, जाति नही है, सबका शरीर परम् पिता ने बिल्कुल एक सा बनाया है, और हम सदा से सर्वदा सनातन से हैं, आगे आप सब की बुद्धि व विचारधारा हैं, दोस किसी का नही, अब हर जाति व धर्म में विवाह हो रहे हैं, पूरी दुनिया का मालिक एक और हम सब उस मालिक के, सबका खून लाल, हा विधि, विकार, विचार, रहन-सहन, भाषा और बहुत कुछ अलग हो सकता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को
#diwali_wishes {Bolo Ji Radhey Radhey} पहले कोई भी जाति नही थी, सबसे पहले 4 वर्ण थे, ये सब का काम के आधार पर निर्भर था, ये तो सनातन धर्म को
read moreRakesh frnds4ever
White कोई नहीं था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं है जीवन का सच यही है एक अकेला तू है केवल और कहीं भी कुछ भी नहीं है मोह माया है दुनिया सारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मोह ये तेरा कुछ नहीं है झूठ है नकली है सब कुछ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,माया में तू फ़सां हुआ है खाली खाली तन मन तेरा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, खाली खाली दिल भी तेरा खाली है हर कोई कोना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चित्त के अंदर कुछ भरा नहीं है भरे पड़े हैं जहर नफ़रत ईर्ष्या द्वेष झूठ फरेब मक्कारी बेईमानी प्यार की कोई जगह नहीं है,, कोई नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इंसान नहीं है लोग नहीं,,,शैतान हैवान दरिंदे ,खूनी हत्यारे,पिशाचों की नगरी है ये दुनियां नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, नरक जहन्नुम क़यामत बनी हुई है कोई नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं है कोई नहीं था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इंसान नहीं है दुनियां नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, जहन्नुम बनी है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,३,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever #कोई नहीं था ,,,,,,कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है ,,,,,,,,,,कहीं नहीं है जीव
#कोई नहीं था ,,,,,,कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है ,,,,,,,,,,कहीं नहीं है जीव
read moreRakesh frnds4ever
White कोई नहीं था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं है जीवन का सच यही है एक अकेला तू है केवल और कहीं भी कुछ भी नहीं है मोह माया है दुनिया सारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मोह ये तेरा कुछ नहीं है झूठ है नकली है सब कुछ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,माया में तू फ़सां हुआ है खाली खाली तन मन तेरा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, खाली खाली दिल भी तेरा खाली है हर कोई कोना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चित्त के अंदर कुछ भरा नहीं है भरे पड़े हैं जहर नफ़रत ईर्ष्या द्वेष झूठ फरेब मक्कारी बेईमानी प्यार की कोई जगह नहीं है,, कोई नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इंसान नहीं है लोग नहीं,,,शैतान हैवान दरिंदे ,खूनी हत्यारे,पिशाचों की नगरी है ये दुनियां नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, नरक जहन्नुम क़यामत बनी हुई है कोई नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं है कोई नहीं था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इंसान नहीं है दुनियां नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, जहन्नुम बनी है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,३,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever #कोई_नहीं_था #कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है ,,,,,,,,, कहीं नहीं है #जीव
#कोई_नहीं_था #कहीं नहीं था कोई नहीं है ,,,,,,,,,कहीं नहीं है कोई नहीं है ,,,,,,,,,अपना नहीं है यहां नहीं है ,,,,,,,,, कहीं नहीं है जीव
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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
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गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,
पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,
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