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Rakesh frnds4ever
White क्या मैं हूं कहीं, या मैं हूं ही नहीं तुम्हारी हर खुशियों के शोर शराबे में, किसी कोने कचोने में चीखें मेरी दबी पड़ी तुम्हारे उत्सव और त्योहारों में, घर में कभी ना मुझको मिली मौजूदगी,,, क्या मैं हूं कहीं या मैं हूं ही नहीं दिन भर के थके बदन के चूर चूर हालातों में, शामों के कामों व रात भर के दिल,मन,जज्बातों के मरे खून से चकनाचूर हुए बिखरे जर्जर शरीर की , तुम्हारे अरामो, विश्रामों या खिलखिलाकर बतियाती बातों से परे टूटे फूटे बदन की मेरी, नंगे पांव गुजरी जलती हर दोपहरी क्या मैं हूं कहीं,, या मैं हूं ही नहीं,,,, .................१............. ©Rakesh frnds4ever #क्यामैंहूंकहीं या मैं हूं ही नहीं क्या #मैं हूं कहीं, या मैं हूं ही नहीं तुम्हारी हर #खुशियों के #शोर_शराबे में, किसी कोने कचोने में #
#क्यामैंहूंकहीं या मैं हूं ही नहीं क्या #मैं हूं कहीं, या मैं हूं ही नहीं तुम्हारी हर #खुशियों के #शोर_शराबे में, किसी कोने कचोने में #
read moreAnuradha T Gautam 6280
Sethi Ji
White 💗 ज़िन्दगी का हिसाब , ज़िन्दगी का जवाब 💗 ज़िन्दगी एक सवाल हैं , जिसका हम सब ढूंढ़ते जवाब हैं खोए रहते हो जिसके ख्वाबों - ख्यालों में सुबह - शाम हर रात आता उसका ख्वाब हैं करती हो हम पर सितम अपनी अदाओं से ऐ सनम मेरा दिल रखता तुम्हारा एक - एक हिसाब हैं ना जाने कितनों को घायल करती हो अपनी जवानी से ना जाने कितनों को पगाल करती हो अपनी रवानी से तू समझती खुद को हुस्न की शराब हैं याद रखना हुनर मेरा भी लाजबाब हैं पढ़ लो मेरी मोहब्बत मेरी आँखों से ऐ हमदम मेरी ज़िन्दगी एक खुली किताब हैं 💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 💞💞 इश्क़ का नशा 💞💞 💞💞 इश्क़ का मज़ा 💞💞 जो इश्क़ के नशे में चूर होता हैं उसको हमारा हर हुकुम मंज़ूर होता है लिखते हो तुम भी किसी की जवानी के
💞💞 इश्क़ का नशा 💞💞 💞💞 इश्क़ का मज़ा 💞💞 जो इश्क़ के नशे में चूर होता हैं उसको हमारा हर हुकुम मंज़ूर होता है लिखते हो तुम भी किसी की जवानी के
read morepuja udeshi
White पाप पहले भी होते थे पर अब पहले से 100 गुना ज्यादा हो रहे हैं कोई सुरक्षित नहीं, पुलिस का कोई डर नहीं, अपराध तो हो ही रहे हैं, बापू के सपने चूर चूर हो रहे quit india moment द्वारा अंग्रेजो क़ो भगाया था अब कौन से movement से अपने ही देश के गद्दारों क़ो भगाए जो अपनी ही माँ बहन की इज्जत नीलम कर रे लूट रहे, अपनी बहन की रक्षा और दूसरे की बहन बेटी का rape कर रहे इस लिए आजाद हुए थे कि अपने ही घर मे डाका डाले इज्जत लुटे शर्म हैं ऐसी मर्द जात पर ऐसे भेडियो पर जो गन्दे हैं waste हैं कचरा हैं हमारे देश के.... थू 🤮 ©puja udeshi #quit_india_movement पाप पहले भी होते थे पर अब पहले से 100 गुना ज्यादा हो रहे हैं कोई सुरक्षित नहीं, पुलिस का कोई डर नहीं, अपराध तो हो ही र
#quit_india_movement पाप पहले भी होते थे पर अब पहले से 100 गुना ज्यादा हो रहे हैं कोई सुरक्षित नहीं, पुलिस का कोई डर नहीं, अपराध तो हो ही र
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो चूर हुआ । तब जाकर माँ की गोदी में , सोने को मजबूर हुआ ।। मत कहो काल के चंगुल में , लाल हमारा रपट गया । जाने कितने दुश्मन को वह , पल भर में ही गटक गया ।। सब देख रहे थे खड़े-खड़े , अब उस वीर बहादुर को । जिसके आने की आहट भी , कभी न होती दादुर को ।। पोछ लिए उस माँ ने आँसूँ, जिसका सुंदर लाल गया । कहे देवकी से मिलने अब , देख नन्द का लाल गया ।। तीन रंग से बने तिरंगे , का जिसको परिधान मिले । वह कैसे फिर चुप बैठेगा , जिसको यह सम्मान मिले ।। सुबक रही थी बैठी पत्नी , अपना तो अधिकार गया । किससे आस लगाऊँ अब मैं , जीने का आधार गया ।। और बिलखते रोते बच्चे , का अब बचपन उजड़ गया । कैसे खुद को मैं समझाऊँ , पेड़ जमीं से उखड़ गया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो
लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार , मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा
गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा
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