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Biikrmjet Sing
एक कहेन्दा है कि एह सभ मेरा है ते एक केन्दा है कि यह सभ प्रभु दा दित्ता है।। असी सिर्फ नाम च रत्तना है।। किसे होर चीज़ च नहीं।। यहां ओर कोई अपना नहीं सिवाए परमेश्वर के इसलिए किसी भी चीज़ यानी पैसे ज़मीन व पुत्र रिश्तेदारों का मान नहीं करना चाहिए।। ऐसा गुरमुख बताते हैं। गुर के चरण ऊपर मेरे माथे।। तां ते दूख मेरे सगले लाथे।। अर्थ:- नाम ध्याने की विधि से परमात्मा का प्रकाश मेरे मस्तक पर उदय होने लगा।। फिर मन आनंद में आ कर त्रे गुनी दुखो से मुक्त हो गया।। धुन में ध्यान, ध्यान में जानया गुरमुख अकथ कहानी।। अर्थ:- सहज धुन है गुरमुखो-संतों द्वारा की गई हर की वह कथा को ध्यान से श्रवण कर जिस में नेत्रों में बसे मन को ध्यान द्वारा साहमने रमते प्रकाश में कैसे ध्यान टिकाया जाए वह सिखाया जाता है और फिर उस ध्यान में टिक कर यानी मुख पर बसे नेत्रों द्वारा परम् प्रकाश को विधि-गुर द्वारा निहारने पर अकथ प्रभु की कहानी मन फिर जान पाता है।। सन्त संग अंतर प्रभ दीठा नाम प्रभु का लागा मीठा।। हरि के संतों के संग नाम ध्याने की विधि यानी गुर ले कर परमात्मा सारी सृष्टि के अंतर दिख गया फिर वह विधि-गुर-नाम मन को मीठा लगने लगा मतलब भा जाना मन नू।। ©Biikrmjet Sing #गुरबाणी
Biikrmjet Sing
लोग जाने एह गीत है एह तो ब्रम विचार।। अर्थ:- लोग समझते हैं गुरबाणी तो साधारण सी कविता यां गाने वाला गीत है पर गुरु जी कहते हैं यह पार ब्रम परमेश्वर की खुद की विचारें हैं।। जिनका अनुसरण करके मन उसी का रूप हो जाता है।। ©Biikrmjet Sing #गुरबाणी
Shahzad
गुरुद्वारे में पढ़ी गई नमाज, भाईचारे की खूबसूरत तस्वीर आई सामने ◆ वीडियो Indore के गुरुद्वारे का है, जहां दूसरे शहरों से आई 30 लड़कियों की
read moreck bable
इन्सान को लगता है मन्दिर -मस्जिद, चर्च -गुरुद्वारे में धर्म बसते हैं इसलिए हम मन के डर की आदत को आस्था कहते हैं ! , ©ck bable #flood इन्सान को लगता है मन्दिर -मस्जिद, चर्च -गुरुद्वारे में धर्म बसते हैं इसलिए हम मन के डर की आदत को आस्था कहते हैं !
#flood इन्सान को लगता है मन्दिर -मस्जिद, चर्च -गुरुद्वारे में धर्म बसते हैं इसलिए हम मन के डर की आदत को आस्था कहते हैं !
read moreRaj Sabri
बात सिर्फ नियत की होती है कोई मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे से खाली हाथ लौट जाता है कोई घर में ही आंखें बंद करके सब कुछ पा लेता #sitarmusic
read moreJALAJ KUMAR RATHOUR
तेरे जुल्फो तले एक जहां की ख्वाहिश थी, हर मंदिर , मस्ज़िद,गुरुद्वारे मैंने की ये फरमाइश थी मैंने तो दीपदान भी किया था तेरे नाम का , पर फिर भी उस रात में बिन चांद का आसमान था ....#जलज तेरे जुल्फो तले एक जहां की ख्वाहिश थी हर मंदिर , मस्ज़िद,गुरुद्वारे मैंने की ये फरमाइश थी मैंने तो दीपदान भी किया था तेरे नाम का , पर फिर भ
तेरे जुल्फो तले एक जहां की ख्वाहिश थी हर मंदिर , मस्ज़िद,गुरुद्वारे मैंने की ये फरमाइश थी मैंने तो दीपदान भी किया था तेरे नाम का , पर फिर भ
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