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Ravendra

नानपारा में हड़ताल पर अधिवक्ता पुलिस सर्कल अधिकारी के द्वारा अभद्रता किए जाने का आरोप बहराइच के पुलिस सीओ नानपारा के अभद्र व्यवहार पर अधिवक्

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OMG INDIA WORLD

#OMGINDIAWORLD दो टूक मुंह न लगें अभद्र, असभ्य व्यक्ति, चाहे परिवार का सदस्य हो या बाहरी व्यक्ति हो, उसके मुंह नहीं लगना चाहिए क्योंकि ऐस

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दो टूक.                            

मुंह न लगें

अभद्र, असभ्य व्यक्ति, चाहे परिवार का सदस्य हो या बाहरी व्यक्ति हो, उसके मुंह नहीं लगना चाहिए क्योंकि ऐसा व्यक्ति आत्ममुग्धता के नशे में इतना डूबा होता है कि उसे अपने से अधिक ज्ञानवान व्यक्ति कोई दूसरा नहीं दिखाई देता, इसलिए वह आपसे अभद्रता कर कभी भी, कहीं भी, किसी के भी सामने आपकी इज्जत उतार सकता है। अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए ऐसे व्यक्ति से बचने की कोशिश करनी चाहिए

©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD 
दो टूक

मुंह न लगें

अभद्र, असभ्य व्यक्ति, चाहे परिवार का सदस्य हो या बाहरी व्यक्ति हो, उसके मुंह नहीं लगना चाहिए क्योंकि ऐस

Anil Ray

निडर नजरे जो होती पाक तेरी तो शायद कुछ ओर बात होती। दोस्तों! तुम प्रदर्शन करने आये, सोचो क्या तुमने हासिल किया यदि तुम मेहनत करने आये होते त

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निडर नजरे जो होती पाक तेरी
तो शायद कुछ ओर बात होती।
दोस्तों! तुम प्रदर्शन करने आये,
सोचो क्या तुमने हासिल किया
यदि तुम मेहनत करने आये होते
तो शायद कुछ और बात होती।
भाव-भंगिमा से लगता है द्वेषपूर्ण दोष
व्याप्त था तुम्हारे शरीर में,
थोड़ी सी मानवता लेकर आये होते
तो शायद कुछ और बात होती।
समाज के प्रति  फर्ज नहीं देता 
किसी को अभद्रता का अधिकार,
भाई-बंधुओं से शालीनता बरतते
तो शायद कुछ और बात होती।
विघटनकारी शक्तियों के इशारों पर
कठपुतलियों की तरह नाचते हो,
अपने विवेक को प्रखर कर पाते
तो शायद कुछ और बात होती।
एकीकरण की बात करते हो
भाई के काम होने पर हो दूर,
सभी को जोड़कर एकता कर पाते
तो शायद कुछ और बात होती।
कसूर तुम्हारा भी नहीं है शायद
तुम्हारा धंधा है सनसनी फैलाना,
प्रेम-दर्शन को उतार पाते मन में
तो शायद कुछ और बात होती।

©Anil Ray निडर नजरे जो होती पाक तेरी
तो शायद कुछ ओर बात होती।
दोस्तों! तुम प्रदर्शन करने आये,
सोचो क्या तुमने हासिल किया
यदि तुम मेहनत करने आये होते
त

Insprational Qoute

द्रोपद दुलारी द्रोपदी ********************* चिर-कुमारी द्रोपदी द्रुपद दुलारी, यज्ञ से जन्मी याज्ञसेनी कहलाई, पंच कन्याओं में से वो ही एक है,

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द्रोपद दुलारी द्रोपदी
*********************
चिर-कुमारी द्रोपदी द्रुपद दुलारी,
यज्ञ से जन्मी याज्ञसेनी कहलाई,
पंच कन्याओं में से वो ही एक है,
वही  सुंदरता की मूरत है बताई।




सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। द्रोपद दुलारी द्रोपदी
*********************
चिर-कुमारी द्रोपदी द्रुपद दुलारी,
यज्ञ से जन्मी याज्ञसेनी कहलाई,
पंच कन्याओं में से वो ही एक है,

Jiyalal Meena ( Official )

कृपया इस मंच की पारदर्शिता बनाए रखें , मौजूदा टीम का डायरेक्टली पर्सनल अकाउंट को सपोर्ट करना, कोई आकर यहां पर अभद्रता फैलाता है किसी स्टार

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अनुज

वेदना युवाओं की, धरा पर खंडित आशाओं की, दम तोड़ती उम्मीदें, कद्र कहां प्रतिभाओं की, और फिर पकौड़े बेचना शहर-शहर सड़कों पर, डिग्री लेकर घूम र

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Alone   वेदना युवाओं की...
(अनुशीर्षक पढ़ें)

©अनुज वेदना युवाओं की,
धरा पर खंडित आशाओं की,
दम तोड़ती उम्मीदें,
कद्र कहां प्रतिभाओं की,
और फिर पकौड़े बेचना
शहर-शहर सड़कों पर,
डिग्री लेकर घूम र

Amit Mishra

सोशल मीडिया मोहल्ले के उस पार्क की तरह है जहाँ हम सुबह या शाम को अपना खाली वक़्त बिताने जाते हैं या यूँ कहें दिन भर की थकान और मानसिक तनाव के

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--सोशल मीडिया-- सोशल मीडिया मोहल्ले के उस पार्क की तरह है जहाँ हम सुबह या शाम को अपना खाली वक़्त बिताने जाते हैं या यूँ कहें दिन भर की थकान और मानसिक तनाव के

Mili Saha

// अगर ठान ले तो आसमान छू सकती है // औरत" जिसके बिना इस संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती को अगर इस सृष्टि का मूल कहा जाए तो यह सर्वा

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Unconditiona L💓ve😉

तुमनें जब लिखा था, तब पहाड़ों से टकराने की बिन मिले वापस विरह मुड़ जाने की बात कहीं थी,,, शायद तुम सही थी उस समय और अभी भी मैं एक पत्थर ही तो

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❊अमूल्य निधि ❊ 
─────────
होती हो...जब तुम,
अँधेरी निशा में,
प्रकाशित कोई दीप की आशा,
एक तुलसी सी पावन तेरी परिभाषा,
मेरी जीवन की तुझमें बची है"अमूल्य निधि "
इस अबोध बालक के फटे थैले में
तुम सदा मुस्कुराती रहना,
मेले-मैले छवि को चमकाती रहना
यहीं मेरी 'अंतिम अभिलाषा"

 
[ प्रादुर्भाव हुआ है तुझसे *अनुशीर्षक में *] तुमनें जब लिखा था,
तब पहाड़ों से टकराने की
बिन मिले वापस विरह मुड़ जाने की
बात कहीं थी,,, शायद तुम सही थी
उस समय और अभी भी
मैं एक पत्थर ही तो
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