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Stories related to हाकामा शाक

Rushda Sadaf

ख़्वाहिश ख्वाहिश से नहीं गिरते फल झोली में,
वक़्त की शाक़ को मेरे दोस्त हिलाना होगा..
कुछ नहीं होगा अंधेरों को बुरा कहने से,
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा...। शाक = टहनी

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Tafseer Ansari

बाद में ये ना कहना कि घर बदलना ठीक है वैसे सुनने में तो यही आया कि रास्ता ठीक है शाक से पत्ते गिरे, बारिशें हों, बादल छटे! सब कुछ हम ही गलत

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Tejas Hansraj Mane_Patil

परवीन शाकिर बिछड़ा हैं जो इक बार तो मिलते नहीं देखा उस ज़ख्म को हमने कभी सुलगते नहीं देखा इक बार जैसे चाट कर गयी धूप कि ख्वाईश फिर शाक पे उ

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 परवीन शाकिर

बिछड़ा हैं जो इक बार तो मिलते नहीं देखा
उस ज़ख्म को हमने कभी सुलगते नहीं देखा

 इक बार जैसे चाट कर गयी धूप कि ख्वाईश
फिर शाक पे उ

sandy

एक झाड कापलं जातं तेव्हा झाडाच्या मुळातून एखाद्या ज्वाळेसारखा वरवर चढणारा जीवनरस थिजून जातो एका खटक्यात. घरघर आवाज करत यंत्राचं पातं लगट करत

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 एक झाड कापलं जातं तेव्हा
झाडाच्या मुळातून एखाद्या ज्वाळेसारखा वरवर चढणारा जीवनरस थिजून जातो एका खटक्यात.
घरघर आवाज करत यंत्राचं पातं लगट करत

Vikas Sharma Shivaaya'

🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल

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🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें...,
  

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

      मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप:             मां ब्रह्मचारिणी

इस देवी ने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी- इस कठिन तपस्या के कारण इस देवी को तपश्चारिणी अर्थात्‌ ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया...,

मां दुर्गा की नवशक्ति का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है-यहां ब्रह्म का अर्थ तपस्या से है- मां दुर्गा का यह स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनंत फल देने वाला है-इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है,ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली।?-देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है-इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं...,

पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और नारदजी के उपदेश से भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी- इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात्‌ ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया-एक हजार वर्ष तक इन्होंने केवल फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया...कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप के घोर कष्ट सहे- तीन हजार वर्षों तक टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं-इसके बाद तो उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए-कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं-पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया.. ,

कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर एकदम क्षीण हो गया। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया, सराहना की और कहा -हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की-यह तुम्हीं से ही संभव थी-तुम्हारी मनोकामना परिपूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलि शिवजी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे-अब तपस्या छोड़कर घर लौट जाओ-जल्द ही तुम्हारे पिता तुम्हें बुलाने आ रहे हैं... ,

मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है- दुर्गा पूजा के दूसरे दिन देवी के इसी स्वरूप की उपासना की जाती है-इस देवी की कथा का सार यह है कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए.. 

श्लोक:
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

ध्यान मंत्र
 
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
 गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
 परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

Affirmations:
56.कोई भी हाथ जो हमें स्पर्श करता है वह एक रोग मुक्त करने वाला हाथ है...,
57.मैं अपने शरीर के संदेशों को सुनता हूँ...,
58.मेरा शरीर, मन और आत्मा एक स्वस्थ टीम हैं...,
59.मै वह स्वीकार कर लेता हूं, जो मेरे लिए सर्वोत्तम है...,
60.मेरा घर एक शांतिपूर्ण जगह है...,

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें...,
  

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल

Vikas Sharma Shivaaya'

*शिवरात्रि पूजन विधि* सुबह नहा धोकर भगवान शिव का पूजन करे पंचोपचार पूजन करे फिर शिवरात्रि का व्रत करने का संकल्प लें संकल्प में स्पष्ट कहे

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