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Divyanshu Pathak
हश्र के दिन सवाल पूछेंगे तुमसे ख़ल्के-ख़ुदा। तुम संभाल कर रखना अपने पास गवाही को । #इबादत #YourQuoteAndMine Collaborating with Dr Neelu Sameer जी : कठिन-शब्द- हश्र - प्रलय ख़ल्के-ख़ुदा = ईश्वर /भगवान
#इबादत #YourQuoteAndMine Collaborating with Dr Neelu Sameer जी : कठिन-शब्द- हश्र - प्रलय ख़ल्के-ख़ुदा = ईश्वर /भगवान
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आज फिर भीग कर आई है हवा। लगता है कहीं वफ़ा बरस रही है। गरज रहे हैं ज़ज़्बात बादलों के जैसे। बिजली एहसासों की कड़क रही है। चमकते हुश्न का चकाचौंध भारी है। इश्क़ नहीं बुल-हवस का दौर जारी है। खुली आँखों से ख़्वाब देखता रहता हूँ। कच्ची डोर लेकिन मैं खींचता रहता हूँ। ग़नीमत तो ये है कि तुम राही हो "पाठक"। मन्ज़िल मिलेगी रास्ते भी तकमील होने है। शुभरात्रि साथियो....😊💐💐💐 कठिन शब्दार्थ- बुल-हवस - इच्छाओं का लालच #तकमील - समाप्त ( पूर्ण ) #पाठकपुराण 🙏😊🍀🍀🍁🍁🍂🍀 #collabwithकोराकाग़ज़
शुभरात्रि साथियो....😊💐💐💐 कठिन शब्दार्थ- बुल-हवस - इच्छाओं का लालच #तकमील - समाप्त ( पूर्ण ) #पाठकपुराण 🙏😊🍀🍀🍁🍁🍂🍀 #collabwithकोराकाग़ज़
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बनाया होगा मेरे लिए भी कोई दिलफ़रोज। मैं रोज़ सोचता हूँ होगी मुलाक़ात इमरोज़। हो मेरा उसके लिए दीन-ओ-दिल-अजीज़। मेरे दर को दैर कर दे हो वो ऐसा निमरोज़। कठिन शब्दार्थ- : दिलफ़रोज- हृदय में वसने वाला इमरोज़- आज दीन-ओ-दिल-अजीज़- अनन्य प्रेम दर- घर दैर- मन्दिर निमरोज़- सूर्य की तरह चमकीला
कठिन शब्दार्थ- : दिलफ़रोज- हृदय में वसने वाला इमरोज़- आज दीन-ओ-दिल-अजीज़- अनन्य प्रेम दर- घर दैर- मन्दिर निमरोज़- सूर्य की तरह चमकीला
read moreSaket Ranjan Shukla
पूर्ण विराम ख़ुबसूरती से शुरू कर दर्दनाक अंजाम देता हूँ, अपनी स्याही को भी कहाँ कभी आराम देता हूँ, लिख लेता हूँ गैरों के गुनाह भी ख़ुद के हिस्से में, क़लम के थक जाने तक ख़ुदको इल्ज़ाम देता हूँ, सिर्फ़ मैं क़सूरवार और सब शरीफ़ ही नज़र आएँ, जज़्बातों के सहारे पंक्तियों को ऐसे आयाम देता हूँ, ज़ख्म जितने मिले उनको भुला तो पाता नहीं कभी, फ़िर भी गैरों को शब्दों के सहारे नयनाभिराम देता हूँ, दर्द को दवा पढ़ें, पढ़ने वाले “साकेत" के अल्फ़ाजों में, अपने क़िस्सों को मैं कुछ इस तरह से पूर्ण विराम देता हूँ। IG:— my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla पूर्ण विराम..! #life #story #poetry #writer #स्याहीकार #my_pen_my_strength #AWritersStory #Hindi #poem #Poetry कुछ कठिन शब्दार्थ अंजाम :—
पूर्ण विराम..! #Life #story #Poetry #writer #स्याहीकार #my_pen_my_strength #AWritersStory #Hindi #poem #Poetry कुछ कठिन शब्दार्थ अंजाम :—
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पागल हो या सयाने तुम पिंजड़े में पर फैलाने को कहते हो, तूफ़ान में दीप जलाने को कहते हो, हो पागल या बहुत ही सयाने हो तुम, काँटो से ज़ख्म सिलाने को कहते हो.! IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla पागल हो या सयाने तुम..? . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻 सयाना:— चालाक, होशियार (Wise/Inteligent) ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan S
पागल हो या सयाने तुम..? . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻 सयाना:— चालाक, होशियार (Wise/Inteligent) ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan S
read moreDivyanshu Pathak
चाहे जितनी तफ़तीश कर लीजिए हमारी। मुझ जैसे क़िरदार बहुत कम मिलते हैं। कूद पड़ते हैं इश्क़ के समंदर में बे-परवाह! इस तरह के दिलदार बहुत कम मिलते हैं। महफ़िल मोहब्बत की रोशन करने के लिए! जो हबीब के हाथों चराग़ बनकर जलते हैं। पूछ लो गवाही देगी ये सितारों भरी रात! ये हमको चाँद आपको चाँदनी समझते हैं। फ़सुसुर्दा देखकर हमको लगे आँसू बहाने! 'पंछी' वे आँसू ही तो रात में ओस बनते हैं। मैं किसी भी तरह की ग़ज़ल या शायरी लेखन के बारे में कुछ नहीं जानता हूँ। बस शब्दों को पकड़कर जोड़ने लगता हूँ। जो गाने गुनगुनाने में सरल हो बस वही
