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Rkm
कुंवारे होने का एक दुख यह भी है कमरे के सारे मच्छर एक को ही काटते है.... शादीशुदा होने से मामला 50–50 हो जाता है...😌😂😂😝😜😂😂 ©Rkm #कुंवारे होने का एक दुख
#कुंवारे होने का एक दुख
read moreVimal Pal
जिंदगी समझ नहीं आई तो मेले में अकेला और जब समझ आई तो अकेले में मेला # एक दुख और एक खुशी
# एक दुख और एक खुशी
read moreamar gupta
एक दुख ये है कि तू मुझे गिरगिट की तरह लगती है , एक दुख ये है कि मुझे तेरे हर रंग से प्यार है । ©amar gupta #एक दुख ये है कि ...
#एक दुख ये है कि ...
read moreKajalife....
तुम अपने एक दु:ख के चलते... न जाने कितने और दु:खों का कारण बन गए ©Kajalife.... तुम अपने एक दुख के चलते...
तुम अपने एक दुख के चलते...
read moreBobby(Broken heart)
victim of NAPOTISM Napotism हर जगह है समझदार लोगों को बस इशारा ही काफी है💔💔 एक दुखद सत्य....#bobby_sadeyes #merayalfaz #Emotions #thought
एक दुखद सत्य....#bobby_sadeyes #merayalfaz #Emotions #thought
read moreओजस"
दर्द अपना किसी को सुना ना सकी वो लड़की कभी मुस्कुरा ना सकी हाल-ए-दिल बयां करती तो कैसे जो अपनों को कभी रुला ना सकी तन्हाई में छुप - छुपकर रोती रही पर आंसू किसी को दिखा ना सकी ससुराल की रंजिशो से जूझती रही क्या क्या हुआ साथ बता ना सकी घुटन से अच्छी उसको मौत लगी अपनों को कभी आजमा ना सकी उसका दर्द क्या लिखेगा 'ओजस' जिस खुद्दार को मौत डरा ना सकी ©Rajesh Rajawat Ozas एक दुखद घटना MuzammilHussain Shira Anshu writer Suman Zaniyan RJ_Keshvi
एक दुखद घटना MuzammilHussain Shira Anshu writer Suman Zaniyan RJ_Keshvi
read moreTarun Vij भारतीय
"ना उदय हुए ना हुए अस्त" किस कदर एक पंक्ति में पूरी जिंदगी बयां हो गई... अश्रुपूर्ण श्रृद्धांजलि हिंदी जगत के दो महान कवियों को जो कल रात एक दुर्घटना में सदा के लिए खो गए। हास्य कवि श्री के डी शर्मा हाहाकारी जी व गीतकार श्री प्रमोद तिवारी जी #rip #हिंदी साहित्य जगत के लिए एक #दुखद घटना #yqdidi
Devrajsolanki
मैं.. (एक दुखी आत्मा का दर्द) मैं भटकता हूं आज भी उन्हीं गलियों में, जहा कभी हम बचपन में भटका करते थे.. मैं रहता हूं आज भी उसी जहान में, जहा से शुरु हुआ था मेरा जहान.. मैं याद करता हूं हर उस शख़्स को, जो जुड़ा हैं मेरे बचपन से.. मैं देखता हूं आज भी उन्हीं पेड़ों को, जिनकी छाया में बीत गया मेरा पूरा बचपन.. मै महसूस करता हूं आज भी उसी हवा को, जो कभी मेरे बचपन में बहा करती थीं.. मैं निहारता हूं आज भी उन्हीं मंदिरों को, जहा से कभी हाथ जोड़ना सिखा था ईश्वर को.. मै लेठा हूं आज भी उसी राख़ में, जहा कभी छोड़ कर गए थे मेरे अपने ही मुझे..! ©Devrajsolanki मैं..(एक दुखी आत्मा का दर्द..) #कविता #kavita #Hindi #Azaadkalakaar #devrajsolanki #MereKhayaal
मैं..(एक दुखी आत्मा का दर्द..) कविता kavita Hindi Azaadkalakaar devrajsolanki MereKhayaal
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