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Ghumnam Gautam
अभिशापित आघातों से ज़हर बुझी कुछ बातों से निष्प्राण पड़े हैं मेरे स्वप्न― पिछली पन्द्रह रातों से ©Ghumnam Gautam #निष्प्राण #स्वप्न #अभिशापित #आघात #ज़हर #ghumnamgautam
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read moreArora PR
आखिर क्या पा लिया तुमने दुसरो के साथ इतने संबंध बना कर. क्या हासिल हुआ है तुम्हे भीड़ मे रह कर शिवाय दुख और पीड़ा के अतिरिक्त? हा ये सच हैँ कि उस भीड़ नेतुम्हे हिंसा प्रतिशोध लोभ और महत्वकाक्षाएं दी हैँ और सबसे अमहत्वपूर्ण. और असहज बात ये रही कि तुम्हे उस भीड़ ने आत्म तिरस्कार और. नफ़रत का अभिशाप देकर तुम्हे अपनी ही नज़रो मे गिराने का काम किया हैँ ©Arora PR अभिशाप
अभिशाप
read moreParasram Arora
अन्याय अत्याचार और दास्तव तों पिछली पीडिया देख चुकी हैँ अब तों आतंक व्यभिचार और भृष्टाचार नई पीड़ी के लिये अभीशाप बन कर पसर रहा हैँ ©Parasram Arora अभिशाप....
अभिशाप....
read moreHP
जो सुखी रहना चाहता है, प्रसन्न रहना चाहता है, सन्तुष्ट रहना चाहता है, उसे सशक्त बनना चाहिये। अशक्त व्यक्ति पर सुख की प्रतिक्रिया भी विपरीत ही होती है। जो अशक्त है, निर्जीव है, रोगी है, उसके सम्मुख यदि हर्ष का वातावरण उपस्थित होता है और दूसरे अन्य लोग हँसे व प्रसन्न होते हैं तो उसे दुःख ही होता है। इसलिये शिष्टाचार के अंतर्गत यह एक नैतिक नियम है कि निःशक्त रोगी आदि व्यक्तियों के सम्मुख हँसना न चाहिये। कितना भयंकर अभिशाप है कि अशक्त व्यक्ति स्वयं तो नहीं ही हँस-बोल सकता, दूसरों को भी प्रसन्न नहीं होने देता। अभिशाप
अभिशाप
read moreHP
खुद के दुःख को उत्तेजित करने के कारण किसी के रोने-धोने में भी बुरा मानता है। निःसन्देह, ऐसे दुःख-प्रवण व्यक्तियों का जीवन एक भयंकर अभिशाप बन जाता है। अभिशाप
अभिशाप
read moreGautam_Anand
दो कौड़ी कि है हैसियत उसकी जो अच्छे अच्छों को उनकी औकात बता देती है कुछ तो कारीगरी रही होगी उसमें जो मुझको मेरे घर में खैरात बता देती है उसे याद बहुत रहता है घर के हर एक शय पे कितने एहसान किये हैं उसने उसके यादों की बेशर्मी कहिये जिस दम पे उम्र गुजारी उन रिश्तों को वाहियात बता देती है वो ग़ैर थी ग़ैर ही रह गई क्या मलाल करूँ उससे अपने रिश्तों का चोट उनसे बेपनाह मिली जो खून के रिश्ते को अभिशाप बना देती है क्या कमाल की खुदाई है ख़ुदा देख के हैरान हो जाए वो घर के ख़ुदा को उसके बच्चों की ज़ात बता देती है #अभिशाप
HP
चरित्र के साँचे में ढाले गये कम साधनों में भी पूर्ण प्रसन्नता का जीवन व्यतीत कर लेते हैं। दुर्गुणी व्यक्तियों के लिये तो सम्पन्नता अभिशाप ही सिद्ध होती है। अभिशाप
अभिशाप
read moreKhushi Kandu
इस अनंत विशालकाय आकाश में मात्र मेरे अतृप्त इच्छाओं के लिए स्थान नहीं ये नियति नहीं अभिशाप है.... ©Khushi Kandu #अभिशाप #curse
Balram Singh Thakur
*अभिशाप* *************************************** 2122 2122 2122 212 *************************************** भीष्म ने ये कह दिया, हे ! अर्जुने। संधान कर, बाण की शैय्या बना दे,कृष्ण का अब ध्यान कर। व्यास कहते काल बुत बन,के खड़ा कुछ काल तक, राह बस तकता रहा, कितने महीने साल तक। योग में लेटे रहे तब , लोचनें ही भीगते, चीखती थी पीर लेकिन, भीष्म जी ना चीखते। बच सका है कौन मानुष, इस जहाँ में पाप से, मर रहे हैं भीष्म सा हम,भी किसी अभिशाप से। योग मुद्रा में पड़े हम , भीष्म जैसा बेड पर, श्वांस खातिर मर रहे अब, पेट के बल लेट कर। जागते सब सुन रहे हैं, अट्टहासें काल का, खून हमको भी बुलाता, किस मनुज के लाल का। काल रूपी नाग अब, सबके सिरों पर चल रहा, साँस तो मौजूद लेकिन, साँस में ना 'बल' रहा। मौत 'सच' है इसलिए तू, मौत का सम्मान कर, भीष्म ने ये कह दिया, हे ! अर्जुने। संधान कर।। **************************************** सुखी रहो,स्वस्थ रहो, लेकिन थोड़े दूरस्थ रहो। *बल्लू-बल* **************************************** ©Balram Singh Thakur अभिशाप #Nodiscrimination
अभिशाप #Nodiscrimination
read moreParasram Arora
"सौंदर्य "का शव गोद मे लिए रौ रही थी "अमरता " जबकि व्यस्त है पुरषार्थ चिता जलाने मे निशफल रहे है चक्रधर और मर्यादा के प्रहरी भीअपनी देह बचाने मे काल तिमिर के नागपाश मे हम सभी बंधक बन चुके है और चिता की लाल लपटो मे जीवन ले रहा है करवट "नश्वरता "धू धू कर जल रही और परिहास कर रहा "शाश्वत " आज एक नया सत्य हुआ है उजागर वो भी नए सन्दर्भॉ के साथ कि नश्वर जीवन को आज मिल गया है अमर मृत्यु का अभिशाप ©Parasram Arora अभिशाप #fish
अभिशाप #fish
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