मैं किसी भी तरह की ग़ज़ल या शायरी लेखन के बारे में कुछ नहीं जानता हूँ। बस शब्दों को पकड़कर जोड़ने लगता हूँ। जो गाने गुनगुनाने में सरल हो बस वही
read moreSaket Ranjan Shukla
मैं याद आता रहूँगा तेरा ज़िक्र, हर महफ़िल में दोहराता रहूँगा, तेरी बेवफ़ाई को शब्दों में पिरो, गाता रहूँगा, तेरे दिए ये ज़ख्म यूँ भरेंगे तो नहीं आसानी से, तो तुझे भी अपने दर्द से वाक़िफ़ कराता रहूँगा, उठेंगे सवाल मेरे आशिक-मिज़ाज लहजे पर भी, तुझे बेनाम बता मैं, तुझपर इल्ज़ाम लगाता रहूँगा, बेशक़ तेरे चाहने वाले, तुझे ख़ुदा माने मुहब्बत का, मैं अतीत तेरा, तुझे आइना हरेक पल दिखाता रहूँगा, रक़ीब के आगोश में भी भूल न पाओगे “साकेत" को, मैं हिचकियों के बहाने, तुझे हर घड़ी याद आता रहूँगा। IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla मैं याद आता रहूँगा.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . कुछ कठिन शब्द वाक़िफ़ कराना = परिचय कराना लहजा = एक खास तरीका या ढंग
मैं याद आता रहूँगा.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . कुछ कठिन शब्द वाक़िफ़ कराना = परिचय कराना लहजा = एक खास तरीका या ढंग
read moreSaket Ranjan Shukla
हो कौन तुम मेरे फ़ैसलों के लिए मैं तुम्हें कोई भी ज़वाब क्यों दूँ, कान देकर तुम्हारे तानों पर ख़ुदको अज़ाब क्यों दूँ, तुम हो कौन, मेरी शख़्सियत पर सवाल उठाने वाले, ख़र्च कर यूँ तुमपर बर्बादी को अपना रुवाब क्यों दूँ, मेरे हरेक क़दम का परिणाम भविष्य की कोख में है, सिर्फ़ तुम्हारी मानके अपने मन को इज़तिराब क्यों दूँ, मेरे हिस्से क्या आएगा, विचारने की ज़रूरत तुम्हें नहीं, झूठी परवाह को तुम्हारी सच होने का ख़िताब क्यों दूँ, सफ़र, मंज़िल, मेहनत और अंज़ाम भी है “साकेत" का, तुम्हारा कुछ है ही नहीं तो मैं तुम्हें कोई भी हिसाब क्यों दूँ। IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla हो कौन तुम..? . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻
हो कौन तुम..? . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻
read moreSaket Ranjan Shukla
ईर्ष्या के वश में हो तुम और अधिक ख़ून तो अपना जलाऊँगा नहीं, तुम्हें तुम्हारी ही हदें फ़िर से समझाऊँगा नहीं, तुम बस ईर्ष्यावश मुझसे उलझना चाह रहे हो, तुम्हारी चुनौतियों पे मैं गौर भी फ़रमाऊँगा नहीं, बुद्धिहीनों सा जो व्यवहार कर रहे हो तुम निरंतर, माफ़ करना मगर अति, माफ़ भी कर पाऊँगा नहीं, तुम खो चुके हो ख़ुद को भी, मुझ सा बनने के लिए, तुम्हें कोई प्रत्योत्तर दे, मैं तुम्हारे हौसले बढ़ाऊँगा नहीं, हज़ार उपाय हैं “साकेत" के पास तुमसे निपटने के लिए, लेकिन कदाचित मैं मेरी दृष्टि में मेरा स्तर गिराऊँगा नहीं। IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla ईर्ष्या के वश में हो तुम..! कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻 1) ईर्ष्यावश :— ईर्ष्या/जलन के वश में(out of jelousy) 2) बुद्धिहीन :— बेवकूफ, जिसमें बुद्धि
ईर्ष्या के वश में हो तुम..! कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻 1) ईर्ष्यावश :— ईर्ष्या/जलन के वश में(out of jelousy) 2) बुद्धिहीन :— बेवकूफ, जिसमें बुद्धि
read moreSaket Ranjan Shukla
फ़िर न करेंगे गलती मोहब्बत की जो ख़ुद न सँभला हो, काबू में बयार क्या करेगा, ठोकरों से हो जो बना, ख़ुद को तैयार क्या करेगा, बे-इंतिहा लूटा है उसे उसकी ही पहली मोहब्ब्त ने, आशिक़ी में हारा शख़्स कुछ इख़्तियार क्या करेगा, भूल गया है वो तब से ही जीना ख़ुद के लिए शायद, चाहतें गंवाई उस दफ़ा, हासिल इस बार क्या करेगा, भरोसा अपनी पसंद और चाहतों पर भी अब है नहीं, ख़ुद को खोते-खोते, मंज़िलों पर ऐतबार क्या करेगा, दोबारा मोहब्ब्त, बेवज़ह न सिखाए कोई “साकेत" को, जो ख़ुद से ही न करे, वो किसी और से प्यार क्या करेगा। IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla फ़िर न करेंगे गलती मोहब्बत की..! . कुछ कठिन शब्दार्थ👇🏻 बयार= हवा का झोंका (Wind) बे-इंतिहा = अपार, असीम (Limitless) इख़्तियार= वश, नियंत्रण
फ़िर न करेंगे गलती मोहब्बत की..! . कुछ कठिन शब्दार्थ👇🏻 बयार= हवा का झोंका (Wind) बे-इंतिहा = अपार, असीम (Limitless) इख़्तियार= वश, नियंत्रण
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