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Sagar Sanghatiya
ढाई अक्षर प्रेम के, प्रेम तेरा प्रतिज्ञा जैसा । जो पाया सब भूली मैं , ढाई अक्षर की धारा में तू मेरा पतबार बना ,प्रेम का रंग ना छुटे ऐसी तू मेरी पहचान बनी प्रेम की दीवानी
प्रेम की दीवानी
read moreVikas sharma
।। प्रेम की दीवानी ।। जितना भी देखूँ उसे एक पहेली से लगती है महफ़िल में भी वो जो अकेली सी लगती है विश्वास टूटा है वहीं , जब रिश्तों में थी कहीं भरोसे की राह चलने में ,अब सहमी सी लगती है रंग और भी है दुनिया मे, दूजे से अलग मन की छबि भी ख़ुद को प्यारी सी लगती है सुख-दुख ,मिलन-जुदाई, हार-जीत.. फूल ही तो है ज़िन्दगी भी तो बगिया की इक क्यारी सी लगती है कभी आओ इस तरफ़ तो सुनाये रिश्तों की कहानी बंधन की आग भी यहाँ तो सुहानी सी लगती है सौम्यता तो क्षणभंगुर है ,चंद पल की है निशानी प्रेम तो सदा अमर है ,दुनियां सदियों से है इसकी दीवानी @विकास ©Vikas sharma #Sunrise प्रेम की दीवानी
#Sunrise प्रेम की दीवानी
read more#काव्यार्पण
White मन हर्षित तन पुलकित रोम रोम नैनन से नीर की फुहार जैसे हो रही भोलीभाली मतवाली राधारानी गली गली मोहन के नेह में निहाल जैसे हो रही। बरसी बदरिया तो भीग गयो अंग अंग नाचे यूं मगन हो मयूर जैसे हो रही पैजनी के घुंघरू भी नाच रहे संग संग प्रेम की दीवानी आज सुध बुध खो रही। मेघ घिरे कारे कारे दमके बिजुरिया तो लिपटी यूं मीत की बांहों का हार हो रही लाज से लजाए नैनों से जो मिली अनुमति अधरों से अधरों की मनुहार हो रही। वसन के भीतर जो उर्मि समाई थी वो दहक - दहक अंगार जैसे हो रही। लिपटी हुई थी ऐसे चंदन से अहि जैसे रति प्राणवायु में हो बीज जैसे बो रही। बेसरि से फिसली जो नाभि पे ठहर गई सावन की बूंद देखो बेईमान हो रही। बिंदिया माथे की लाज ढोते ढोते थक गई चांदबाली केशों का घूंघट लेके सो रही। कंगन कलाई में मगन भए चूड़ियां तो बिन सहयोग कैसे निसहाय हो रही। झांझर की अनबन घुंघरू से हो गई तो सीतापुर में भी अब बरसात हो रही। pragya Shukla, sitapur♥️ ©#काव्यार्पण प्रेम की दीवानी आज सुध बुध खो रही #कविता #काव्यार्पण #Kavyarpan #nojoto #films #poetry #where_is_my_train Anshu writer Sircastic Saurabh
प्रेम की दीवानी आज सुध बुध खो रही #कविता #काव्यार्पण #Kavyarpan nojoto #films #Poetry #where_is_my_train Anshu writer Sircastic Saurabh
read moreyogesh atmaram ambawale
जिसका प्रेम पाने गोपियों का लगता था घेरा, उसके प्यार में दीवानी हुई मीरा| ना जाने घर दार ना जाने जग सारा, इस कदर मोहन के प्रेम की दीवानी मीरा| OPEN FOR COLLAB✨ #ATप्यारमेंदीवानी • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your love-filled words.✨ BG credits ~ Rakesh Yadav
OPEN FOR COLLAB✨ #ATप्यारमेंदीवानी • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your love-filled words.✨ BG credits ~ Rakesh Yadav
read moreKrish Vj
बचपन की वो "याद" सुहानी है, बीत गई जो वो बात पुरानी है वो बाग बगीचों की "कहानी" है, उस मीठे आम की जुबानी है लहराता माँ का आँचल, डर और दर्द दूर होता, याद सुहानी है कन्धे पर "पिता" के बैठ झुला झूलते, एक अनुपम निशानी है वो दोस्तों के संग खेलना, दोस्ती असीम "प्रेम" की दीवानी है जोश में रहता था होश बचपन में, बिछुड़ी ख़ून से वो रवानी है चोट लगी जब भी माँ को परेशान ना करने की प्रेम कहानी है दोस्तो से रूठना, पल में मान जाना,मासूमियत की कहानी है प्रेम किया, प्रेम ने विरह गीत गाया, वो दर्द की रात पुरानी है बचपन की वो "याद" सुहानी है, बीत गई जो वो बात पुरानी है शीर्षक:_ खट्टी-मीठी यादें बचपन की वो "याद" सुहानी है, बीत गई जो वो बात पुरानी है वो बाग बगीचों की "कहानी" है, उस मीठे आम की जुबानी है
