Find the Latest Status about ख्वाहिशें रेख़्ता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ख्वाहिशें रेख़्ता.
Rajani Gupta (Ruhh)
इश्क़ ने इश्क़ के लिए लिवाश-ए- कफ़न मांगा है.. एक घूंट भी ना मिले पानी, ऐसी जगह मौत - ए- दफ़न मांगा है...!! @रजनी..✏️💔 #हिंदीकविता #शायरी #रेख़्ता
हिंदीकविता शायरी रेख़्ता
read moreAkshay Meena Gupta
अलविदा दिल-ए-ख़ुश-फ़हम उम्मीद न रख उनके लौट आने का खुद से मुख्तलिफ कर उन्हें अलविदा कह के #रेख़्ता #Rekhta #अलविदा
Hemant Rai
रेख़्ता __________ कोई हिंदू, कोई मुस्लिम, कोई सिक्ख तो, कोई ख़ुद को ईसाई बताता है, कमबख्त ये इंसान, ख़ुद को इंसान क्यूं नहीं बताता है! __________ हेमंत राय। #रेख़्ता #शायरी #हिंदी #nojoto
रेख़्ता शायरी हिंदी nojoto
read moreHemant Rai
रेख़्ता ___________ कुछ इस तरह से तुम मुझे, ख़राब कर गई एक प्याला चाय थी ज़िन्दगी मेरी, तुम इसे पूरी बोतल शराब के गई। ___________ हेमंत राय। #रेख़्ता #hope #Aawaaz #NOJOTO #shayari #शराब #हिंदी
ज़िंदादिल संदीप
पहुंच जाऊंगा ही अब जो कदम उठा चुका हूं तुझे पाने के लिए.. गर्दिश में है सही ..पर तैयार है सितारे मुझमें नूर लाने के लिए.. इक आजमाइश जो दिल की कमरे में बंद कर रखा था सालों से..यूहीं ज़िंदा हुई है बेसब्र सी होकर.. मुझमें कहीं ना कहीं मिल जाने के लिए.. जश्न ए रेख़्ता 2019.. here I come
जश्न ए रेख़्ता 2019.. here I come
read moreश्वेता शर्मा
तुम्हें पाने की जिद्द तो नहीं मेरी लेकिन हां तुम्हें चाहने की ख़्वाहिश की कोई हद भी नहीं मेरी ©श्वेता शर्मा #ख्वाहिशें
Ambika Mallik
ग़ज़ल ख्वाहिशें कारवाँ जिंदगी का यूँ ही गुजरता रहा। दीवाना उम्र एक पड़ाव मांगता रहा ।। बहारें आयी और जीवन छोटी होती गई। ख्वाहिशें हर दिन अपना पता खोजता रहा।। क्या पाया क्या खोया के गणित में। अनगिनत अरमानों के पन्ने जोड़ता रहा।। नहीं मिला अब तक वो पल जो सुकून दे जाए। दिल की बेकरारी ठहराव तलाशता रहा।। कहाँ कहाँ हैं मेरे वजूद के निशान । हर चेहरे को अम्बे भीड़ में परखता रहा।। अम्बिका मल्लिक ✍️ ©Ambika Mallik #ख्वाहिशें
हिमांशु Kulshreshtha
अंधेरों को रौशन करने को चाँद की ख्वाहिश की थी क्या ख़बर थी सितारे भी गुम हो जाएंगे रात की स्याही में ©हिमांशु Kulshreshtha ख्वाहिशें....
ख्वाहिशें....
read moreManmohan Dheer
सौ अखूरे ख़्वाबों की तरह की ख्वाहिशों का जोर कोई जिस्म पूरा रखे या रूह को ज़िंदा रखे पहले सवाल तो कई है नई नस्ल की आंखों में घूरते हुए सवाल तो ये भी है कि ये दुनियादारी तो सीखे पहले . ख्वाहिशें
ख्वाहिशें
read moremaddylines
घुटन सी होने लगी उसके पास जाते हुए खुद से रुठ गया हूँ उसको मनाते हुए ये ताश के पत्ते है, गिर ही जाते है हाथों की लकीरें मिट गई, उनको जमाते हुए बार बार वही मंजर देखना पड़ रहा है बार बार वही मंजर देखना पड रहा है आंखों में सपने सुख गए है, सपना सजाते हुए आलम है कि कोई पूछता ही नही अब आलम है कि कोई पूछता ही नहीं खुद से बेगाने हो गए है, सबको अपनाते हुए ख्वाहिशें
ख्वाहिशें
read more