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Rakesh frnds4ever
White ये समय जो असीमित तेज रफ्तार से दौड़ रहा है,, कहीं रुक जाए, ठहर जाए कहीं अब और नहीं , बस मुझमें बसे इस अकेलेपन से कोई निकाल ले मुझे,, हाथ पकड़ कर थाम ले कोई प्यार से बस इक बार पुकार ले,,, मेरा नाम ले कोई,,, इस सूनेपन एकाकीपन अकेलेपन की असीम सुनसान खामोश खाली तन्हा वीरानेपन की जगह से बाहर निकाल ले कोई,, टिक जाऊं मैं भी कहीं रुक जाऊं,,, थम जाऊं मैं भी कहीं ठहर जाऊं,,इक पल को ही सही चैन की सांस ले पाऊं मैं भी कभी कहीं ©Rakesh frnds4ever ये #समय जो असीमित तेज रफ्तार से दौड़ रहा है,, कहीं #रुक जाए, #ठहर जाए कहीं अब और नहीं , बस मुझमें बसे इस #अकेलेपन से कोई निकाल ले म
Anant Nag Chandan
White लाखों ख्वाहिशें खुदकुशी कर चुके हैं, दिल मेरा अब श्मशान हो चुका है। सब उम्मीदें अब धुंधली हो चुकी है, दिल का रास्ता अब वीरान हो चुका है। अनन्त ©Anant Nag Chandan #Sad_Status लाखों ख्वाहिशें खुदकुशी कर चुके हैं, दिल मेरा अब श्मशान हो चुका है। सब उम्मीदें अब धुंधली हो चुकी है, दिल का रास्ता अब वीरान हो
#Sad_Status लाखों ख्वाहिशें खुदकुशी कर चुके हैं, दिल मेरा अब श्मशान हो चुका है। सब उम्मीदें अब धुंधली हो चुकी है, दिल का रास्ता अब वीरान हो
read moreRishu singh
White मैं बाहर से बहुत मजबूत हु सच मानो मगर अंदर से उतना ही खोखला खाली वीरान 💔 ©Rishu singh #love_shayari मैं बाहर से बहुत मजबूत हु सच मानो मगर अंदर से उतना ही खोखला खाली वीरान 💔
#love_shayari मैं बाहर से बहुत मजबूत हु सच मानो मगर अंदर से उतना ही खोखला खाली वीरान 💔
read morePrakash writer05
मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में
read moreNiaz (Harf)
White यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-ए-ग़ैर में बसे हम, मगर दिल वहीं की गली है। याद आती हैं वो गलियाँ, जहाँ बचपन बीता था, दोस्तों की महफिलें, जहाँ हर ग़म भुलाया था। अम्मी की लोरियों में, सुकून-ए-दिल की बातें थीं, अब तो बस ख़्वाबों में, वो सारी राहतें हैं। वो मस्जिद की अज़ान, वो मंदिर की आरती, हर सुबह की ताज़गी, अब बस यादों की बात है। परदेस की चमक में, दिल की वीरानियाँ हैं, रोज़ी की तलाश में, बस यादों की परछाइयाँ हैं। वतन की मिट्टी की खुशबू, रूह में घुल जाती है, पर इस सफ़र की मंज़िल, बस एक बेचैनी लाती है। कब लौटूंगा उस ज़मीन पर, जहाँ दिल बसता था, मुल्क-ए-ग़ैर की दौलत, मुझे क्या रास आएगी? ©Niaz (Harf) #Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
#Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
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