शीर्षक:_ खट्टी-मीठी यादें बचपन की वो "याद" सुहानी है, बीत गई जो वो बात पुरानी है वो बाग बगीचों की "कहानी" है, उस मीठे आम की जुबानी है
read moreNASAR
तुम प्रेम की दीवानी हो ,और मैं तेरा 'प्रेम दीवाना' मेरे प्रेम से अनभिज्ञ हो तुम,चलो मैने ये भी माना आया हूँ तेरे जीवन में , प्रेम के सहस्र रंग भरने मेरे सतरंगी रंगों का मर्म ,शायद तुमने ना जाना बनने और बदलने की काबिलियत तो है मुझमे शायद मेरे हुनर को तुमने अब तक ना पहचाना तेरा हर ख़्वाब मेरे ख़्वाब से पहले मुक़म्मल न हो तो मत कहना किसी से, हूँ मै तेरा पागल दीवाना यकीन कर औरो की तरह, महज़ दावेदार नही मैं हाथ थाम, फिर देख कैसे फ़तेह करता है दीवाना खूबसूरत च़ेहरे का नही तेरी रूह का तलबगार हूँ मैं दुनियावी भीड़ में , तूने मेरे अनन्य-प्रेम को न जाना आजमाइश पर आजमाइश से ,ना कर परख मेरी तेरी आजमाइशों में ,कही टूट ना जाए ये परवाना जानता हूँ अंतर्मन से विचलित हो तुम 'अतीत' के सबकुछ फिर से सजा दूँगा ,कहता है मन मस्ताना तेरे मीठे बोल हर रोज़ सुनना ,अब किस्मत हो मेरी यही सोचा, मांगा है रब से,और यही है मन में ठाना 'प्रेम' विश्वास का नाम है,तुम यकीन कर देखो 'मेरा' दौलत,शौहरत,कदमों में ना रख दूं,तो कहना 'जाना' तुम प्रेम की दीवानी हो ,और मैं तेरा 'प्रेम दीवाना' मेरे प्रेम से अनभिज्ञ हो तुम,चलो मैने ये भी माना तुम प्रेम की दीवानी हो ,और मैं तेरा 'प्रेम दीवाना' मेरे प्रेम से अनभिज्ञ हो तुम,चलो मैने ये भी माना आया हूँ तेरे जीवन में , प्रेम के सहस्र
तुम प्रेम की दीवानी हो ,और मैं तेरा 'प्रेम दीवाना' मेरे प्रेम से अनभिज्ञ हो तुम,चलो मैने ये भी माना आया हूँ तेरे जीवन में , प्रेम के सहस्र
read moreAmar Anand
(सबसे खास) -एक पुकार की जद्दोजहद- पूरी कविता नीचे कैप्शन में... एक बचकानी सी दीवानी थी और एक नादान सा दीवाना था बिछड़ गए दोनों ही आपस के निर्मल प्रेम में एक दूजे को आजमाने में लड़की स्वभाव से जिद्दी थी zid
एक बचकानी सी दीवानी थी और एक नादान सा दीवाना था बिछड़ गए दोनों ही आपस के निर्मल प्रेम में एक दूजे को आजमाने में लड़की स्वभाव से जिद्दी थी zid
read moreRajesh rajak
इंतज़ार करना मेरी कहानी बन जाएगी, तुम जितनी देर करोगे आने में, उतनी ही बदनाम मेरी जवानी बन जाएगी, छोड़ कर चले गए थे जो प्रेम की निशानी, वो बिटिया अब सयानी बन जाएगी, अब तो अंगुली उठाने लगे हैं लोग, तुम्हारी बेरुखी इक दिन मेरी कुर्बानी बन जाएगी, आ जाओ अभी वक़्त है,मेरे हमदम, वरना ये मीरा प्रेम की नहीं,मौत की दीवानी बन जाएगी। प्रेम दीवानी,
प्रेम दीवानी,
read moreAbhi Oli
पिया दर्शन की अभिलाषी मैं, दर्पण को देख मुस्काती मैं। तड़पन से जज़्बाती मैं, यौवन से उपवासी मैं।। गूँजे मर्म मे पक्षीश्वर, ढूँढे दर्द मे अधीश्वर। मेरे दर्प दर्शन दिखलाओ, हो जाऊं अर्द्घ मैं नारीश्वर।। छलके कबसे है यौवन, चमके पूनम सा रोशन। मिलके बने दो मन, बन जाए हम राधा- मोहन।। अब होगा कुछ कोहराम, हो गई जब से मैं अंजान। मेरे प्रियतम तपन बढ़ाए, अब ये अगन बने शमशान।। तू है धर्म अगर तो मैं धर्मांध, टूटे मेरे सब्र का अब बांध। मेरे प्रियतम अगन बुझाओ, या भस्म करो अब ब्रह्मांड।। #प्रेम #दीवानी
Savita Nimesh
मीरा तेरी वेदना समझ सका न कोय बाहर बाहर भजन करे और भीतर भीतर रोए कितना कष्ट सहा तूने मीरा इसका किसी को आभास न होय जोगन बन दर दर भटकी खुदको जैसे खोए कान्हा के प्रेम में यूं डूबी लोक लाज की न सुध बुध होय पावन निछल प्रेम था मीरा का फिर समझ सका न कोय यमराज बने जब राणा जी दे दी विष की प्याली भी कर लिया विषपान मीरा ने आत्मा तो कबसे मिल चुकी थी कान्हा जी से जाके मुक्त किया मीरा ने देह को क्योंकि दुनिया बस देह का प्रेम जाने हाय मीरा तेरा प्रेम अमर है जिसे समझ सका न कोय ©Savita Nimesh #प्रेम#दीवानी#मीरा