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Lucky#Raj.
#SadStorytelling अंतर्विलाप (अंतर मन की वेदना ) दोस्ती शायरी शायरी दर्द लव शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में
read moreAshtvinayak
सीधी सरल नहीं हैं जिंदगी की राहें .. शायरी हिंदी हिंदी शायरी दोस्ती शायरी शायरी attitude
read moreDeepak Gaudel
White उड़ना चाहता हूं बाज की तरह इसलिए तितलियों पर नजर नहीं रखता दस्तक देनी है कामयाबी के हर दरवाजे पर📈 इसलिए उन तितलियों के दरवाजे की पहरेदारी नहीं करता Instagram @_dpk09 ©Deepak Gaudel शायरी हिंदी शायरी लव दोस्ती शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में उड़ना चाहता हूं बाज की तरह
शायरी हिंदी शायरी लव दोस्ती शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में उड़ना चाहता हूं बाज की तरह
read moreनिर्भय चौहान
White तिरी याद का वो ही मौसम सुहाना, मेरे दिल के दर्रों में आने लगा है। वो बिछड़ा हुआ एक गुजरा जमाना, मुझे खुद से मिलने बुलाने लगा है। मैं हूं फर्द जीवन के इस रास्ते पर बहुत देर थक के भी चलता रहा हूं ना जाने कहां है वो मंजिल हमारी जहां तक हमें साथ चलना था यारा। मुझे छोड़ने में क्या सुख तुमने पाया तुझे रोशनी में दगा देता साया चले आओ फिर से चलें साथ मिलके। हां तुम इस दफा बस जफा भूल जाना। मुझे याद रखना मुझे तुम सताना। मुझे ले के बाहों में करना नमाज़ें मेरे साथ सजदे में सर को झुकाना। ©निर्भय चौहान #Sad_Status शेरो शायरी दोस्ती शायरी शायरी हिंदी में शायरी दर्द शायरी attitude नीर Kumar Shaurya vandan sharma वरुण तिवारी कवि आलोक मिश्
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read moreनिर्भय चौहान
White तुम तो वैसे भी दिल्लगी में थे। हम थे जैसे भी जिंदगी में थे। बुत को काफिर समझने वालों के घर लुटे तो भी बंदगी में थे । मैं तेरे गाल थपथपाता मगर हाथ मेरे दरिंदगी में थे चूम कर माथा बांह में भरकर हाथ उसके बा ज़िंदगी में थे थक के वो लौट आये हैं घर को फर्द वो भी परिंदगी में थे उनकी मां बेटियां नहीं जाए बाप बेटे दरिंदगी में थे किसने तुमको बनाया है निर्भय यार शायर ता जिंदगी में थे निर्भय चौहान ©निर्भय चौहान #sad_quotes vandan sharma Kumar Shaurya करम गोरखपुरिया कवि आलोक मिश्र "दीपक" वरुण तिवारी शायरी हिंदी शायरी शायरी दर्द गम भरी शायरी शाय
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read moreनिर्भय चौहान
White मेरे खयाल जानिब ए गर्दिश बदल गए उनके खयाल रंग ए ज़माने में ढल गए ऐसा लगा की जैसे क़फ़स में थे जी रहे हमने की ढीली बाहें तो बाहर निकल गए उसकी गली से मैयतें आशिक की जा रही जिसकी गली में दिल के सभी ख्वाब जल गए तुमने नहीं है देखा वो भींगा हुआ बदन चिकनी कमर पे सारे ही लस्कर फिसल गए मां की तरह ही उसने था सर गोद में रखा माथा जो चूम बैठी तो बच्चे बहल गए अब आशिकी में जीत से तौबा करेंगे हम निर्भय बुलंदियों के सभी सूर्य ढल गए निर्भय चौहान² ©निर्भय चौहान शायरी दर्द शायरी हिंदी शायरी शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी' Kumar Shaurya कवि आलोक मिश्र "दीपक" Madhusudan Shrivastava Shiv Narayan Sa
शायरी दर्द शायरी हिंदी शायरी शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी' Kumar Shaurya कवि आलोक मिश्र "दीपक" Madhusudan Shrivastava Shiv Narayan Sa
read moreनिर्भय चौहान
मॉल में हॉल में चल रही बकरियां कैसे माहौल में पल रही बकरियां घर से दुनियां बदलने चली बकरियां पूरी दुनिया को ही खल रही बकरियां चारे के प्यार में भूखी त्योहार में ख्वाब की पूरियां तल रही बकरियां आधुनिक बकरियां सेरलक दे रही मेमनो को भी तो छल रही बकरियां चांद तारों तलक पहले ही घूम ली अब नजोटो पे भी चल रही बकरियां मैं मैं करती हुई ठीक हैं बकरियां दौर बीता की निर्बल रही बकरियां अब कसाई का दिल भी बदल जायेगा जैसे अंदाज से ढल रही बकरियां ©निर्भय चौहान बकरियां वरुण तिवारी Kumar Shaurya करम गोरखपुरिया कवि आलोक मिश्र "दीपक" हिंदी शायरी 'दर्द भरी शायरी' शेरो शायरी
बकरियां वरुण तिवारी Kumar Shaurya करम गोरखपुरिया कवि आलोक मिश्र "दीपक" हिंदी शायरी 'दर्द भरी शायरी' शेरो शायरी
read moreAna
White आज शर्मसार हूं, इतना इंसाफ़ तक हम कर न सके इक मां के कोख की मिलकर लाज तलक रख न सकें ©Ana #happy_independence_day Author Shivam kumar Mishra Rakesh Srivastava कवि आलोक मिश्र "दीपक" Arshad Mirza Pooja Udeshi हिंदी शायरी शायरी
#happy_independence_day Author Shivam kumar Mishra Rakesh Srivastava कवि आलोक मिश्र "दीपक" Arshad Mirza Pooja Udeshi हिंदी शायरी शायरी
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